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(src)="b.GEN.1.1.1"> በመጀመሪያ እግዚአብሔር ሰማይንና ምድርን ፈጠረ ።
(trg)="b.GEN.1.1.1"> आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की ।

(src)="b.GEN.1.2.1"> ምድርም ባዶ ነበረች ፥ አንዳችም አልነበረባትም ፤ ጨለማም በጥልቁ ላይ ነበረ ፤ የእግዚአብሔርም መንፈስ በውኃ ላይ ሰፍፎ ነበር ።
(trg)="b.GEN.1.2.1"> और पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी ; और गहरे जल के ऊपर अन्धियारा था : तथा परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डलाता था ।

(src)="b.GEN.1.3.1"> እግዚአብሔርም ። ብርሃን ይሁን ኣለ ፤ ብርሃንም ሆነ ።
(trg)="b.GEN.1.3.1"> तब परमेश्वर ने कहा , उजियाला हो : तो उजियाला हो गया ।

(src)="b.GEN.1.4.1"> እግዚአብሔርም ብርሃኑ መልካም እንደ ሆነ አየ ፤ እግዚብሔርም ብርሃንንና ጨለማን ለየ ።
(trg)="b.GEN.1.4.1"> और परमेश्वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है ; और परमेश्वर ने उजियाले को अन्धियारे से अलग किया ।

(src)="b.GEN.1.5.1"> እግዚአብሔርም ብርሃኑን ቀን ብሎ ጠራው ፥ ጨለማውንም ሌሊት አለው ። ማታም ሆነ ጥዋትም ሆነ ፥ አንድ ቀን ።
(trg)="b.GEN.1.5.1"> और परमेश्वर ने उजियाले को दिन और अन्धियारे को रात कहा । तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ । इस प्रकार पहिला दिन हो गया । ।

(src)="b.GEN.1.6.1"> እግዚአብሔርም ። በውኆች መካከል ጠፈር ይሁን ፥ በውኃና በውኃ መካከልም ይክፈል አለ ።
(trg)="b.GEN.1.6.1"> फिर परमेश्वर ने कहा , जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए ।

(src)="b.GEN.1.7.1"> እግዚአብሔርም ጠፈርን አደረገ ፥ ከጠፈር በታችና ከጠፈር በላይ ያሉትንም ውኆች ለየ ፤ እንዲሁም ሆነ ።
(trg)="b.GEN.1.7.1"> तब परमेश्वर ने एक अन्तर करके उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया ; और वैसा ही हो गया ।

(src)="b.GEN.1.8.1"> እግዚአብሔር ጠፈርን ሰማይ ብሎ ጠራው ። ማታም ሆነ ጥዋትም ሆነ ፥ ሁለተኛ ቀን ።
(trg)="b.GEN.1.8.1"> और परमेश्वर ने उस अन्तर को आकाश कहा । तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ । इस प्रकार दूसरा दिन हो गया । ।

(src)="b.GEN.1.9.1"> እግዚአብሔርም ። ከሰማይ በታች ያለው ውኃ በአንድ ስፍራ ይሰብሰብ ፥ የብሱም ይገለጥ አለ እንዲሁም ሆነ ።
(trg)="b.GEN.1.9.1"> फिर परमेश्वर ने कहा , आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे ; और वैसा ही हो गया ।

(src)="b.GEN.1.10.1"> እግዚአብሔርም የብሱን ምድር ብሎ ጠራው ፤ የውኃ መከማቻውንም ባሕር አለው ፤ እግዚእብሔርም ያ መልካም እንደ ሆነ አየ ።
(trg)="b.GEN.1.10.1"> और परमेश्वर ने सूखी भूमि को पृथ्वी कहा ; तथा जो जल इकट्ठा हुआ उसको उस ने समुद्र कहा : और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है ।

(src)="b.GEN.1.11.1"> እግዚአብሔርም ። ምድር ዘርን የሚሰጥ ሣርንና ቡቃያን በምድርም ላይ እንደ ወገኑ ዘሩ ያለበትን ፍሬን የሚያፈራ ዛፍን ታብቅል አለ ፤ እንዲሁም ሆነ ።
(trg)="b.GEN.1.11.1"> फिर परमेश्वर ने कहा , पृथ्वी से हरी घास , तथा बीजवाले छोटे छोटे पेड़ , और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्ही में एक एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें ; और वैसा ही हो गया ।

(src)="b.GEN.1.12.1"> ምድርም ዘርን የሚሰጥ ሣርንና ቡቃያን እንደ ወገኑ ዘሩም ያለበትን ፍሬን የሚያፈራ ዛፍን እንደ ወገኑ አበቀለች ። እግዚአብሔርም ያ መልካም እንደ ሆነ አየ ።
(trg)="b.GEN.1.12.1"> तो पृथ्वी से हरी घास , और छोटे छोटे पेड़ जिन में अपनी अपनी जाति के अनुसार बीज होता है , और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक एक की जाति के अनुसार उन्ही में होते हैं उगे ; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है ।

(src)="b.GEN.1.13.1"> ማታም ሆነ ጥዋትም ሆነ ፥ ሦስተኛ ቀን ።
(trg)="b.GEN.1.13.1"> तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ । इस प्रकार तीसरा दिन हो गया । ।

(src)="b.GEN.1.14.1"> እግዚአብሔርም አለ ። ቀንና ሌሊትን ይለዩ ዘንድ ብርሃናት በሰማይ ጠፈር ይሁኑ ፤ ለምልክቶች ለዘመኖች ለዕለታት ለዓመታትም ይሁኑ ፤
(trg)="b.GEN.1.14.1"> फिर परमेश्वर ने कहा , दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियां हों ; और वे चिन्हों , और नियत समयों , और दिनों , और वर्षों के कारण हों ।

(src)="b.GEN.1.15.1"> በምድር ላይ ያበሩ ዘንድ በሰማይ ጠፈር ብርሃናት ይሁኑ ፤ እንዲሁም ሆነ ።
(trg)="b.GEN.1.15.1"> और वे ज्योतियां आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली भी ठहरें ; और वैसा ही हो गया ।

(src)="b.GEN.1.16.1"> እግዚአብሔርም ሁለት ታላላቆች ብርሃናትን አደረገ ፤ ትልቁ ብርሃን በቀን እንዲሠለጥን ፥ ትንሹም ብርሃን በሌሊት እንዲሰለጥን ፤ ከዋክብትንም ደግሞ አደረገ ።
(trg)="b.GEN.1.16.1"> तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं ; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये , और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया : और तारागण को भी बनाया ।

(src)="b.GEN.1.17.1"> እግዚአብሔርም በምድር ላይ ያበሩ ዘንድ በሰማይ ጠፈር አኖራቸው ፤
(trg)="b.GEN.1.17.1"> परमेश्वर ने उनको आकाश के अन्तर में इसलिये रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें ,

(src)="b.GEN.1.18.1"> በቀንም በሌሊትም እንዲሠለጥኑ ፥ ብርሃንንና ጨለማንም እንዲለዩ ፤ እግዚአብሔርም ያ መልካም እንደ ሆነ አየ ።
(trg)="b.GEN.1.18.1"> तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अन्धियारे से अलग करें : और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है ।

(src)="b.GEN.1.19.1"> ማታም ሆነ ጥዋትም ሆነ ፥ አራተኛ ቀን ።
(trg)="b.GEN.1.19.1"> तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ । इस प्रकार चौथा दिन हो गया । ।

(src)="b.GEN.1.20.1"> እግዚአብሔርም አለ ። ውኃ ሕያው ነፍስ ያላቸውን ተንቀሳቃሾች ታስገኝ ፥ ወፎችም ከምድር በላይ ከሰማይ ጠፈር በታች ይብረሩ ።
(trg)="b.GEN.1.20.1"> फिर परमेश्वर ने कहा , जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए , और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश कें अन्तर में उड़ें ।

(src)="b.GEN.1.21.1"> እግዚአብሔርም ታላላቆች አንበሪዎችን ፥ ውኃይቱ እንደ ወገኑ ያስገኘቻቸውንም ተንቀሳቃሾቹን ሕያዋን ፍጥረታት ሁሉ ፥ እንደ ወገኑ የሚበሩትንም ወፎች ሁሉ ፈጠረ ፤ እግዚአብሔርም ያ መልካም እንደ ሆነ አየ ።
(trg)="b.GEN.1.21.1"> ठसलिये परमेश्वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल- जन्तुओं की , और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते फिरते हैं जिन से जल बहुत ही भर गया और एक एक जाति के उड़नेवाले पक्षियों की भी सृष्टि की : और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है ।

(src)="b.GEN.1.22.1"> እግዚአብሔርም እንዲህ ብሎ ባረካቸው ። ብዙ ተባዙም የባሕርንም ውኃ ሙሉአት ፤ ወፎችም በምድር ላይ ይብዙ ።
(trg)="b.GEN.1.22.1"> और परमेश्वर ने यह कहके उनको आशीष दी , कि फूलो- फलो , और समुद्र के जल में भर जाओ , और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें ।

(src)="b.GEN.1.23.1"> ማታም ሆነ ጥዋትም ሆነ ፥ አምስተኛ ቀን ።
(trg)="b.GEN.1.23.1"> तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ । इस प्रकार पांचवां दिन हो गया ।

(src)="b.GEN.1.24.1"> እግዚአብሔርም አለ ። ምድር ሕያዋን ፍጥረታትን እንደ ወገኑ ፥ እንስሳትንና ተንቀሳቃሾችን የምድር አራዊትንም እንደ ወገኑ ፥ ታውጣ ፤ እንዲሁም ሆነ ።
(trg)="b.GEN.1.24.1"> फिर परमेश्वर ने कहा , पृथ्वी से एक एक जाति के जीवित प्राणी , अर्थात् घरेलू पशु , और रेंगनेवाले जन्तु , और पृथ्वी के वनपशु , जाति जाति के अनुसार उत्पन्न हों ; और वैसा ही हो गया ।

(src)="b.GEN.1.25.1"> እግዚአብሔር የምድር አራዊትን እንደ ወገኑ አደረገ ፥ እንስሳውንም እንደ ወገኑ ፥ የመሬት ተንቀሳቃሾችንም እንደ ወገኑ አደረገ ፤ እግዚአብሔርም ያ መልካም እንደ ሆነ አየ ።
(trg)="b.GEN.1.25.1"> सो परमेश्वर ने पृथ्वी के जाति जाति के वनपशुओं को , और जाति जाति के घरेलू पशुओं को , और जाति जाति के भूमि पर सब रेंगनेवाले जन्तुओं को बनाया : और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है ।

(src)="b.GEN.1.26.1"> እግዚአብሔርም አለ ። ሰውን በመልካችን እንደ ምሳሌአችን እንፍጠር ፤ የባሕር ዓሦችንና የሰማይ ወፎችን ፥ እንስሳትንና ምድርን ሁሉ ፥ በምድር ላይ የሚንቀሳቀሱትንም ሁሉ ይግዙ ።
(trg)="b.GEN.1.26.1"> फिर परमेश्वर ने कहा , हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं ; और वे समुद्र की मछलियों , और आकाश के पक्षियों , और घरेलू पशुओं , और सारी पृथ्वी पर , और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं , अधिकार रखें ।

(src)="b.GEN.1.27.1"> እግዚአብሔርም ሰውን በመልኩ ፈጠረ ፤ በእግዚአብሔር መልክ ፈጠረው ፤ ወንድና ሴት አድርጎ ፈጠራቸው ።
(trg)="b.GEN.1.27.1"> तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया , अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया , नर और नारी करके उस ने मनुष्यों की सृष्टि की ।

(src)="b.GEN.1.28.1"> እግዚአብሔርም ባረካቸው ፥ እንዲህም አላቸው ። ብዙ ፥ ተባዙ ፥ ምድርንም ሙሉአት ፥ ግዙአትም ፤ የባሕርን ዓሦችና የሰማይን ወፎች በምድር ላይ የሚንቀሳቀሱትንም ሁሉ ግዙአቸው ።
(trg)="b.GEN.1.28.1"> और परमेश्वर ने उनको आशीष दी : और उन से कहा , फूलो- फलो , और पृथ्वी में भर जाओ , और उसको अपने वश में कर लो ; और समुद्र की मछलियों , तथा आकाश के पक्षियों , और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो ।

(src)="b.GEN.1.29.1"> እግዚአብሔርም አለ ። እነሆ መብል ይሆናችሁ ዘንድ በምድር ፊት ሁሉ ላይ ዘሩ በእርሱ ያለውን ሐመልማል ሁሉ ፥ የዛፍን ፍሬ የሚያፈራውንና ዘር ያለውንም ዛፍ ሁሉ ሰጠኋችሁ ፤
(trg)="b.GEN.1.29.1"> फिर परमेश्वर ने उन से कहा , सुनो , जितने बीजवाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं , वे सब मैं ने तुम को दिए हैं ; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं :

(src)="b.GEN.1.30.1"> ለምድርም አራዊት ሁሉ ፥ ለሰማይም ወፎች ሁሉ ፥ ሕያው ነፍስ ላላቸው ለምድር ተንቀሳቃሾችም ሁሉ የሚበቅለው ሐመልማል ሁሉ መብል ይሁንላቸው ፤ እንዲሁም ሆነ ።
(trg)="b.GEN.1.30.1"> और जितने पृथ्वी के पशु , और आकाश के पक्षी , और पृथ्वी पर रेंगनेवाले जन्तु हैं , जिन में जीवन के प्राण हैं , उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं ; और वैसा ही हो गया ।

(src)="b.GEN.1.31.1"> እግዚአብሔርም ያደረገውን ሁሉ አየ ፥ እነሆም እጅግ መልካም ነበረ ። ማታም ሆነ ጥዋትም ሆነ ፥ ስድስተኛ ቀን ።
(trg)="b.GEN.1.31.1"> तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था , सब को देखा , तो क्या देखा , कि वह बहुत ही अच्छा है । तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ । इस प्रकार छठवां दिन हो गया । ।

(src)="b.GEN.2.1.1"> ሰማይና ምድር ሠራዊታቸውም ሁሉ ተፈጸሙ ።
(trg)="b.GEN.2.1.1"> यों आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया ।

(src)="b.GEN.2.2.1"> እግዚአብሔርም የሠራውን ሥራ በሰባተኛው ቀን ፈጸመ ፤ በሰባተኛውም ቀን ከሠራው ሥራ ሁሉ ዐረፈ ።
(trg)="b.GEN.2.2.1"> और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया । और उस ने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया ।

(src)="b.GEN.2.3.1"> እግዚአብሔርም ሰባተኛውን ቀን ባረከው ቀደሰውም ፤ እግዚአብሔር ሊያደርገው ከፈጠረው ሥራ ሁሉ በእርሱ ዐርፎአልና ።
(trg)="b.GEN.2.3.1"> और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्रा ठहराया ; क्योंकि उस में उस ने अपनी सृष्टि की रचना के सारे काम से विश्राम लिया ।

(src)="b.GEN.2.4.1"> እግዚአብሔር አምላክ ሰማይንና ምድርን ባደረገ አምላክ ሰማይንና ምድርን ቀን ፥ በተፈጠሩ ጊዜ የሰማይና የምድር ልደት ይህ ነው ።
(trg)="b.GEN.2.4.1"> आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्पन्न हुए अर्थात् जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया :

(src)="b.GEN.2.5.1"> የሜዳ ቁጥቋጦ ሁሉ በምድር ላይ ገና አልነበረም ፤ የሜዳውም ቡቃያ ሁሉ ገና አልበቀለም ነበር ፤ እግዚአብሔር አምላክ ምድር ላይ አላዘነበም ነበርና ፥ ምድርንም የሚሠራባት ሰው አልነበረም ፤
(trg)="b.GEN.2.5.1"> तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था , और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था , क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था , और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था ;

(src)="b.GEN.2.6.1"> ነገር ግን ጉም ከምድር ትወጣ ነበር ፥ የምድርንም ፊት ሁሉ ታጠጣ ነበር ።
(trg)="b.GEN.2.6.1"> तौभी कुहरा पृथ्वी से उठता था जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी

(src)="b.GEN.2.7.1"> እግዚአብሔር አምላክም ሰውን ከምድር አፈር አበጀው ፤ በአፍንጫውም የሕይወት እስትንፋስን እፍ አለበት ፤ ሰውም ሕያው ነፍስ ያለው ሆነ ።
(trg)="b.GEN.2.7.1"> और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनो में जीवन का श्वास फूंक दिया ; और आदम जीवता प्राणी बन गया ।

(src)="b.GEN.2.8.1"> እግዚአብሔር አምላክም በምሥራቅ በዔድን ገነትን ተከለ የፈጠረውንም ሰው ከዚያው አኖረው ።
(trg)="b.GEN.2.8.1"> और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक बाटिका लगाई ; और वहां आदम को जिसे उस ने रचा था , रख दिया ।

(src)="b.GEN.2.9.1"> እግዚአብሔር አምላክም ለማየት ደስ የሚያሰኘውን ፥ ለመብላትም መልካም የሆነውን ዛፍ ሁሉ ከምድር አበቀለ ፤ በገነትም መካከል የሕይወትን ዛፍ ፥ መልካምንና ክፉን የሚያስታውቀውንም ዛፍ አበቀለ ።
(trg)="b.GEN.2.9.1"> और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भांति के वृक्ष , जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं उगाए , और बाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया ।

(src)="b.GEN.2.10.1"> ወንዝም ገነትን ያጠጣ ዘንድ ከዔድን ይወጣ ነበር ፤ ከዚያም ለአራት ክፍል ይከፈል ነበር ።
(trg)="b.GEN.2.10.1"> और उस बाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली और वहां से आगे बहकर चार धारा में हो गई ।

(src)="b.GEN.2.11.1"> የአንደኛው ወንዝ ስም ፊሶን ነው ፤ እርሱም ወርቅ የሚገኝበትን የኤውላጥ ምድርን ይከብባል ፤ የዚያም ምድር ወርቅ ጥሩ ነው ፤
(trg)="b.GEN.2.11.1"> पहिली धारा का नाम पीशोन् है , यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहां सोना मिलता है घेरे हुए है ।

(src)="b.GEN.2.12.1"> ከዚያም ሉልና የከበረ ድንጋይ ይገኛል ።
(trg)="b.GEN.2.12.1"> उस देश का सोना चोखा होता है , वहां मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं ।

(src)="b.GEN.2.13.1"> የሁለተኛውም ወንዝ ስም ግዮን ነው ፤ እርሱም የኢትዮጵያን ምድር ሁሉ ይከብባል ።
(trg)="b.GEN.2.13.1"> और दूसरी नदी का नाम गीहोन् है , यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है ।

(src)="b.GEN.2.14.1"> የሦስተኛውም ወንዝ ስም ጤግሮስ ነው ፤ እርሱም በአሦር ምሥራቅ የሚሄድ ነው ።
(trg)="b.GEN.2.14.1"> और तीसरी नदी का नाम हि : केल् है , यह वही है जो अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है । और चौथी नदी का नाम फरात है ।

(src)="b.GEN.2.15.1"> አራተኛውም ወንዝ ኤፍራጥስ ነው ። እግዚአብሔር አምላክም ሰውን ወስዶ ያበጃትም ይጠብቃትም ዘንድ በዔድን ገነት አኖረው ።
(trg)="b.GEN.2.15.1"> जब यहोवा परमेश्वर ने आदम को लेकर अदन की बाटिका में रख दिया , कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे ,

(src)="b.GEN.2.16.1"> እግዚአብሔር አምላክም ሰውን እንዲህ ብሎ አዘዘው ። ከገነት ዛፍ ሁሉ ትበላለህ ፤
(trg)="b.GEN.2.16.1"> तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी , कि तू बाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है :

(src)="b.GEN.2.17.1"> ነገር ግን መልካምንና ክፉን ከሚያስታውቀው ዛፍ አትብላ ፤ ከእርሱ በበላህ ቀን ሞትን ትሞታለህና ።
(trg)="b.GEN.2.17.1"> पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है , उसका फल तू कभी न खाना : क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा । ।

(src)="b.GEN.2.18.1"> እግዚአብሔር አምላክም አለ ። ሰው ብቻውን ይሆን ዘንድ መልካም አይደለም ፤ የሚመቸውን ረዳት እንፍጠርለት ።
(trg)="b.GEN.2.18.1"> फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा , आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं ; मै उसके लिये एक ऐसा सहायक बनाऊंगा जो उस से मेल खाए ।

(src)="b.GEN.2.19.1"> እግዚአብሔር አምላክም የምድር አራዊትንና የሰማይ ወፎችን ሁሉ ከመሬት አደረገ ፤ በምን ስም እንደሚጠራቸውም ያይ ዘንድ ወደ አዳም አመጣቸው ፤ አዳምም ሕያው ነፍስ ላለው ሁሉ በስሙ እንደ ጠራው ስሙ ያው ሆነ ።
(trg)="b.GEN.2.19.1"> और यहोवा परमेश्वर भूमि में से सब जाति के बनैले पशुओं , और आकाश के सब भँाति के पक्षियों को रचकर आदम के पास ले आया कि देखे , कि वह उनका क्या क्या नाम रखता है ; और जिस जिस जीवित प्राणी का जो जो नाम आदम ने रखा वही उसका नाम हो गया ।

(src)="b.GEN.2.20.1"> አዳምም ለእንስሳት ሁሉ ፥ ለሰማይ ወፎችም ሁሉ ፥ ለምድር አራዊትም ሁሉ ስም አወጣላቸው ፤ ነገር ግን ለአዳም እንደ እርሱ ያለ ረዳት አልተገኘለትም ነበር ።
(trg)="b.GEN.2.20.1"> सो आदम ने सब जाति के घरेलू पशुओं , और आकाश के पक्षियों , और सब जाति के बनैले पशुओं के नाम रखे ; परन्तु आदम के लिये कोई ऐसा सहायक न मिला जो उस से मेल खा सके ।

(src)="b.GEN.2.21.1"> እግዚአብሔር አምላክም በአዳም ከባድ እንቅልፍን ጣለበት ፥ አንቀላፋም ፤ ከጎኑም አንዲት አጥንትን ወስዶ ስፍራውን በሥጋ ዘጋው ።
(trg)="b.GEN.2.21.1"> तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नीन्द में डाल दिया , और जब वह सो गया तब उस ने उसकी एक पसुली निकालकर उसकी सन्ती मांस भर दिया ।

(src)="b.GEN.2.22.1"> እግዚአብሔር አምላክም ከአዳም የወሰዳትን አጥንት ሴት አድርጎ ሠራት ፤ ወደ አዳምም አመጣት ።
(trg)="b.GEN.2.22.1"> और यहोवा परमेश्वर ने उस पसुली को जो उस ने आदम में से निकाली थी , स्त्री बना दिया ; और उसको आदम के पास ले आया ।

(src)="b.GEN.2.23.1"> አዳምም አለ ። ይህች አጥንት ከአጥንቴ ናት ፥ ሥጋም ከሥጋዬ ናት ፤ እርስዋ ከወንድ ተገኝታለችና ሴት ትባል ።
(trg)="b.GEN.2.23.1"> और आदम ने कहा अब यह मेरी हडि्डयों में की हड्डी और मेरे मांस में का मांस है : सो इसका नाम नारी होगा , क्योंकि यह नर में से निकाली गई है ।

(src)="b.GEN.2.24.1"> ስለዚህ ሰው አባቱንና እናቱን ይተዋል ፥ በሚስቱም ይጣበቃል ፤ ሁለቱም አንድ ሥጋ ይሆናሉ ።
(trg)="b.GEN.2.24.1"> इस कारण पुरूष अपने माता पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा और वे एक तन बनें रहेंगे ।

(src)="b.GEN.2.25.1"> አዳምና ሚስቱ ሁለቱም ዕራቁታቸውን ነበሩ ፥ አይተፋፈሩም ነበር ።
(trg)="b.GEN.2.25.1"> और आदम और उसकी पत्नी दोनों नंगे थे , पर लजाते न थे । ।

(src)="b.GEN.3.1.1"> እባብም እግዚአብሔር አምላክ ከፈጠረው ከምድር አውሬ ሁሉ ይልቅ ተንኰለኛ ነበረ ። ሴቲቱንም ። በውኑ እግዚአብሔር ከገነት ዛፍ ሁሉ እንዳትበሉ አዝዞአልን ? አላት ።
(trg)="b.GEN.3.1.1"> यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे , उन सब में सर्प धूर्त था , और उस ने स्त्री से कहा , क्या सच है , कि परमेश्वर ने कहा , कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना ?

(src)="b.GEN.3.2.1"> ሴቲቱም ለእባቡ አለችው ። በገነት ካለው ከዛፍ ፍሬ እንበላለን ፤
(trg)="b.GEN.3.2.1"> स्त्री ने सर्प से कहा , इस बाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं ।

(src)="b.GEN.3.3.1"> ነገር ግን በገነት መካከል ካለው ከዛፉ ፍሬ ፥ እግዚአብሔር አለ ። እንዳትሞቱ ከእርሱ አትብሉ አትንኩትም ።
(trg)="b.GEN.3.3.1"> पर जो वृक्ष बाटिका के बीच में है , उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना , नहीं तो मर जाओगे ।

(src)="b.GEN.3.4.1"> እባብም ለሴቲቱ አላት ። ሞትን አትሞቱም ፤
(trg)="b.GEN.3.4.1"> तब सर्प ने स्त्री से कहा , तुम निश्चय न मरोगे ,

(src)="b.GEN.3.5.1"> ከእርስዋ በበላችሁ ቀን ዓይኖቻችሁ እንዲከፈቱ እንደ እግዚአብሔርም መልካምንና ክፉን የምታውቁ እንድትሆኑ እግዚአብሔር ስለሚያውቅ ነው እንጂ ።
(trg)="b.GEN.3.5.1"> वरन परमेश्वर आप जानता है , कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखे खुल जाएंगी , और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे ।

(src)="b.GEN.3.6.1"> ሴቲቱም ዛፉ ለመብላት ያማረ እንደ ሆነ ፥ ለዓይንም እንደሚያስጎመጅ ፥ ለጥበብም መልካም እንደ ሆነ አየች ፤ ከፍሬውም ወሰደችና በላች ፤ ለባልዋም ደግሞ ሰጠችው እርሱም ከእርስዋ ጋር በላ ።
(trg)="b.GEN.3.6.1"> सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा , और देखने में मनभाऊ , और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है , तब उस ने उस में से तोड़कर खाया ; और अपने पति को भी दिया , और उस ने भी खाया ।

(src)="b.GEN.3.7.1"> የሁለቱም ዓይኖች ተከፈቱ ፥ እነርሱም ዕራቁታቸውን እንደ ሆኑ አወቁ ፤ የበለስንም ቅጠሎች ሰፍተው ለእነርሱ ለራሳቸው ግልድም አደረጉ ።
(trg)="b.GEN.3.7.1"> तब उन दोनों की आंखे खुल गई , और उनको मालूम हुआ कि वे नंगे है ; सो उन्हों ने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये ।

(src)="b.GEN.3.8.1"> እነርሱም ቀኑ በመሸ ጊዜ የእግዚአብሔርን የአምላክን ድምፅ ከገነት ውስጥ ሲመላለስ ሰሙ ፤ አዳምና ሚስቱም ከእግዚአብሔር ከአምላክ ፊት በገነት ዛፎች መካከል ተሸሸጉ ።
(trg)="b.GEN.3.8.1"> तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उनको सुनाई दिया । तब आदम और उसकी पत्नी बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए ।

(src)="b.GEN.3.9.1"> እግዚአብሔር አምላክም አዳምን ጠርቶ ። ወዴት ነህ ? አለው ።
(trg)="b.GEN.3.9.1"> तब यहोवा परमेश्वर ने पुकारकर आदम से पूछा , तू कहां है ?

(src)="b.GEN.3.10.1"> እርሱም አለ ። በገነት ድምፅህን ሰማሁ ፤ ዕራቁቴንም ስለ ሆንሁ ፈራሁ ፥ ተሸሸግሁም ።
(trg)="b.GEN.3.10.1"> उस ने कहा , मैं तेरा शब्द बारी में सुनकर डर गया क्योंकि मैं नंगा था ; इसलिये छिप गया ।

(src)="b.GEN.3.11.1"> እግዚአብሔርም አለው ። ዕራቁትህን እንደ ሆንህ ማን ነገረህ ? ከእርሱ እንዳትበላ ካዘዝሁህ ዛፍ በውኑ በላህን ?
(trg)="b.GEN.3.11.1"> उस ने कहा , किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है ? जिस वृक्ष का फल खाने को मै ने तुझे बर्जा था , क्या तू ने उसका फल खाया है ?

(src)="b.GEN.3.12.1"> አዳምም አለ ። ከእኔ ጋር እንድትሆን የሰጠኸኝ ሴት እርስዋ ከዛፉ ሰጠችኝና በላሁ ።
(trg)="b.GEN.3.12.1"> आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया , और मै ने खाया ।

(src)="b.GEN.3.13.1"> እግዚአብሔር አምላክም ሴቲቱን ። ይህ ያደረግሽው ምንድር ነው ? አላት ። ሴቲቱም አለች ። እባብ አሳተኝና በላሁ ።
(trg)="b.GEN.3.13.1"> तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा , तू ने यह क्या किया है ? स्त्री ने कहा , सर्प ने मुझे बहका दिया तब मै ने खाया ।

(src)="b.GEN.3.14.1"> እግዚአብሔር አምላክም እባቡን አለው ። ይህን ስላደረግህ ከእንስሳት ከምድር አራዊትም ሁሉ ተለይተህ አንተ የተረገምህ ትሆናለህ ፤ በሆድህም ትሄዳለህ ፥ አፈርንም በሕይወትህ ዘመን ሁሉ ትበላለህ ።
(trg)="b.GEN.3.14.1"> तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा , तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं , और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है ; तू पेट के बल चला करेगा , और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा :

(src)="b.GEN.3.15.1"> በአንተና በሴቲቱ መካከል ፥ በዘርህና በዘርዋም መካከል ጠላትነትን አደርጋለሁ ፤ እርሱ ራስህን ይቀጠቅጣል ፥ አንተም ሰኰናውን ትቀጠቅጣለህ ።
(trg)="b.GEN.3.15.1"> और मै तेरे और इस स्त्री के बीच में , और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करूंगा , वह तेरे सिर को कुचल डालेगा , और तू उसकी एड़ी को डसेगा ।

(src)="b.GEN.3.16.1"> ለሴቲቱም አለ ። በፀነስሽ ጊዜ ጭንቅሽን እጅግ አበዛለሁ ፤ በጭንቅ ትወልጃለሽ ፤ ፈቃድሽም ወደ ባልሽ ይሆናል ፥ እርሱም ገዥሽ ይሆናል ።
(trg)="b.GEN.3.16.1"> फिर स्त्री से उस ने कहा , मै तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु : ख को बहुत बढ़ाऊंगा ; तू पीड़ित होकर बालक उत्पन्न करेगी ; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी , और वह तुझ पर प्रभुता करेगा ।

(src)="b.GEN.3.17.1"> አዳምንም አለው ። የሚስትህን ቃል ሰምተሃልና ፥ ከእርሱ እንዳትበላ ካዘዝሁህ ዛፍም በልተሃልና ምድር ከአንተ የተነሣ የተረገመች ትሁን ፤ በሕይወት ዘመንህም ሁሉ በድካም ከእርስዋ ትበላለህ ፤
(trg)="b.GEN.3.17.1"> और आदम से उस ने कहा , तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी , और जिस वृक्ष के फल के विषय मै ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है , इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है : तू उसकी उपज जीवन भर दु : ख के साथ खाया करेगा :

(src)="b.GEN.3.18.1"> እሾህንና አሜከላን ታበቅልብሃለች ፤ የምድርንም ቡቃያ ትበላለህ ።
(trg)="b.GEN.3.18.1"> और वह तेरे लिये कांटे और ऊंटकटारे उगाएगी , और तू खेत की उपज खाएगा ;

(src)="b.GEN.3.19.1"> ወደ ወጣህበት መሬት እስክትመለስ ድረስ በፊትህ ወዝ እንጀራን ትበላለህ ፤ አፈር ነህና ፥ ወደ አፈርም ትመለሳለህና ።
(trg)="b.GEN.3.19.1"> और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा , और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा ; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है , तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा ।

(src)="b.GEN.3.20.1"> አዳምም ለሚስቱ ሔዋን ብሎ ስም አወጣ ፥ የሕያዋን ሁሉ እናት ናትና ።
(trg)="b.GEN.3.20.1"> और आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा ; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की आदिमाता वही हुई ।

(src)="b.GEN.3.21.1"> እግዚአብሔር አምላክም ለአዳምና ለሚስቱ የቁርበትን ልብስ አደረገላቸው ፥ አለበሳቸውም ።
(trg)="b.GEN.3.21.1"> और यहोवा परमेश्वर ने आदम और उसकी पत्नी के लिये चमड़े के अंगरखे बनाकर उनको पहिना दिए ।

(src)="b.GEN.3.22.1"> እግዚአብሔር አምላክም አለ ። እነሆ አዳም መልካምንና ክፉን ለማወቅ ከእኛ እንደ አንዱ ሆነ ፤ አሁንም እጁን እንዳይዘረጋ ፥ ደግሞም ከሕይወት ዛፍ ወስዶ እንዳይበላ ፥ ለዘላለምም ሕያው ሆኖ እንዳይኖር ፤
(trg)="b.GEN.3.22.1"> फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा , मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है : इसलिये अब ऐसा न हो , कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे ।

(src)="b.GEN.3.23.1"> ስለዚህ እግዚአብሔር አምላክ ከዔድን ገነት አስወጣው ፥ የተገኘባትን መሬት ያርስ ዘንድ ።
(trg)="b.GEN.3.23.1"> तब यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की बाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस मे से वह बनाया गया था ।

(src)="b.GEN.3.24.1"> አዳምንም አስወጣው ፥ ወደ ሕይወት ዛፍ የሚወስደውንም መንገድ ለመጠበቅ ኪሩቤልንና የምትገለባበጥ የነበልባል ሰይፍን በዔድን ገነት ምሥራቅ አስቀመጠ ።
(trg)="b.GEN.3.24.1"> इसलिये आदम को उस ने निकाल दिया और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की बाटिका के पूर्व की ओर करूबों को , और चारों ओर घूमनेवाली ज्वालामय तलवार को भी नियुक्त कर दिया । ।

(src)="b.GEN.4.1.1"> አዳምም ሚስቱን ሔዋንን አወቀ ፤ ፀነሰችም ፥ ቃየንንም ወለደች ። እርስዋም ። ወንድ ልጅ ከእግዚአብሔር አገኘሁ አለች ።
(trg)="b.GEN.4.1.1"> जब आदम अपनी पत्नी हव्वा के पास गया तब उस ने गर्भवती होकर कैन को जन्म दिया और कहा , मै ने यहोवा की सहायता से एक पुरूष पाया है ।

(src)="b.GEN.4.2.1"> ደግሞም ወንድሙን አቤልን ወለደች ። አቤልም በግ ጠባቂ ነበረ ፤ ቃየንም ምድርን የሚያርስ ነበረ ።
(trg)="b.GEN.4.2.1"> फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी , और हाबिल तो भेड़- बकरियों का चरवाहा बन गया , परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान बना ।

(src)="b.GEN.4.3.1"> ከብዙ ቀን በኋላም ቃየን ከምድር ፍሬ ለእግዚአብሔር መሥዋዕትን አቀረበ ፤
(trg)="b.GEN.4.3.1"> कुछ दिनों के पश्चात् कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया ।

(src)="b.GEN.4.4.1"> አቤልም ደግሞ ከበጎቹ በኵራትና ከስቡ አቀረበ ። እግዚአብሔርም ወደ አቤልና ወደ መሥዋዕቱ ተመለከተ ፤
(trg)="b.GEN.4.4.1"> और हाबिल भी अपनी भेड़- बकरियों के कई एक पहिलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई ; तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया ,

(src)="b.GEN.4.5.1"> ወደ ቃየንና ወደ መሥዋዕቱ ግን አልተመለከተም ። ቃየንም እጅግ ተናደደ ፊቱም ጠቆረ ።
(trg)="b.GEN.4.5.1"> परन्तु कैन और उसकी भेंट को उस ने ग्रहण न किया । तब कैन अति क्रोधित हुआ , और उसके मुंह पर उदासी छा गई ।

(src)="b.GEN.4.6.1"> እግዚአብሔርም ቃየንን አለው ። ለምን ተናደድህ ? ለምንስ ፊትህ ጠቆረ ?
(trg)="b.GEN.4.6.1"> तब यहोवा ने कैन से कहा , तू क्यों क्रोधित हुआ ? और तेरे मुंह पर उदासी क्यों छा गई है ?

(src)="b.GEN.4.7.1"> መልካም ብታደርግ ፊትህ የሚበራ አይደለምን ? መልካም ባታደርግ ግን ኃጢአት በደጅ ታደባለች ፤ ፈቃድዋም ወደ አንተ ነው ፥ አንተ ግን በእርስዋ ንገሥባት ።
(trg)="b.GEN.4.7.1"> यदि तू भला करे , तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी ? और यदि तू भला न करे , तो पाप द्वार पर छिपा रहता है , और उसकी लालसा तेरी और होगी , और तू उस पर प्रभुता करेगा ।

(src)="b.GEN.4.8.1"> ቃየንም ወንድሙን አቤልን ። ና ወደ ሜዳ እንሂድ አለው ። በሜዳም ሳሉ ቃየን በወንድሙ በአቤል ላይ ተነሣበት ፥ ገደለውም ።
(trg)="b.GEN.4.8.1"> तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा : और जब वे मैदान में थे , तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़कर उसे घात किया ।

(src)="b.GEN.4.9.1"> እግዚአብሔርም ቃየንን አለው ። ወንድምህ አቤል ወዴት ነው ? እርሱም አለ ። አላውቅም ፤ የወንድሜ ጠባቂው እኔ ነኝን ?
(trg)="b.GEN.4.9.1"> तब यहोवा ने कैन से पूछा , तेरा भाई हाबिल कहां है ? उस ने कहा मालूम नहीं : क्या मै अपने भाई का रखवाला हूं ?

(src)="b.GEN.4.10.1"> አለውም ። ምን አደረግህ ? የወንድምህ የደሙ ድምፅ ከምድር ወደ እኔ ይጮኻል ።
(trg)="b.GEN.4.10.1"> उस ने कहा , तू ने क्या किया है ? तेरे भाई का लोहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दोहाई दे रहा है !

(src)="b.GEN.4.11.1"> አሁንም የወንድምህን ደም ከእጅህ ለመቀበል አፍዋን በከፈተች በምድር ላይ አንተ የተረገምህ ነህ ።
(trg)="b.GEN.4.11.1"> इसलिये अब भूमि जिस ने तेरे भाई का लोहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुंह खोला है , उसकी ओर से तू शापित है ।

(src)="b.GEN.4.12.1"> ምድርንም ባረስህ ጊዜ እንግዲህ ኃይልዋን አትሰጥህም ፤ በምድርም ላይ ኰብላይና ተቅበዝባዥ ትሆናለህ ።
(trg)="b.GEN.4.12.1"> चाहे तू भूमि पर खेती करे , तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी , और तू पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा होगा ।

(src)="b.GEN.4.13.1"> ቃየንም እግዚአብሔርን አለው ። ኃጢአቴ ልሸከማት የማልችላት ታላቅ ናት ።
(trg)="b.GEN.4.13.1"> तब कैन ने यहोवा से कहा , मेरा दण्ड सहने से बाहर है ।

(src)="b.GEN.4.14.1"> እነሆ ዛሬ ከምድር ፊት አሳደድኸኝ ፤ ከፊትህም እሰወራለሁ ፤ በምድርም ላይ ኰብላይና ተቅበዝባዥ እሆናለሁ ፤ የሚያገኘኝም ሁሉ ይገድለኛል ።
(trg)="b.GEN.4.14.1"> देख , तू ने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है और मै तेरी दृष्टि की आड़ मे रहूंगा और पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा रहूंगा ; और जो कोई मुझे पाएगा , मुझे घात करेगा ।

(src)="b.GEN.4.15.1"> እግዚአብሔርም እርሱን አለው ። እንግዲህ ቃየንን የገደለ ሁሉ ሰባት እጥፍ ይበቀልበታል ። እግዚአብሔርም ቃየንን ያገኘው ሁሉ እንዳይገድለው ምልክት አደረገለት ።
(trg)="b.GEN.4.15.1"> इस कारण यहोवा ने उस से कहा , जो कोई कैन को घात करेगा उस से सात गुणा पलटा लिया जाएगा । और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा ने हो कि कोई उसे पाकर मार डाले । ।

(src)="b.GEN.4.16.1"> ቃየንም ከእግዚአብሔር ፊት ወጣ ፤ ከዔድንም ወደ ምሥራቅ በኖድ ምድር ተቀመጠ ።
(trg)="b.GEN.4.16.1"> तब कैन यहोवा के सम्मुख से निकल गया , और नोद् नाम देश में , जो अदन के पूर्व की ओर है , रहने लगा ।

(src)="b.GEN.4.17.1"> ቃየንም ሚስቱን አወቀ ፤ ፀነሰችም ፥ ሄኖሕንም ወለደች ። ከተማም ሠራ ፥ የከተማይቱንም ስም በልጁ ስም ሄኖሕ አላት ።
(trg)="b.GEN.4.17.1"> जब कैन अपनी पत्नी के पास गया जब वह गर्भवती हुई और हनोक को जन्मी , फिर कैन ने एक नगर बसाया और उस नगर का नाम अपने पुत्रा के नाम पर हनोक रखा ।

(src)="b.GEN.4.18.1"> ሄኖሕም ጋይዳድን ወለደ ፤ ጋይዳድም ሜኤልን ወለደ ፤ ሜኤልም ማቱሣኤልን ወለደ ፤ ማቱሣኤልም ላሜሕን ወለደ ።
(trg)="b.GEN.4.18.1"> और हनोक से ईराद उत्पन्न हुआ , और ईराद ने महूयाएल को जन्म दिया , और महूयाएल ने मतूशाएल को , और मतूशाएल ने लेमेक को जन्म दिया ।

(src)="b.GEN.4.19.1"> ላሜሕም ለራሱ ሁለት ሚስቶችን አገባ ፤ የአንዲቱ ስም ዓዳ ፥ የሁለተኛይቱ ስም ሴላ ነበረ ።
(trg)="b.GEN.4.19.1"> और लेमेक ने दो स्त्रियां ब्याह ली : जिन में से एक का नाम आदा , और दूसरी को सिल्ला है ।

(src)="b.GEN.4.20.1"> ዓዳም ያባልን ወለደች ፤ እርሱም በድንኳን የሚቀመጡት የዘላኖች አባት ነበረ ።
(trg)="b.GEN.4.20.1"> और आदा ने याबाल को जन्म दिया । वह तम्बुओं में रहना और जानवरों का पालन इन दोनो रीतियों का उत्पादक हुआ ।