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(src)="1"> चीनी भाषा का एक शब्द है " ज़ियांग " जिसका अर्थ होता है अच्छी गंध यह किसी फूल , भोजन या ऐसी किसी भी चीज़ का वर्णन कर सकता है लेकिन यह हमेशा चीज़ों का सकारात्मक वर्णन होता है इसका मंदारिन के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा में अनुवाद करना कठिन है हमारे पास फ़िजी- हिंदी भाषा का एक शब्द है जिसे " तालानोआ " कहते हैं वास्तव में यह वह अनुभव है , जो आपको शुक्रवार देर रात में होता है , अपने मित्रों से घिरे हुए मंद हवा से गुज़रते हुए , लेकिन यह केवल इतना ही नहीं है , यह छोटी सी बातचीत का एक तरह का जोशपूर्ण और मित्रवत संस्करण है हर उस चीज़ के बारे में जो आपके दिमाग में आ सकती है एक यूनानी शब्द है , " मेराकी " जिसका अर्थ अपनी आत्मा , अपने संपूर्ण अस्तित्व को उस कार्य में लगाना है जो आप कर रहे हैं , चाहे वह आपका शौक हो या आपका कार्य हो आप जो भी कर रहे हैं , आप उसे प्यार से कर रहे हैं लेकिन ये उन सांस्कृतिक चीजों में से एक है , जिनका मैं कभी भी अच्छा अनुवाद नहीं कर पाया/ पाई
(trg)="1"> चीनिया भाषामा एउटा शब्द छ " Xiang " जसको मतलब हो राम्रो बासना छ यसले फुल , खानेकुरा व्याख्या गर्न सक्छ , कुनैपनि चीज हुनसक्छ तर यसले चीजहरूको सधै सकारात्मक वर्णन गर्ने गर्छ म्यान्डरिन बाहेक अरू भाषामा अनुवादन गर्न गाह्रो हुने गर्छ हामीसँग फिजी- हिन्दीमा " तलनोवा " भनिने शब्द छ साँचिकै , तपाईले यस्तै आभास गर्नुहुन्छ , शुक्रबार राती अबेर सम्म , तपाईको साथीहरूको माझ मन्द हावाको मजा लिँदै , तर यो त्यति मात्रै होइन , यो सानो कुराकानीको अझ न्यानो र मिलनसार संस्करण हो जुन तपाईले आफ्नो दिमागले सोँचे जति सबै कुराहरूको बारे हो एउटा ग्रीक शब्द छ , " मेराकी " जस्को मतलब तपाईले साँचिकै आफ्नो आत्मा बाहिर निकालनु हुन्छ , तपाईको सम्पूर्ण अस्तित्वलाई आफूले गरिहरेको कुरामा ढाल्नु हुन्छ , चाहे त्यो तपाईको अभिरुचि होस् या तपाईको कार्य होस् तपाईले त्यसलाई आफूले गरेको कुरामा मायाँका साथ गर्नुहुन्छ तर यो भनेको सांस्कृतिक कुराहरू मध्ये एउटा हो जसको मैले अहिले सम्म राम्रो अनुवादन दिन सकेको छैन

(src)="2"> " मेराकी , " जुनून के साथ , प्यार के साथ आपके शब्द , आपकी भाषा , कहीं भी 70 से अधिक भाषाओं में लिखें
(trg)="2"> " मेराकी " , जोशका साथ , मायाका साथ

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(src)="1"> अब , यदि राष्ट्रपति ओबामा मुझे गणित का राजा बनने के लिये आमंत्रित करें तब मेरे पास उनके लिये एक सुझाव होगा जो कि मैं सोचता हूँ कि इस देश में गणित की शिक्षा को बहुत उन्नत बना देगा और इसको कार्यान्वित करना सुलभ है और कम खर्च वाला भी । गणित का जो पाठ्यक्रम हमारे यहाँ है , वह अंकगणित और बीजगणित की नीँव पर आधारित है और उसके बाद जो भी हम सीखते हैं वह उत्तरोत्तर एक ही विषय की ओर बढ़ता है । और उस पिरामिड के शिखर पर है - कैलकुलस ( समाकलन ) और मैं यहाँ यह कहता हूँ कि मेरे विचार से यह पिरामिड का ग़लत शिखर है । सही शिखर - जो छात्रों को , हर एक माध्यमिक शिक्षा स्नातक छात्र को जानना चाहिये वह - सांख्यिकीय होना चाहिये । संभावना- विज्ञान और सांख्यिकीय । ( तालियोँ की गड़गड़ाहट ) मेरा मतलब , मुझे ग़लत मत समझें , समाकलन एक महत्वपूर्ण विषय है । यह मानव बुद्धि की महान उत्पत्तियों में से एक है । प्रकृति के नियमों का उल्लेख समाकलन की भाषा में किया जाता है , और वे सभी छात्र जो , गणित , विज्ञान , अभियांत्रिकी , अर्थशास्त्र विषयों का अध्ययन करते हैं , उन्हें अवश्य ही अपने स्नातक के प्रथम वर्ष की समाप्ति तक समाकलन को सीखना चाहिये । परंतु मैं यहाँ , गणित के आचार्य की हैसियत से कहता हूँ कि बहुत कम व्यक्ति वास्तविकता में समाकलन का प्रयोग सचेत , अर्थपूर्ण रूप में , दैनिक जीवन में करते हैं । दूसरी ओर , सांख्यिकीय -- एक ऐसा विषय जो आप दैनिक जीवन में कर सकते है , और करना चाहिये । ठीक है न ? यह जोखिम ( को समझने के बारे में ) है , यह ( संभावनाओं को समझने के बारे में ) है । यह प्रेक्षणों ( डाटा ) को समझने का विज्ञान है । मेरा विचार है कि यदि हमारे विद्यार्थियों , सभी माध्यमिक शिक्षा विद्यार्थियों हमारे सभी अमरीकी नागरिकों को संभावना और सांख्यिकीय का ज्ञान होता तो हम ( आज ) ऐसी बिगड़ी हुयी अर्थवयवस्था में न होते जैसे आज हम हैं । न केवल यह -- धन्यवाद -- न केवल यह ( अपितु ) यदि यह सही ढंग से पढाया जाय तब यह मनोरंजक भी हो सकता है । मेरा मतलब संभावना विज्ञान और सांख्यिकीय यह खेल और द्यूत ( जुए ) का गणित है । यह लक्षणॉं ( आँकलन ) के विश्लेषण के बारे में है , यह भविष्य के अनुमान के बारे में है । देखिये , विश्व परिवर्तित हो चुका है एनालॉग से डिजिटल में । और यह समय है हमारे गणित के पाठ्यक्रम के बदलने का एनालॉग से डिजिटल में । अपने शास्त्रीय ( प्रचलित ) , निरंतर की गणित के रूप से अधिक नवीन , अनिरंतर ( discrete ) गणित असंभावितता की गणित का प्रेक्षणों की अनियमितता का और संभावना विज्ञान और सांख्यिकीय का सारांश में यह कि हमारे विद्यार्थी , बजाय इसके कि , समाकलन की तकनीक सीखें , मैं सोचता हूँ कि यह अधिक महत्वपूर्ण होगा कि वे सभी यह जानें कि दो सामान्य विचलनों का , औसत से क्या अर्थ है । और मैं वास्तव में मेरा मतलब यह ही है । धन्यवाद । ( तालियोँ की गड़गड़ाहट )
(trg)="1"> अहिले , यदि राष्ट्रपति ओबामाले मलाई गणितको अर्को बडा हाकिम बन्न बोलाए भने मलाई लाग्छ ऊनलाई मेरो एउटा सुझाव हुनेछ कि यो देशको गणित शिक्षालाई व्यापक सुधार गर्नुपर्छ । र यो लागू गर्न सजिलो अनि कम खर्चिलो हुनेछ । हाम्रो गणित पाठ्यक्रम अङ्क र बीजगणितको जगमा आधारित छ । र हामीले त्यसपछि हामीले सिक्ने सबैकुरा एउटा बिषयतिर अघि बढ्छ । अनि त्यो पिरामीडको टुप्पोमा क्याल्कुलस हुन्छ । र मैले यहाँ भन्न चाहन्छु कि मेरो बिचारमा त्यो पिरामीडको गलत टुप्पो हो ... सही टुप्पो -- हाम्रा सबै विद्यार्थीहरूले , सबै उच्च माध्यमिक पास गर्नेले जान्नु पर्ने कुरो -- त तथ्याङ्क पो हुनुपर्छ । सम्भाव्यता र तथ्याङ्क । ( ताली ) मेरो मतलव , मलाई गलत नसोच्नुस । तथ्याङ्क एउटा महत्वपूर्ण विषय हो । यो मानव मस्तिष्कको एउटा महान उपज हो । प्रकृतिका नियमहरू क्याल्कुलसको भाषामा लेखिएका छन । र प्रत्येक विद्यार्थी जसले गणित , विज्ञान , अभियान्त्रिकी , अर्थशाष्त्र पढ्छन उनीहरूले कलेजको पहिलो वर्षको अन्त्यसम्म क्याल्कुलस अबश्य सिक्नु पर्छ । तर मैले यहाँ यो भन्न चाहन्छु , गणितको प्रध्यापकका नाताले , कि वास्तवमा धेरै थोरै व्यक्तिहरू ऊनीहरूको दैनिक जीवनमा सचेत , अर्थपुर्ण रुपमा क्याल्कुलसको प्रयोग गर्छन । अर्कोतिर , तथ्याङ्क -- त्यस्तो विषय हो जुन तपाईँले दैनिक रुपमा प्रयोग गर्न सक्नुहुन्छ , र गर्नुहुन्छ । हैन त ? यो जोखिम हो । यो प्रतिफल हो । यो क्रमरहित हो । यो तथ्य बुझ्नु हो । मलाई लाग्छ यदि हाम्रा विद्यार्थीहरूले , यदि हाम्रा उच्च माध्यमिक विद्यार्थीहरूले -- यदि सबै अमेरिकी नागरिकहरूले -- सम्भाव्यता र तथ्याङ्कको बारेमा जानेका भए , हामी अहिले भईराखेको अर्थतन्त्रको अस्तव्यस्ततामा हुन्नथ्यौँ । त्यति मात्र -- धन्यवाद -- त्यति मात्र हैन -- [ तर ] यदि यो राम्ररी पढाईयो भने , यो धेरै नै रमाईलो हुन सक्छ । मेरो मतलव , सम्भाव्यता र तथ्याङ्क , यो खेलहरू र जुवाको गणित हो । यो झुकावहरूको विश्लेषण हो । यो भविश्यको अनुमान हो । हेर्नुस , विश्व एनालगबाट डिजिटलमा परिवर्तन भएको छ । र यो समय हाम्रो गणित पाठ्यक्रम एनालगबाट डिजिटलमा परिवर्तन गर्ने समय हो । अझ प्राचीन , अविरल गणितबाट आधुनिक , डिस्कृट गणिततर्फ । अनिश्चितताको गणित , क्रमविहीनताको , तथ्यको -- गणित , सम्भाव्यता र तथ्याङ्क हो । छोटकरीमा , हाम्रा विद्यार्थीहरू क्याल्कुलसका हिसाब गर्ने तरिकाहरु सिक्नुको सट्टा , मध्यमा बाट दुई स्ट्याण्डर्ड डेभिएसनहरू भनेको के हो भन्ने कुरा यदि सबैले जानेको भए एकदमै सार्थक हुन्थ्यो । र यो मेरो आशय हो । धेरै धेरै धन्यवाद । ( ताली )

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(src)="1"> Hum sawal 27 per hai सवाल यह है , इनमें से कौन सा समीकरण सबसे अच्छा मैच करता है ग्राफ के साथ समीकरणों को तलाश में पहले , चलो देखते हैं हम क्या जानकारी ग्राफ से प्राप्त कर सकते हैं ग्राफ़ का y अवरोधन ( y - Intercept ) क्या है ? तो अगर हम ने कहा कि यह एक लाइन का समीकरण है , हम y कहा और ख - एमएक्स प्लस ख जहां ढलान और y के बराबर है y- अवरोधन है . बहुत देर हो चुकी है , मैं थोड़ा दबी हुई हो रही है . तो y- अवरोधन क्या है ? खैर , जब एक्स 0 के बराबर है , y 0 के बराबर है . तो यह 0 के बराबर होने जा रहा है .
(src)="2"> Y- अवरोधन 0 है . जब एक्स 0 के बराबर है , 0 के बराबर क्यों है . तो y अवरोधन 0 है . इसलिए हम जानते हैं कि यह एक फार्म y है एमएक्स के बराबर है जहां एक ढलान है चलो बाहर ढलान आंकड़ा . ढाल एक्स में एक भी परिवर्तन या y में परिवर्तन करने के लिए बराबर है एक्स में परिवर्तन पर y में बदल जाते हैं . तो जब हम 1 से एक्स को बढ़ाने के , कितना हम में वृद्धि कर रहे हैं - या द्वारा y कमी ? वैसे तो y 2 से बढ़ जाती है . तो हम उस y परिवर्तन के बराबर होती है 2 से 2 प्लस , कह सकते हैं जब एक्स 1 प्लस द्वारा परिवर्तन . तो हम ढलान 2 के बराबर है , तो इस के समीकरण लाइन y 2x बराबर है जो विकल्प बी है
(trg)="1"> हामि ७ नंबर मा छौं । के सोधेको छ भनेः कुन equation ले , सबै भदा राम्रो सित देखाऊछ , माथिको graph लाई ? अब के छ हेर्नु भन्दा पैला , हेरुम के चै हामी ग्राफ बारे पत्ता लगाउन सक्छौँ । अब y- intercept के हो त ? यो चै लैंन को equation हो भनेर भन्यौ भने y को बारे मा के था छ भने y = mx + b , जहाँ m चाही slope ( तेर्सोपना ) हो र b b चाही y - intercept हो । मेरो यहाँ अलि राति भो , दिमाग निदाउन थाले छ । अब y - intercept के हो त ? ल जब x चाही 0 हुन्छ , तब y पनि 0 हुन्छ । त्येसैले यो 0 हुन्छ । y- intercept चाही 0 भयो । x चाही 0 हुन्छ , y पनि 0 हुन्छ । y- intercept पनि 0 हुन्छ । अब हामीलाई थाहा भयो कि यो y = mx खालको हुन्छ जहाँ चाही m जहाँ m चाही slope / तेर्सोपना हो । अब m / तेर्सोपना निकालौं । slope / तेर्सोपना चाही y कति फरक भो , x अलिकति फरक हुदा भन्ने हो वा y को फरक लाई x को फरक ले भाग गर्दा आउने । त्येसो भए , x लाई १ ले बढायो भने , y कति ले बढ्छ ? वा घट्छ ? ल y चाही २ ले घट्छ । अब त्यो भनेको y चाही +2 ले फरक हुदा , x चाही x चाही +1 ले फरक हुन्छ । त्येसोभए , slope / तेर्सोपना चाही +2 हुन्छ , त्येसैले यस्को equation y = 2x हुन्छ । जुन चाहिँ option ( विकल्प ) B हो । अर्को प्रस्न अब : कुन point चाहिँ यो line ( धर्का ) मा छ त :

(src)="3"> अगले समस्या . बिंदु जो 3x प्लस द्वारा परिभाषित लाइन पर झूठ 6y 2 के बराबर है ? खैर सबसे अच्छी बात करना बस स्थानापन्न शायद है एक्स और वाई के लिए इन नंबरों और जो काम करता है देखते हैं . तो यहाँ एक्स 0 है , y 2 है . तो देखते हैं 3 0 से अधिक 6 2 बार बार 0 से अधिक 12 के लिए बराबर है .
(src)="4"> 2 बराबर नहीं है , यह 12 के बराबर होती है . यह एक काम नहीं करता है . मैं सिर्फ x 3 बार से अधिक 6 बार y ले रहा हूँ और देखकर यह क्या बराबर होती है इस मामले में , हम 3 0 से अधिक 6 बार y बार है . इसके अलावा 6 बार 6 .
(trg)="2"> 3x + .. 3x+ 6y = 2 ल अब सबै भन्दा राम्रो त येस्लाई लगेर x र y को ठाउमा यिनीहरु लाई हालेर हेरौँ अनि कुन काम गर्छ पत्ता लाग्छ ल यहाँ x चाहिँ 0 हो , अनि y चाहिँ 2 । ल हेरम अब , 3 लाई ले 0 गुणा / multiply गर्यो , 6 * 2 जोड्यो , भन्नाले 0 + 12 आयो जुन चाहिँ 2 भएन , 12 भयो । काम लागेन यो त्येसो भए । एकचोटी 3 x + 6 y गरेर हेर्छु , कति आउदो रैछ . । अब हामी सित 3 * 0 + 6 * y छ वा 3 * 0 + 6 * 6 । जुन चै 36 भयो । ल यो पनि 2 भएन । यो नि हुन सक्दैन येस्मा यो 3 छ , यो 3 येस्लाई 1 ले गुणा गर्यो ..

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(src)="1"> यह मानव जाति के लिए एक सपना है एक पंछी की तरह उड़ान भरना . पक्षी बहुत फुर्तीले होते हैं . वे घूमने वाले उपकरणों के साथ नहीं उड़ , इसलिए वे केवल अपने पंख फड़फड़ा कर उड़ते हैं . तो हमने पक्षियों को देखा , और हमने एक मॉडल बनाने की कोशिश करी जोकि शक्तिशाली और बहुत कालका हो , और इसमें बहुत अच्छा वायुगति- विज्ञानिक गुण होना चाहिए जोकी अपने आप उड़ सके और केवल अपने पंख फड़फड़ा कर . तो क्या सबसे बेहतर होगा उपयोग करना हर्रिंग गुल, अपनी आजादी में समुद्र के चक्कर और उसमे छलांग लगाते हुए , और उसे एक नमूने के रूप में उपयोग करना . तो हमने एक टीम बनाई . वहाँ सामान्यज्ञ और विशेषज्ञ दोनों हैं वायुगति- विज्ञानं के क्षेत्र में ग्लाइडर्स निर्माण के क्षेत्र में . और निर्माण कार्य था एक बहुत हल्का अन्दर उड़ने वाला नमूना जोकि आपके सिर के ऊपर उड़ान भर सके . तो बाद में सावधान रहें .
(src)="2"> और यह एक मुद्दा था : इसे इतना हल्का बनाना कि किसी को भी चोट न लगे अगर यह नीचे गिर जाये . तो हम यह सब क्यों कर रहे हैं ? हम स्वचालन के क्षेत्र में एक कंपनी हैं , और हम बहुत हलकी संरचनाएं करना चाहते हैं क्युकी यह ऊर्जा कुशल है और हम अधिक जानना चाहते हैं वायुचालित और हवा के प्रवाह का तथ्य . तो अब मैं चाहता हूँ की आप अपनी सीट बेल्ट [ डाल ] लें और अपनी टोपी लगा लें . तो हम एक बार कोशिश करते हैं स्मार्टबर्ड को उड़ने की . धन्यवाद .
(src)="3"> ( तालियाँ )
(trg)="1"> चराजस्तै उड्नसक्नु मानवजातिको सपना हो / चराहरू एकदम फुर्तिला हुन्छन् । उनीहरू उड्छन् , तर कुनै घुम्ने उपकरणले होइन , केवल पँखेटा फड्फडाएर । त्यसकारण हामीले चरालाई हेर्यौँ , र त्यस्तो नमुना बनाउन खोज्यौँ जुन बलियो र अत्यधिक हलुका होस् अनि उत्कृष्ट वायुगतिय गुणहरू होस् र त्यो आफैँ उडोस् , केवल पँखेटा फड्फडाएर । त्यसकारण हेरिङ् गल नामक चरा , जुन स्वतन्त्र भएर , समुन्द्रको चक्कर लगाउँछ र शिकार गर्दा हल्का डुबुल्कि मारेर निस्कन्छ । यसलाई नमुनाको रुपमा प्रयोग गर्नुभन्दा अरु के उपयुक्त होला र ? त्यसैले हामीले एउटा समुह तयार गर्यौँ जसमा वायुगतिय क्षेत्रका सामान्य अनि विशेषज्ञ दुबै छन् , जो ग्लाइडरहरू बनाउने क्षेत्रमा काम गर्छन् । अनि उद्देश्य थियो एउटा अत्यधिक हलुका , उड्ने खालको नमुना तयार पार्नु जुन तपाईँहरूको टाउकोमाथिबाट उड्न सकोस् त्यसैले केहि समय पछि सतर्क रहनुहोला । यहाँ एक बिशेष मुद्धा के थियो भने त्यसलाई एकदम हलुका बनाउनु थियो । ताकि यदि यो खस्यो भने यसले कसैलाई चोट नपुगाओस् । हामी यो सब किन गरिरहेका छौं त ? हामी स्वचालनको क्षेत्रमा काम गर्ने एउटा कम्पनी हौँ , र हामी अत्यधिक हलुका संरचना बनाउन चाहन्छौँ किनकि त्यो ऊर्जाकुशल ( ईनर्जि एफिसिएन्ट ) हुन्छ साथमा हामी वायुशास्त्र र वायुगतिय प्रकियाको बारेमा अझ बढी जान्न चाहन्छौँ । त्यसैले अब म चाहन्छु तपाईँहरू आफ्नो कुर्सिको पेटी बाध्नुहोस् अनि शिर जोगाउनुहोस् । ता कि हामी एकपटक प्रयास गरौं , यो स्मार्ट बर्ड उडाउने । धन्यवाद । ( तालि )

(src)="4"> ( तालियाँ )
(trg)="2"> ( तालि )

(src)="5"> ( तालियाँ ) तो अब हम स्मार्टबर्ड को देख सकते हैं . तो यहाँ एक त्वचा के बिना है . इसके पंख दो मीटर के हैं . लंबाई एक मीटर और छह है , और वजन , केवल 450 ग्राम . और यह कार्बन फाइबर का है . बीच में एक मोटर है , और इसके एक गियर भी है . और हम गियर का उपयोग करते हैं मोटर के संचालन के हस्तांतरण के लिए . तो मोटर के भीतर , तीन हॉल सेंसर हैं , इसलिए हम जानते हैं , बिलकुल किस जगह इसका पंख है . और अगर अब हम ऊपर और नीचे चलाएं ...
(trg)="3"> ( तालि ) अहिले हामी , स्मार्ट बर्डलाई देखिरहेका छौँ । यो छाला ( खोल ) बिना छ । यसको पँखेटा लगभग दुई मिटर जति छ । लम्बाइ एक मिटर र ६ इन्च छ , अनि तौल , केवल ४५० ग्राम छ । र यो सबै कार्वन फाइवरले बनेको छ । बिचमा एउटा मोटर छ , अनि त्यहाँ एउटा दाँति ( गियर ) पनि छ , र हामी त्यो दाँति , मोटरको घुमाइ परिवर्तन गर्न प्रयोग गर्दर्छौँ । मोटरभित्र तीनवटा हल सेन्सर छन् , जसले गर्दा हामी पँखेटा कहाँ छ ठ्याक्कै थाहा पाउछौँ । अब हामीले तल- माथि चलायौँ भने ...

(src)="6"> संभावना है एक पंछी की तरह उड़ान भरने की . तो अगर तुम नीचे जाओ , प्रणोदन का एक बड़ा क्षेत्र है . और अगर आप ऊपर जाते हैं , पंख उतने बड़े नहीं हैं , और उठाना आसान है . अगली चीज़ हमने की , या चुनौतियों हमने उठाई इस चाल का समन्वय किया . हमें इसे पलटना है , ऊपर और नीचे चलने के लिए . एक विभाजित पंख है . विभाजित पंख के साथ हमें ऊपरी पंख पर उठाव मिलता है , और हमें निचले पंख पर प्रणोदन मिलता है . इसके अलावा , हम देखते हैं हम वायुगति- विज्ञानिक दक्षता कैसे मापते हैं . हमें ज्ञान था विद्युत दक्षता का और फिर हम गणना कर सकते हैं वायुगति- विज्ञानिक दक्षता की . इसलिए तो , यह निष्क्रिय मरोड़ से सक्रिय मरोड़ करने के लिए उठता है , ३० प्रतिशत से ८० प्रतिशत तक . अगली चीज़ हम करना चाहते हैं , हम नियंत्रण और विनियमित करना चाहते हैं पूरे ढांचे को . अगर आप इसे सिर्फ नियंत्रण और विनियमित करें , आप को वह वायुगति- विज्ञानिक दक्षता मिल जाएगी . तो ऊर्जा की समग्र खपत टेकऑफ़ पर २५ वाट है और उड़ान में १६ से १८ वाट . धन्यवाद .
(src)="7"> ( तालियाँ ) ब्रूनो गिउस्सानी : मरकुस , मुझे लगता है कि हमें इसे एक बार और उड़ना चाहिए . मरकुस फिशर : हाँ , ज़रूर .
(src)="8"> ( हँसी )
(trg)="4"> यसमा चराजस्तै उड्नसक्ने सम्भावना रहन्छ । यदि तल हेर्नुभयो भने , सन्चालक शक्तिको ठुलो क्षेत्र छ , अनि यदि माथि हेर्नुभयो भने , पँखेटाहरू त्यति ठुला छैनन् , र माथि उठ्न सजिलो हुन्छ । तसर्थ , हामीले अर्को काम गर्यौँ या भनौँ चुनौति स्विकार गर्यौं , यो चालको संयोजन गर्ने । हामीले यसलाई मोड्नु छ , माथि लानु छ अनि तल ल्याउनु छ । हामीसँग विभाजित पँखेटा छ । विभाजित पँखेटाले गर्दा माथिल्लो पँखेटा उठाउन सकिन्छ , अनि तलको पँखेटामा घचेट्ने शक्ति दिन्छ । साथै , हामिले बिचार गर्यौं , हामी कसरी वायुगतिय दक्षता मापन गर्न सक्छौं भनेर । हामीसँग वैद्युत- यान्त्रिक दक्षताको ( ईलेक्ट्रोमेकानिकल ) ज्ञान थियो जसबाट हामी वायुगतिय दक्षताको मापन गर्न सक्छौँ । त्यसैकारणले यो निष्क्रिय मडारबाट सक्रिय मडार मा , ३० प्रतिशतबाट ८० प्रतिशतसम्म उठ्छ् । हामीले गर्नुपर्ने अर्को कुरा , हामीले सम्पूर्ण संरचनालाई नियन्त्रित र संचालित राख्नुपर्दछ । यदि हामीले यसलाई नियन्त्रित र चलायमान राख्यौँ भने मात्र तपाईँले त्यो वायुगतिय दक्षता पाउनु हुन्छ । यसमा सम्पूर्ण ऊर्जा खपत उडान प्रक्षेपणको समय लगभग २५ वाट हुन्छ र उडानको बेलामा १६ देखि १८ वाट हुन्छ । धन्यवाद । ( तालि ) ब्रुनो गिसानी : मार्कस , मलाई लाग्छ हामीले यसलाई एकपटक फेरि उडाउनु पर्छ । मार्कस फिसर : भैहाल्छनि ( हासोँ )

(src)="9"> ( हांफते हुए )
(trg)="5"> ( स्वाँ स्वाँ आवाज )

(src)="10"> ( चीयर्स ) ( तालियाँ )
(trg)="6"> ( चियर्स ) ( तालि )

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(src)="1"> नमस्ते , मैं यहाँ आपसे प्रशंसा , आभार और धन्यवाद के महत्व के बारे में बातें करने आयी हूँ , और इसे विशिष्ट और वास्तविक रखेंगे | और जिस तरह इसमें मेरे रूचि बढ़ी वो था , मैंने खुद में देखा जब मैं बड़ी हो रही थी , और कुछ सालो पहले तक , कि मैं किसी को धन्यवाद कहना चाहती थी , मैं उनकी प्रंशसा करना चाहती थी , मैं उनसे अपनी प्रशंसा सुनना चाहती थी और वहीँ रुक गयी होती | और मैंने खुद से पूछा , क्यों ? मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई | और फिर मेरा सवाल बन गया , क्या मैं अकेली हूँ जो ये करती है ? तो मैंने जानने की ठानी | मैं भाग्यशाली थी कि मैंने पुनर्वसन केंद्र में काम किया , मुझे उन लोगो को जानने का मौका मिला जिनका जीवन और मृत्यु नशे की जकड़ में था | और कभी कभी यह् इतना साधारण होता था कि उनका सबसे बड़ा दुख था कि उनके पिता की मृत्यु हो गई बिना कभी कहे कि उन्हें उन पर गर्व था | लेकिन उन्होंने यह परिवार और दोस्तों से सुना था कि उनके पिता ने बाकी सबसे कहा था कि उन्हें उन पर गर्व है , लेकिन कभी अपने बेटे से नहीं कहा | ऐसा हुआ क्युंकि उन्हें पता ही नहीं था कि उनका बेटा यह सुनना चाहता है | तो मेरा सवाल है , हम उन चीजों के लिए क्यों नही पूछते जो हमे चाहिए ? मैं एक सज्जन को जानती हूँ जो 25 सालो से शादीशुदा है जो तड़प रहे है अपनी पत्नी से सुनने के लिए ,
(trg)="1"> नमस्कार ! म यहाँ प्रशंसा , श्रद्धा र धन्यवादको महत्व बारे यहाँहरु संग केहि कुरा गर्न आएको छु र त्यसलाई निर्दिष्ट र यथार्थ पार्ने कोसिश का साथ | र मलाई यसमा रुची यसरी आयो , म हुर्कदै गर्दा र केहि बर्ष अघि सम्म पनि मैले आफुमै केहि कुरा महसुस गरे कि म भित्र कसैलाई धन्यवाद भन्ने इच्छा छ मलाई उनीहरुको प्रशंसा गर्ने इच्छा छ , मलाई उनीहरू ले मैले गरेको प्रशंसा ग्रहण गरुन भन्ने इच्छा छ तर म यसै रोकिए | अनि मैले आफैले सोधे , किन त ? मलाई शर्म भयो , धक महसुस भयो | अनि एउटा प्रश्न उब्जियो , के म मात्र हुँ त यस्तो गर्ने ? अनि मैले यसको छिनोफानो गर्ने निर्णय गरेँ | म भाग्यमानी यस अर्थमा छु कि मैले पुनर्स्थापना केन्द्रमा काम गर्न पाए , मैले दुर्व्यसन का कारणले जीवन र मृत्यु को सामना गरिरहेका व्यक्तिहरु संग भेट्ने मौका पाएँ | कहिलेकाहीं त्यो सबको कारण एउटा अत्यन्त साधारण कुरा सम्म आइपुग्छ , उनीहरू को भित्रि पिडा उनीहरू का पिता एक पटक पनि उनीहरुको गर्ब नगरी स्वर्गवास भए | अनि उनीहरू आफ्ना परिवार , आफन्त र साथीभाईहरु बाट सुन्छन् कि उनका पिताले सबैलाई उनी आफ्नो छोरा प्रति गर्ब गर्ने कुरा सबैलाई भनेका थिए , तर आफ्नो छोरालाई कहिले भनेनन् | त्यो किन भने उनलाई त्यो कुरा आफ्नो छोराले सुन्न पर्छ भन्ने थाहा नै थिएन | त्यसैले मेरो प्रश्न , हामी आफुलाई चाहिने कुरा किन माग्दैनौं त ? म एक जना पच्चीस बर्ष देखि विवाहित महासय लाई चिन्छु जो आफ्नी पत्नी बाट सुन्न चाहन्छन कि

(src)="2"> " धन्यवाद घर के आजीविका चलने के लिए जिससे मैं बच्चो के साथ घर में रह सकी " लेकिन पूछेंगे नहीं | मैं एक महिला को जानती हूँ जो इसमें अच्छी है | वह , हफ्ते में एक बार , अपने पति से मिल कर कहती है ,
(trg)="2"> " तपाईलाई धन्यवाद आयआर्जन गरिदिएकोले ताकि म यी बालबच्चाको साथ मा घर बस्न सकें " तर कहिले पनि माग्दैनन | म एक जना महिलालाई चिन्छु हो यो काममा निपुण छिन | उनि , हप्ता मा एक पटक आफ्ना श्रीमान् लै भन्छिन् ,

(src)="3"> " मैं सच में चाहुंगी कि तुम मुझे धन्यवाद करो उन सब चीजों के लिए जो मैंने घर में और बच्चो के साथ की " और वो शुरू हो जाते है " यह बढ़िया है , यह बढ़िया है " और प्रशंसा सच में वास्तविक होनी चाहिए , लेकिन वो उसकी जिम्मेदारी लेती है | और मेरे एक मित्र , अप्रिल , जिन्हें में नर्सरी से जानती हूँ , वो बच्चों को उनका काम करने के लिए धन्यवाद करती है | और कहती है " मैं क्यों ना धन्यवाद करू , भले ही उन्हें ये करना ही है ? " तो सवाल है कि मैं क्यों इसे रोक रही थी ? क्यों दुसरे लोग इसे रोक रहे थे ? मैं कह सकती हूँ कि " मुझे कैसा खाना चाहिए , मुझे जूते 6 नंबर के चाहिए " लेकिन मैं नहीं कहूँगी ,
(trg)="3"> " मैले यो घर र बालबच्चाहरु को लागि जे जे गरे त्यसको लागि तपाईले मलाई धन्यवाद दिनुहोस् भन्ने चाहान्छु " अनि उनि भन्छन , " ओहो , यो अति सुन्दर हो , अति सुन्दर हो " र प्रसंशा साँच्चिकै निष्कपट हुनुपर्छ , तर पनि उनि त्यो जिम्मेवारी लिन्छिन् | अनि मेरो एक जना साथी , अप्रिल , जो म संग शिशु कक्षा देखि छिन् , उनि आफ्ना नानीहरु लाई आफ्नो काम गर्दा पनि धन्यवाद दिन्छिन् | अनि उनले भनिन् , " म किन धन्यवाद नदिउँ , त्यो उनीहरू ले गर्नै पर्ने भएता पनि ? अब प्रश्न यो आउछ कि , म किन त्यो कुरा लाई रोकिरहेको थिए त ? अन्य व्यक्तिहरुले किन रोकिरहेका छन् त ? म किन " मलाई ठिक्क पाकेको सेकुवा मन पर्छ , मलाई छ नंबर को जुत्ता चाहिन्छ , " भन्छु , तर

(src)="4"> " क्या तुम इस तरह मेरी तारीफ करोगे ? " और ये इसीलिए क्युंकि मैं आपको अपने बारे में बता रही हूँ | मैं आपको बता रही हूँ कि मैं कहाँ असुरक्षित हूँ | मैं आपको बता रही हूँ कि मुझे कहाँ आपकी मदद चाहिए | और आपसे ऐसे बर्ताव कर रही हूँ , मेरे अंदुरनी क्षेत्र में , जैसे आप मेरे दुश्मन है | क्युंकि आप मेरे में जान कर क्या कर सकते हैं ? आप मेरी उपेक्षा कर सकते हैं | आप इसका दुरूपयोग कर सकते हैं | या असल में आप मेरी जरूरत पूरी कर सकते हैं | और मैं अपनी सायकल को दुकान ले गयी - मुझे ये अच्छा लगा -- वही सायकल , और वहां पर वो चक्को को सीधा करते हैं | उस आदमी ने कहा " क्या आप जानती है , चक्को को कब सीधा करते है " यह सायकल को पहले काफी बेहतर बनायेगा " मैंने वही सायकल वापस ली , और उन्होंने चक्को के छोटे मोटे टेड़ेपन को ठीक कर दिया यह सायकल ठाई साल पुरानी थी , और अब नयी के समान हो गयी | तो मैं आप सबको चुनौती दूंगी | मैं चाहती हूँ आप अपने चक्को को सीधा करे : और ईमानदार रहे उस प्रशंसा के बारे में जो आप सुनना चाहता हैं | आप क्या सुनना चाहते है ? घर में पत्नी के पास जाइये , उससे पूछिए , उसे क्या चाहिए ? घर में अपने पति के पास जाइये -- उसे क्या चाहिए ? घर जाइये और ये सवाल पूछिए और फिर अपने आसपास के लोगो की मदद कीजिये | और यह आसान है | और हम इसकी चिंता क्यों करे ? हम विश्व शांति की बाते करते हैं | हम विभिन्न संस्कृतियों और विभिन्न भाषाओ के साथ विश्व में कैसे शांति हो सकती है ? मैं सोचती हूँ यह घर से शुरू होती है , एक ही छत के नीचे | तो चलिए इसे अपने आसपास ठीक करते है और मैं आप सभी श्रोताओ का धन्यवाद करती हूँ अच्छे पति , अच्छी माँ , दोस्त , बेटी , बेटा होने के लिए | और शायद किसी ने आप से कभी नहीं कहा , लेकिन आपने सच में बहुत अच्छा काम किया हैं | और धन्यवाद यहाँ आने के लिए , और अपने विचारों से दुनिया बदलने के लिए | धन्यवाद | ( अभिवादन )
(trg)="4"> " के तपाई मलाई यसरी प्रसंशा गर्नुहुन्छ ? " र त्यो किन कि म तपाईलाई मेरो बारे सम्वेदनशील तथ्य दिईरहेको छु | म तपाईलाई म कहाँ असुरक्षित छु भनिरहेको छु | म तपाईलाई मलाई तपाईको सहयोग कहाँ चाहिन्छ भनिरहेको छु | र पनि म तपाई , मेरो निकटस्थ , लाई शत्रु जस्तो व्यवहार गरिरहेको छु | किनकि तपाईले त्यो तथ्य लाई के गर्नुहुन्छ भनेर ? तपाईले मलाई वेवास्था गर्न सक्नुहुन्छ | तपाईले त्यसलाई दुरुपयोग गर्नसक्नु हुन्छ अथवा तपाईले साच्चिकै मेरो आवश्यकता पुरा गर्न सक्नुहुन्छ | अब मैले मेरो बाईक लाई बाईक पसल मा लगें - यो प्रसङ्ग मलाई मन पर्छ -- त्यहि बाईक , र उनीहरुले चक्कालाई सन्तुलित बनाउछन | त्यो गर्ने मान्छे ले भन्यो , " तपाईलाई थाहा छ , जब तपाई चक्का लाई सन्तुलित पार्नु हुन्छ , त्यसले त्यो बाईक लाई धेरै राम्रो बनाउछ | " म त्यहि बाईक फिर्ता पाउछु , र उनीहरुले त्यहि चक्काको सबै स- साना असन्तुलन हटाउछन् त्यो म संग साढे- दुई बर्ष सम्म थियो , र अब एकाएक मेरो बाईक नयाँ जस्तै भयो | त्यसैले म तपाईहरु लाई चुनौती दिनचाहान्छु | म तपाईहरु आफ्नो चक्का सन्तुलित बनाउनुहोस भन्ने चाहान्छु : आफुले सुन्न चाहेको प्रसंशा बारे इमान्दार हुनुहोस | तपाई के सुन्न चाहनुहुन्छ ? घरमा आफ्नी श्रीमती संग जानुस र उनलाई सोध्नुस , उनि के चाहिन्छिन ? घरमा आफ्ना श्रीमान संग जानुस -- उनि के चाहन्छन ? घर जानुस र यी प्रश्नहरु सोच्नुस र त्यसपछि आफु वरिपरी का अन्य लाई सहयोग गर्नुस् | र त्यो एकदमै साधारण छ | हामीले यसको वास्ता नै किन गर्ने र ? हामी विश्व शान्ति को कुरा गर्छौ | विभिन्न संस्कृति , विभिन्न भाषाहरु बाट हामी कसरी विश्व शान्ति प्राप्त गर्न सक्छौ ? मलाई लाग्छ यो सब घर घर बाट सुरु हुन्छ , एउटै छाना मुनि | त्यसैले हामी यसलाई आफ्नै आँगन बाट सुरु गरौं | म यहाँ दर्शकदीर्घा सबै लाई धन्यवाद दिन चाहान्छु एक महान पति , महान आमा , साथीभाई , छोरीहरु अनि छोराहरु भईदिनु भएको मा | तपाईहरुलाई कहिल्यै कसैले त्यसो भनेको छैन होला , तर तपाईहरुले साँच्चिकै राम्रो काम गर्नुभएको छ | र यहाँ उपस्थित भईदिनु भएको मा धेरै धन्यवाद , यहाँ आइदिएर र आफ्ना विचारहरु द्वारा संसार मा परिवर्तन ल्याउनुभएको मा | धन्यवाद | ( ताली )

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(src)="1"> हम अपना सुनना खो रहे हैं | हम लगभग अपने वार्तालाप का 60 फीसदी हिस्सा सुनने में बिताते हैं , लेकिन हम इसमें उतने अच्छे नहीं हैं | हम जितना सुनते है उसका केवल 25 फीसदी ही रख पाते हैं | अभी आपके लिए नहीं , इस व्याख्यान के लिए नहीं , लेकिन सामान्यत : यह सच है | चलिए सुनने को परिभाषित करे आवाजों से अर्थ निकालने के रूप में | यह दिमागी प्रक्रिया है , यह निष्कर्ष निकालने की प्रक्रिया है | यह इसके कुछ रोचक तकनीकियों का उपयोग करते है | इनमे से एक आकृतियाँ पहचानना है | ( भीड़ का शोर ) तो इस तरह की कॉकटेल पार्टी में , अगर मैं कहू " डेविड , सारा , धयान दो " आपमें से कुछ उठ बैठें | हम आकृतियों को पहचानते है शोर में से संदेश अलग करने के लिए , और खास कर हमारा नाम | अंतर निकालना एक और प्रक्रिया है जो उपयोग करते हैं | अगर मैं यह शोर कुछ मिनटों से ज्यादा चालू रहने दू तो आप सच में इसे सुनना बंद कर देंगे | हम अंतर को सुनते हैं , हम उन आवाजों को छोड़ देते हैं जो सामान रहती है | और फिर हमारे पास विभिन्न प्रकार की छलनियाँ है | यह छलनियाँ हमे सुनाई देने वाली सारी आवाजों से उस आवाज़ तक ले जाते है जिसे हम ध्यान दे रहे हैं | बहुत से लोग पूरी तरह से इन छलनियों से अंजान हैं | लेकिन वास्तव में ये एक तरीके से हमारी सच्चाई बनाते हैं , क्युंकि ये हमे बताते हैं कि हम किस पर ध्यान दे रहे हैं | इसका एक उदाहरण देता हूँ : प्रयोजन बहुत जरुरी है आवाज़ों में , सुनने में | जब मैंने अपनी पत्नी से शादी की , मैंने उनसे वादा किया कि मैं उन्हें हर दिन सुना करूँगा जैसे कि यह पहली बार है | अब इसे हर दिन करने में मैं विफल हुआ हूँ | ( हँसी ) लेकिन महान प्रयोजन है जो किसी रिश्ते में होना चाहिए | लेकिन बस यहीं नहीं है | आवाज़ हमे समय और जगह पर विस्थापित करते हैं | अगर इस कमरे में आप अपनी आँखें बंद करे , आपको इस कमरे के आकार का अंदाज़ा है गूंज से और दीवारों से आवाज़ के टकरा कर वापस आने से | और आपको अंदाज़ा है कि कितने लोग आपके आसपास है आपको सुनाई देने वाले छोटे से शोर के कारण | और आवाज़ हमे समय का ज्ञान भी देता है , क्युंकि आवाज़ों में हमेशा समय भी निहित होता है | असल में , मैं बताऊंगा कि सुनना ही हमारा मुख्य तरीका है जो हम समय के प्रवाह में महसूस करते हैं भूतकाल से भविष्य तक | तो , " गूंज समय और अर्थ है " -- एक महान वाक्य | मैंने शुरू के कहा था , हम अपना सुनना खो रहे हैं | मैंने ऐसा क्यों कहा ? इसके बहुत से कारण हैं | सबसे पहले , हमने रिकार्ड करने के तरीके खोजे -- पहले लिखना , फिर ध्वनि रिकॉर्डिंग और अब वीडियो रिकॉर्डिंग भी | सही और सावधानी से सुनने का लाभ आसानी से गायब हो गया है | दूसरा , दुनिया में अब बहुत शोर है .
(src)="2"> ( शोर ) इस शोर के साथ दृश्यों में और आवाजों में , सुनना मुश्किल है ; सुनना थकाने वाला है | बहुत से लोग हेडफोन की शरण लेते हैं , लेकिन वो इस तरह के बड़े और सार्वजानिक और साझे आवाज़ों की जगहों को लाखो छोटे , थोड़े व्यक्तिगत आवाज़ों के बुलबुलों में बदल रहे हैं | इस परिदृश्य में , कोई भी किसी को नहीं सुन रहा है | हम अधीर होते जा रहे हैं | अब हम वाक्पटुता नहीं चाहते , हमे बयान चाहिए | और वार्तालाप की कला का स्थान ले रहे हैं -- खतरनाक रूप से , मैं सोचता हूँ -- व्यक्तिगत प्रसारण | मुझे नहीं पता ऐसे वार्तालाप में कितना सुनना होता है , जो कि दुखद रूप से सामान्य है , खास कर U . K . में | हम असवेंदनशील हो रहे हैं | हमारी मीडिया को चीखना होता है इस तरह के शीर्षक के साथ हमारा ध्यान खींचने के लिए | और इसका मतलब है कि हमारे लिए ध्यान देना मुश्किल है शांत को , सूक्ष्म को , शालीन को | यह गंभीर समस्या है कि हम अपना सुनना खो रहे हैं | यह मामूली नहीं है | क्युंकि सुनना समझ का प्रवेश मार्ग है | सचेतता से सुनना हमेशा समझ उत्पन्न करता है | और बिना किसी सचेतता से सुनने से यह सब चीज़े हो सकती हैं -- ऐसी दुनिया जहाँ हम एक दूसरे को नहीं सुनते , असल में यह बहुत डरावनी जगह है | तो आपसे बाटना चाहूँगा पांच साधारण प्रयोग , साधन जो आप अपने साथ ले जा सकते है , अपनी सचेतता से सुनने की योग्यता बढ़ाने के लिए | क्या आप इसे चाहेंगे ?
(trg)="1"> हामी सुन्ने क्षमता गुमाउदैँ छौँ । हामी अन्दाजी ६० प्रतिशत समय सुनेर गर्ने सन्चारमा खर्च गर्छौँ । तर हामी यसमा त्यति पोख्त चाँहि छैनौँ । हामीले सुनेको २५ प्रतिशत मात्र लिन्छौँ । अहिले तपाईँहरु , यो प्रवचनलाई भनेको होइन है , तर साधारणतया यस्तै हुन्छ । ल हामी सुनाईलाई परिभाषित गरौँ ध्वनिको अर्थ बुझ्ने कामको रुपमा । यो एउटा दिमागी प्रक्रिया हो , र यो एउटा निचोडात्मक प्रक्रिया हो । यसको लागि हामीले केही चाखलाग्दा तरिकाहरु प्रयोग गर्छौँ । यी मध्ये एउटा ढाँचा पहिचान हो , ( भीडको हल्ला ) यस्तो ककटेल पार्टीमा , यदि मैले , " डेभिड , सारा , यता सुन त , " भन्दा केहि चुपचाप बस्नुहुन्छ । हामीले ढाँचालाई चिनेर हल्लाबाट चाहिएको सङ्केतलाई छुट्टयाउँछौँ , विशेषगरि आफ्नो नाम । फरक छुट्टयाउने अर्को तरिका हो । मैले यो ध्वनि केही मिनेटसम्म बजाइरहे भनेँ , तपाईँहरुले सुन्ने चेष्टा गर्नुहुन्न । हामी फरकलाई सुन्छौँ , अनि नफेरिने ध्वनिलाई छोड्दिन्छौँ । अनि धेरै प्रकारका फिल्टरहरु अाउँछन । यस्ता फिल्टरहरुले हामीलाई ठ्याक्कै त्यहाँ पुर्याउछन जुन कुरा हामी सुन्न खोजिरहेका हुन्छौँ । धेरै जनालाई यस्ता फिल्टरबारे थाहा नै हुदैँन । तर खासमा तिनीहरुले नै वास्तविकता देखाउँछन , किनभने यस्ता फिल्टरहरुले नै हामी कुन कुरामा ध्यान दिदैँ छौँ भन्ने बताउँछन् । म एउटा उदाहरण दिन्छु : सुन्नको लागि नियत पनि महत्वपुर्ण कुरा हो । जब मैले बिहे गरेँ , मैले वाचा गरेको थिएँ उनका कुरा सधैँ सुन्नेछु जिन्दगीमा पहिलो पटक । र अहिले म सधैँ यो कुरा पुरा गर्न सकेको छैन । ( हाँसो ) तर यस्तो अभिप्राय राख्नु सम्बन्धमा राम्रो हुन्छ । तर यो पनि सबै होइन । ध्वनिले नै हामीलाई स्पेस( स्थान ) र समयमा स्थापित गराउँछ । यदि तपाईले अहिले यो कोठामा आँखा बन्द गर्नुभयो भने पनि तपाईँले यो कोठाको साइज अनुमान लगाउन सक्नुहुन्छ प्रतिध्वनिबाट र भित्ताहरुबाट फर्केको आवाज सुनेर । र यहाँ कति मान्छे छन भन्ने पनि अनुमान लगाउन सकिन्छ किनभन्दा सानासाना आवाजहरु तपाईँहरु सुनिरहनुभएको छ । अनि ध्वनिले हामीलाई समयमा राख्छ , किनभन्दा ध्वनिमा सधैँ समय पनि समाहित हुन्छ । खासमा , म के भन्न रुचाउँछु भने सुनाई नै प्रमुख कुरा हो जसबाट हामी समयलाई अनुभव गर्छौँ विगतदेखि भविष्यसम्म । त्यसैले " ध्वन्यात्मकता नै समय र अर्थ हो( Sonority is time and meaningJean- Luc Nancy ) " -- एउटा राम्रो उद्गार । मैले सुरुमा नै भनेको थिएँ , हामीहरु सुन्ने क्षमता गुमाउँदै छौँ । मैले किन त्यस्तो भनेँ त ? त्यसको पछाडि धेरै कारणहरु छन् । पहिलो , हामीले रेकर्डिङ प्रविधि पत्ता लगायौँ -- पहिले लेखाई , त्यसपछि ध्वनि रेकर्डिङ अनि अहिले भिडियो रेकर्डिङ । जुन ध्यान र शुध्द सुन्ने प्रयास गरिन्थ्यो त्यो सजिलो हराएर गयो । दोस्रो , संसार धेरै कोलाहलमय छ , ( हल्ला ) यस्ता कर्कश हल्लाहरु भइरहेछन , श्रव्य र दृश्य दुवैमा , अनि सुन्न गार्हो हुदै छ , अनि सुन्दैमा थाकिने भइसक्यो । धेरै मानिसहरुले हेडफोन प्रयोग गर्छन , तर त्यसले पनि ठुला , सार्वजनिक स्थल , जस्तै यहाँ , यी साझा ध्वनिहरु , लाखौँ , साना , मसिना व्यक्तिगत ध्वनिवृत्तमा परिवर्तन हुन्छन् । यस्तो परिदृश्यमा , कसैले कसैलाई सुनेको हुदैँन । हामीहरु अधैर्य बन्दै छौँ । हामीलाई वक्तृत्व मन पर्दैन , चाखलाग्दो बयान मन पर्छ । साथै कुराकानीको कला प्रतिस्थापित हुदैँ छ -- खतरनाक रुपमा , मेरो विचारमा -- व्यक्त्तिगत सन्चारले । म भन्न सक्दिन यो प्रवचनमा कतिको सुनिएको छ , दुखद कुरा यो सर्वत्र छ , खासगरि संयुक्त अधिराज्यमा । हामीहरु कम संवेदनशील हुदैँ छौँ । हाम्रा मिडियाहरु कराउनै पर्छ हेडलाइनहरु तिर हाम्रो ध्यान तान्न । र यसले के बताउँछ भने हाम्रो ध्यान पुग्दैन साना , मसिना , अनि कम चर्चा गरिएकामा । यो गम्भिर समस्या हो कि हामी सुन्ने क्षमता गुमाउदैँ ‍छौँ । यो साधारण हुदैँ होइन । किनभने सुनाई हाम्रो बुझाईको ढोका हो । सचेत सुनाईले सधैँ बुझाईलाई सघाउँछ । र सचेत सुनाई बिना यस्ता कुरा हुन सक्छन -- एउटा यस्तो संसार जहाँ एउटाले अर्कोलाई सुन्दैन , पक्कै पनि डरलाग्दो ठाउँ हुनेछ । त्यसैले म के कुरा बाँड्न चाहन्छु भने पाँच साधारण अभ्यासहरु , साधनहरु जुन तपाईँ सगैँ लिएर जहाँ पनि पुग्न सक्नुहुन्छ , आफ्नो सचेत सुनाईलाई सुधार्न । के तपाईँहरु यो चाहनुहुन्छ ?

(src)="3"> ( श्रोता : हाँ ) अच्छा | सबसे पहला ख़ामोशी | एक दिन में सिर्फ तीन मिनट की ख़ामोशी एक अद्भुत प्रयोग है अपने कानो को फिर से क्रियाशील और अनुकूल बनाना जिससे आप शांत को सुन सके | अगर पूरी तरह से ख़ामोशी नहीं मिल पाती शांत रहिये , यह पूरी तरह से ठीक है दूसरा , मैं इसे मिक्सर कहता हूँ | ( शोर ) तो अगर आप इस तरह के शोर वाले वातावरण में है तो भी -- और हम इस तरह के जगहों पर काफी समय व्यतीत करते है -- काफी बार में सुनिए जानने के लिए कि आप कितने आवाज़ों के स्त्रोत को सुन सकते हैं ? कितने विभिन्न स्त्रोत को मैं सुन सकता हूँ इस मिश्रण में ? आप इस किसी सुंदर स्थान में कर सकते हैं , जैसे एक झील | कितने पक्षियों को मैं सुन रहा हूँ ? वो कहाँ हैं ? वो लहरे कहा हैं ? यह एक महान प्रयोग है आपके सुनने के गुणवत्ता बढ़ाने के लिए | तीसरा , इस प्रयोग को मैं स्वाद लेना कहता हूँ , और यह एक सुंदर प्रयोग है | यह नीरस आवाज़ों का आनंद लेने के बारे में है | यह उदाहरण के लिए , मेरा टम्ब्ल ड्रायर है | ( ड्रायर ) यह वाल्ट्ज है | एक , दो , तीन | एक , दो , तीन | एक , दो , तीन | मुझे यह पसंद है | या इसे इस्तेमाल करके देखिए | ( काफी ग्राइन्डर ) अहा ! नीरस आवाज़े भी सच में रोमांचक हो सकती है अगर आप ध्यान दे | मैं इसे छिपा हुआ गीत कहता हूँ | यह हमारे आसपास हर समय रहता है | अगला प्रयोग शायद इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण है , अगर आप सिर्फ एक चीज़ अपने साथ ले जाए | यह सुनने का अवस्था -- विचार यह है कि आप अपने सुनने की अवस्था को बदल सकते है आप जो सुन रहे है उसके अनुसार | यह उन छलनियो के साथ खेलना है | क्या आपको याद है, शुरुवात में उनके बारे में आपको मैंने बताया था | यह उनके साथ लीवर की तरह खेलने की , उनके साथ सचेत होने की और उनके विभिन्न स्थानों में ले जाने की शुरुवात है ये सिर्फ सुनने की कुछ अवस्था है , या सुनने के स्थानों का पैमाना , जो आप देख सकते है | ऐसे बहुत से है | इनके साथ मज़े कीजिये | यह बहुत रोमांचक है | और अंत में , एक संक्षित शब्द | आप इसे सुनने में उपयोग कर सकते है , संचार में | अगर आप इनमें से किसी भूमिका में हैं -- और मैं सोचता हूँ कि शायद वेह सभी हैं जो इस व्याख्यान को सुन रहे है -- संक्षिप्त शब्द रस ( RASA ) है , जो कि एक संस्कृत शब्द है रस और सार के लिए |
(trg)="2"> ( श्रोताहरु : हजुर ) राम्रो । पहिलो हो शान्ति । दिनमा तीन मिनेट ( शान्तिमा) मौन बस्नु एउटा राम्रो अभ्यास हो जसले तपाईँका कानलाई जाँचेर पहिलेकै अवस्थामा पुर्याउँछ अनि तपाईँले पहिले जस्तै सुन्न सक्नुहुन्छ । यदि पुर्ण शान्ति मिल्दैन भने चुपचाप भए पनि हुन्छ । दोस्रो , म यसलाई मिक्सर भन्छु । ( हल्ला ) यदि यस्तो कोलाहलमय वातावरणमा तपाईँ पर्नुभयो भने -- र हामी सबैजसोले धेरैजसो समय यस्तै हल्लामा बस्छौँ -- कफि बार सुनौँ कति च्यानलहरु मैले सुन्न सक्छु त ? ती मध्ये कति च्यानललाई मैले खासमा सुनिरहेको हुन्छु ? तपाईँले यो सुन्दर ठाउँमा पनि गर्न सक्नुहुन्छ , जस्तै तालको छेउछाउमा । कति चराको आवाज म सुन्न सक्छु ? तिनीहरु कहाँ छन ? अनि त्यो छाल नि ? यो एउटा राम्रो अभ्यास हो सुन्ने क्षमताको गुणस्तर बढाउनको लागि । तेस्रो , यो अभ्यासलाई म रमाउनु भन्छु , र यो एउटा सुन्दर अभ्यास हो । यो साधारण आवाजहरुमा नै रमाउनुसित सम्बन्धित छ । ल , उदाहरणको लागि , मेरो सुकाउने मेसिनलाई लिउँ । ( ड्रायरको आवाज ) यो वाल्ट्ज सङ्गीत हो । एक , दुइ , तीन। एक , दुइ , तीन। एक , दुइ , तीन । मलाई यो मन पर्छ । अथवा यो पो विचार गर्ने कि ?

(src)="4"> RASA पूरा अर्थ है Receive ( ग्रहण करना ) जिसका मतलब है कि व्यक्ति पर ध्यान देना ; सराहना कीजिये , हल्की आवाज़े निकलना जैसे हम्म , ओह , ओके ; सार प्रस्तुत कर , शब्द " तो " संचार में बहुत महत्वपूर्ण है ; और पूछिए , उसके बाद सवाल पूछिए | अब आवाज़ मेरा शौक है , यह मेरी जिंदगी है | मैंने इसके बारे में एक पूरी किताब लिखी है | तो मैं सुनने के लिए जीता हूँ | यह बहुत से लोगो के लिए बड़ा काम है | लेकिन मैं विश्वास करता हूँ कि हर व्यक्ति को जरूरत हैं सचेतता से सुनने की पूरी तरह से जीने के लिए -- समय और अंतरिक्ष में जुड़े रहने के लिए हमारे आसपास की भौतिक दुनिया से , एक दूसरे को समझने से , बताने के जरूरत नहीं आध्यत्मिक रूप से जुड़ी हुई , क्युंकि हर आध्यात्मिक रास्ता जो मुझे पता है सुनना और चिंतन उनके हृदय में हैं | इसीलिए हमे स्कूलों में सुनना सिखाने की जरूरत हैं एक कौशल की तरह यह क्यों नहीं सिखाया जाता ? यह अजीब है | और अगर हम सुनना अपने स्कूलों में सिखा सके तो , हम अपने सुनने को उस फिसलन वाले ढाल में संभाल सकते हैं जो कि खतरनाक है , डरावनी दुनिया जिसे बारे में मैंने बात की और ऐसे जगह पर ले जाए जहाँ सभी हमेशा सचेतता से सुन रहे हैं -- या कम से कम इसके योग्य हैं | अब पता नहीं कि इसे कैसे करे , लेकिन यह TED है और मैं सोचता हूँ कि TED समूह कुछ भी करने के योग्य हैं | तो मैं आपको निमंत्रण देता हु मुझसे जुड़ने का , एक दूसरे से जुड़ने का , इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने का और स्कूलों में सुनना सिखाया जाना शुरू किया जाए , और दुनिया को सचेतता से सुनने वाली दुनिया की पीढ़ी में बदले -- जुड़ी हुई दुनिया , एक समझने वाली दुनिया और शांति की दुनिया | आज मुझे सुनने के लिए धन्यवाद | ( अभिवादन )
(trg)="3"> ( कफि पिस्ने ) आहा ! यस्ता साधारण ध्वनिहरु पनि रोचक हुन्छन ध्यान दिने हो भने । म यसलाई अदृश्य वाद्य भन्छु । यस्ता ध्वनि सधैँ हाम्रो वरिपरि भेटिन्छन । अर्को अभ्यास जुन सबैभन्दा महत्वपुर्ण हुन पनि सक्छ , जब तपाईँले एउटा कुरा छोड्नुहुन्छ । त्यो सुन्ने अवस्था वा आसन हो -- मुल कुरा के भने तपाईँले आफ्नो सुन्ने आसन वा अवस्था परिवर्तन गर्ने जबसम्म उचित सुन्ने अवस्थामा पुगिदैँन । यो पनि ती फिल्टरहरुसँग नै खेल्ने हो । तपाईँलाई याद छ नि , मैले सुरुमा तपाईहरुलाई फिल्टर दिएको थिएँ । अब यसको खेल सुरु भयो तिनिहरुलाई लिभर जस्तो गरेर तिनीहरुबारे सचेत हुने र फरकफरक ठाउँमा सारेर हेर्ने । यी केही सुन्ने अवस्था वा आसनहरु हुन , जुन तपाईँहरु प्रयोग गर्न सक्नुहुन्छ । यस्ता धेरै छन । यसमा रमाउनुस । यो रोचक पनि छ । अनि अन्तिममा एउटा संक्षेप है । तपाईँले यसलाई सुनाईमा वा सन्चारमा प्रयोग गर्न सक्नुहुन्छ । यदि तपाईँ यस्तो रोलमा हुनुहुन्छ भने -- र मलाई लाग्छ सबैजसो जो यो प्रवचन सुन्दै हुनहुन्छ -- यो संक्षेप हो ´रस ' । ( RASA ) जुन एउटा संस्कृत शब्द हो रस वा सारको लागि । अब ´रस´ को पुरा रुप हुन्छ पाउनु ( Receive ) अर्थात स्रोत तिर ध्यान दिएर केहि पाउनु , सराहना गर्नु ( Appreciate ) , सानो आवाज निकाल्नु जस्तै अँ , ओहो , ठिक छ , सारांश निकाल्नु ( Summarize ) , " त्यसैले " भन्ने शब्द सन्चारमा धेरै महत्वपुर्ण छ , अनि सोध्नु( Ask ) , पछि प्रश्न सोध्ने । अहिले आवाज नै मेरो लागि उत्साह हो , यो नै मेरो जिवन हो । मैले यसकै बारेमा किताब लेखिसकेँ । त्यसैले म सुन्नकै लागि बाँच्छु । यो अति नै धेरै हुन सक्छ कति मानिसहरुको लागि । तर म के मा विश्वास गर्छु भने मान्छेले सचेत भएर सुन्नुपर्छ पुरा जिवन जिउनलाई‍ -- स्थान ( space ) र समयमा जोडिन हाम्रो वरपरको भौतिक संसारसँग , एक अर्काको बुझाइलाई जोड्न , आध्यात्मिक संयोजनको कुरै नगरौँ , किनकि मैले थाहा पाएको आध्यात्मिक मार्गमा सुनाइ र यसको मनन नै केन्द्रमा रहेको छ । त्यसैले हाम्रा स्कुलहरुमा सुन्न सिकाइनु पर्छ एउटा सीपको रुपमा । यो किन गरिदैनँ ? अनौठो छ । यदि हामीले सुनाइलाई स्कुलमा सिकाइयो भने , हाम्रो सुनाइलाई भिरालो धरापबाट खतरनाक संसारमा ल्याउन सक्छौँ जसको बारेमा मैले कुरा गरेँ र त्यहाँ लैजान सक्छौँ जहाँ सबै सचेत भएर सुनिरहेका हुनेछन -- अथवा कम्तिमा यसको लागि तयार हुनेछन । अहिले त्यो कसरी होला भन्न सकिदैँन , तर यो TED हो , र मलाई लाग्छ TED समुदाय जे गर्न पनि सक्षम छ । त्यसैले म तपाईँलाई मसँग सम्पर्क गर्न निम्त्याउँछु , र सबैसँग सम्पर्कमा रहनको लागि , यो कार्यलाई सबैतिर पुर्याउनुहोस अनि स्कुलमा पनि सुनाइ सिकाइयोस , जसले संसारलाई यस्तो पुस्तामा रुपान्तरण गरोस जुन सचेत सुनाइ सहितको हुनेछ -- संचार सम्पर्कको संसार , बुझाइको अनि शान्तिको संसार । मलाई आज सुनिदिनु भएकोमा धन्यवाद । ( ताली )

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(src)="1"> सोचिये एक बडे विस्फ़ोट के बारे में जब आप ३००० फ़ीट की ऊँचाई से ऊपर जा रहे हों । कल्पना कीजिये धुँए से भरे एक हवाई- जहाज़ की । सोचिये इंजन की क्लैक क्लैक क्लैक करती आवाज़ , क्लैक क्लैक क्लैक क्लैक क्लैक क्लैक वो बहुत डरावनी आवाज़ होती है । खैर , मैं उस दिन एक ख़ास सीट पर था । १- डी । मैं ही एक ऐसा व्यक्ति था जो कि फ़्लाइट परिचारकों से बात कर सकता था । तो मैनें उनकी तरफ़ देखा , और उन्होंने कहा , " कोई दिक्कत नहीं है । शायद कोई चिडिया टकरा गयी है । " पायलट नें तब तक जहाज़ को वापस मोड लिया था , और हम बहुत दूर नहीं थे । आप मैनहैटन को देख सकते थे । दो मिनट बाद , तीन चीजें एक साथ घटित हुईं । पायलट ने जहाज़ को हडसन नदी की सिधाई में कर लिया । ज्यादातर , ये रास्ता नहीं होता है । ( हँसी ) उसने इंजन बंद कर दिये । अब सोचिये ऐसे जहाज़ में होना जिसमें कोई आवाज़ न हो । और फ़िर उसने तीन शब्द कहे --- सबसे भावनाहीन तीन शब्द जो मैनें कभी भी सुने । उसने कहा , " ब्रेस फ़ॉर इम्पैक्ट " ( झटके के लिये तैयार हों ) इसके बाद मुझे फ़्लाइट परिचारकों से बात करने की आवश्यकता नहीं रह गयी थी । ( हँसी ) मैं उसकी आँखें पढ सकता था , आतंक साफ़ झलक रहा था । जीवन का अंत हो रहा था । अब मैं आपके साथ वो तीन बातें बाँटना चाहता हूँ जो मुझे उस दिन अपने बारे में पता लगीं । मैने सीखा कि सब कुछ एक क्षण में बदल जाता है । हम सब के पास ये लिस्ट होती है , कि हमें मरने के पहले ये काम तो करने ही हैं , और मैने सोचा उन सब लोगों के बारे में जिनसे मिलना मैं टालता आया था , और वो सारे टूटे रिश्ते जो मैं जोडना चाहता था , और वो सारे अनुभव जो मैं लेना चाहता था , मगर लिये नहीं । और जब मैनें बाद में उन के बारे में सोचा , तो मैने एक लाइन कही ,
(src)="2"> --- " मैं बेकार शराब इकट्ठा करता हूँ " क्योंकि अगर वाइन है , और वो व्यक्ति भी है , तो उसे मत बचाओ । अब मैं जीवन में कुछ भी बाद के लिये नहीं टालना चाहता हूँ । और ये जल्दबाजी , और कुछ करने की ललक , इसने मेरा जीवन बदल दिया है । दूसरी बात जो मैने उस दिन सीखी -- और ये तब सीखी जब हम जार्ज़ वाशिंगटन पुल के ऊपर थे , कुछ खास ऊपर नही --- मैने सोचा , वाह ! मुझे असल में केवल एक ही दुःख है । मैनें अच्छा जीवन जिया है । और अपनी इंसानी गल्तियों के बीच भी , मैनें हर काम को बेहतर करने की कोशिस की है । लेकिन अपने इंसान होने में , मैने अपने दंभ को भी बीच में आने दिया है । और मुझे पछतावा हुआ उस सब समय के लिये जो मैने बरबाद किया उन चीजों पर , जिनका कोई महत्व नही है , उन लोगों के साथ , जो वाकई महत्वपूर्ण थे । और मैनें अपनी पत्नी के साथे अपने रिश्ते के बारे में सोचा , अपने दोस्तों के साथ रिश्तों के बारे मे , लोगों के साथ रिश्तों के बारे में । और उस के बाद , जब मैने ये सब सोचा , मैने फ़ैसला किया कि मैं अपनी जीवन से नकारात्मकता को निकाल फ़ेंकूँगा । मेरा जीवन बिल्कुल आदर्श तो नहीं , लेकिन बेहतर ज़रूर है । पिछले दो सालों मे मेरा अपनी पत्नी से एक बार भी झगडा नहीं हुआ । ये बहुत बढिया लगता है । मैं बहस नहीं करता हूँ ; हमेशा सही सिद्ध होना नहीं चाहता हूँ । मैं सिर्फ़ खुश रहना चाहता हूँ । तीसरी बात जो मैने सीखी -- और ये तब जब मेरे दिमाग में उलटी गिनती चलने लगी थी १५ , १५ , १३ , और पानी ऊपर आता दिख रहा था । मै कह रहा था , " विस्फ़ोट ही हो जाये । " मैं नहीं चाहता कि ये जहाज़ २० टुकडों में बँट जाये जैसा कि तमाम डाक्यूमेंट्रियों में दिखता है । और जैसे जैसे हम नीचे आ रहे थे , मुझे लगा कि , अरे ! मरना डरावना नहीं होता । ऐसा लग रहा था जैसे कि हम सारी ज़िंदगी इस के लिये ही तैयारी कर रहे थे । मगर वो बहुत दुख भरा था । मुझे अपना जीवन प्रिय था । मैं उसे ख्त्म नहीं होने देना चाहता था । और ये दुख सिर्फ़ एक ही विचार के रूप में उभरा कि मुझे बस एक ही इच्छा है मैं सिर्फ़ ये चाहता था कि मैं अपने बच्चों को बडा होते देखूँ । करीब एक महीने बाद , मैं अपनी बेटी को स्टेज पर देख रहा था --- पहले दर्ज़े में है , और कुछ खास कलात्मक भी नहीं है --- फ़िर भी । \ ( हँसी ) और मैं बिल्कुल रो रहा था , एक छोटे से बच्चे की तरह रो रहा था । और मुझे वो सब करना बिल्कुल ही ठीक लग रहा था । और तब मैने जाना इन दो बिंदुओं को मिला कर , कि मेरे जीवन में बस एक ही चीज़ महत्वपूर्ण है अच्छा पिता बन पाना । हर चीज़ से ऊपर , सबसे ऊपर मेरे जीवन का एक ही उद्देश्य है कि मैं एक अच्छा पिता बनूँ । मुझे एक चमत्कारिक देन मिली , उस दिन मैं बच गया । मुझे एक और देन मिली , जो कि भविष्य में जाकर वापस लौट पाने की देन भी , और अलग तरह से जी पाने की देन । मैं उन सब लोगों से कहता हूँ जो आज उड रहे हैं , कि आप अपने जहाज के साथ ये होता हुआ सोनिये , भगवान न करे --- मगर सोचिये --- कि आप को वो कैसे बदल देगा ? आप वो क्या चीजे करेंगे जो आप अभी तक टालते आये है& lt ; क्योंकि आप सोचते हैं कि आप तो अमर हैं ? आप अपने रिश्ते कैसे बदलेंगे और उन्हें कैसे सकारात्मक बनायेंगे ? और सबसे बडी बात , क्या आप सबसे अच्छे अभिभावक बनने रहे हैं ? धन्यवाद । अभिवादन
(trg)="1"> एउटा ठूलो विस्फोटनको कल्पना गर्नुहोस जब तपाई ३००० फिट उचाईंमा हुनुहुन्छ | एउटा धुवाँको मुस्लोले ढाकिएको हवाइजहाजको कल्पना गर्नुस | एउटा इन्जिनको कल्पना गर्नुहोस् जुन कराउँदैछ - क्लाक , क्लाक , क्लाक क्लाक , क्लाक , क्लाक , क्लाक यो एकदम डरलाग्दो हुन्छ । म एउटा गजबको सिटमा थिएँ । म १घ ( 1D ) मा बसेको थिएँ । म नै एउटै मानिस थिएँ जो जहाजको परिचारिकासँग कुरा गर्न सक्थ्यो । मैले उत्तिनै खेर उनीहरूलाई हेरे । र उनीहरूले भने , " कुनै समस्या होइन । हामीले कुनै चरासँग ठक्कर खाएको हुनुपर्छ । " चालकले जहाज घुमाइसकेका थिए , र हामी धेरै टाढा पनि थिएनौ । म्यानहटन देख्न सकिन्थ्यो । दुई मिनेट पछि , तीन वटा कुराहरु एकैसाथ भए । विमान चालकले जहाजलाई हड्सन नदी तिर सोझ्याए । त्यो नियमित बाटो थिएन । ( हाँसो ) उनले इन्जिनहरु बन्द गरे । अब कल्पना गर्नुहोस् कि तपाईं यस्तो जहाज भित्र हुनुहुन्छ जुन बाट आवाज आइ राखेको छैन । र उनले तीन वटा शब्द भन्छन - - मैले अहिलेसम्म सुनेका मध्य कठोर शब्दहरु र उनी भन्छन , " नराम्रो परिणामको लागि तयारी गर । " मैले जहाज- परिचारिकाहरूसँग अब कुरा गरिराख्नु परेन । ( हाँसो ) मैले उनको आँखा पढ्न सक्थे । त्यो भयानक थियो । जीवनको समाप्ति । अब मैले त्यो दिन सिकेका ३ वटा महत्वपूर्ण कुरा तपाईंहरूलाई सुनाउँदैछु । मैले सिके कि सबैकुरा निमेषभरमा परिवर्तन हुन सक्छन् । हामीसँग एउटा लामो सुची छ , हामी यी कुराहरु आफ्नो जीवनकालमा गर्न चाहन्छौं , मैले जीवनमा भेट्न चाहेका तर नभेटेका मानिसलाई सम्झे । ती सारा बिग्रेका कामहरु जसलाई म सच्याउन चाहन्थे , मैले लिन चाहेर पनि लिन नसकेका सबै अनुभवहरु । जब मैले यी सबैको बारेमा पछि सोचें , म यो निर्णयमा पुगे कि , " मैले गलत रक्सी जम्मा पारिरहेको छु । " किनकि जब रक्सी तयार छ र कोही त्यही छ - म रक्सी खोल्दै छु । अब म कुनै पनि कुरालाई थाँती राख्न चाहन्न । र त्यो आकस्मिकता , त्यो कारणले मेरो जीवनलाई साँच्चै नै परिवर्तन गरिदिएको छ । मैले त्यो दिन सिकेको दोस्रो कुरा -- र यो हामीले जर्ज वासिङ्टन पुललाई खाली गर्नु जस्तै हो , जुन त्यति ठुलो कुरा पनि होइन --- म प्रफुल्ल भए । मलाई साँच्चै नै एउटा पश्चाताप महसुस हुन्छ । मैले एउटा राम्रो जीन्दगी बाँचेको छु । मेरो आफ्नै मानवता तथा गल्तीहरूको सँगै मैले प्रयास गरेका हरेक चीजमा राम्रो हुन प्रयास गरेको छु । तर मेरो मानवतामा , म मेरो अहमलाई पनि स्वागत गर्छु । र मैले व्यर्थै खेर फालेको समय सोचेर पश्चाताप गरे जुन काम ती आवश्यक थिएन ती मानिससँग जुन महत्वपूर्ण थिए । र मैले सम्बन्धहरूको बारेमा सोचें मेरी पत्निसँगको , मेरा साथीसँगको , मानिसहरूसँगको । र त्यसपछि , जब मैले त्यस विषयलाई लिएर आफैलाई ऐनामा हेरे , मैले मेरो जीवनबाट नकरात्मक उर्जालाई उत्सर्जन गर्ने निर्णय गरे । यो सबै हिसाबबाट उपयुक्त त छैन , तर धेरै राम्रो चाही छ । मैले यो २ वर्षमा आफ्नी पत्निसँगै कहिल्यै झगडा गरेको छैन । बडो आनन्दको महसुस हुन्छ । म अबदेखि सही हुन चाहन्न , बस ! खुसी रहन चाहन्छु । मैले सिकेको तेस्रो कुरा - - यो तपाईंको दिमागी घडी जस्तै हो चलिरहन्छ , " १५ " , " १४ " , " १३ " तपाई पानी आइरहेको देख्नु हुन्छ । म भन्छु , " कृपया मलाई बगाएर लैजाउ " । म यसलाई २० टुक्रामा विभाजन गर्न चाहन्न तपाईहरूले त्यो वृत्तचित्रमा देखे जस्तो । जब हामी तल आउँदैछौं , मलाई रमाइलो अनुभव भयो । मर्नु डरलाग्दो छैन । यो त हामीले जीन्दगी भरि गरिरहेको तयारी जस्तै छ । तर यो धेरै दुःखदायी चाही थियो| म जान ( मर्न ) चाहन्न थिए , म मेरी पत्निलाई प्रेम गर्छु । अनि त्यो दुःख एउटा सोचमा परिणत भयो जुन कुरा , मैले एउटै मात्रै चाहना गरे| मैले चाहे की म मेरा छोराछोरीहरू बढेको देखुँ । त्यसको लगभग एक महिना पछि , म मेरी छोरीको ( कला ) प्रस्तुतिमा थिए । एक कक्षाकी छात्रा , त्यस्तो धेरै प्रतिभावान कलाकार त होइन ... ... तरपनि । ( हाँसो ) म कराउदैछु , रूदैछु , सानो बच्चा जस्तै र यी सबै कुरा गर्नु मलाई निकै सान्दर्भिक नै लाग्दै थियो त्यस क्षण मैले यो कुरा महसुस गरे कि ति दुई वटा आयामहरू लाइ जोडेर एउटै कुरा जुन मेरो जीवनमा महत्वपूर्ण छ -- त्यो भनेको एउटा राम्रो पिता हुनु हो । त्यो भन्दा पनि महत्वपूर्ण कुरा , महत्वपूर्ण कुरा , मेरो जीवनको एउटै मात्र उद्देश्य भनेको एउटा राम्रो पिता बन्नु हो । मलाई एउटा चामत्कारिक उपहार प्राप्त भएको छ त्यो दिन नमर्नु मलाई अर्को पनि उपहार प्राप्त भएको छ , जुन चाही भविष्य देख्न सक्ने हुनु हो अनि त्यहाँबाट फर्केर आउने तथा फरक जीवन जिउने हुन सक्नु हो । म तपाई आज उडिरहनु भएका साथीहरूलाई चुनौति दिन्छु , सम्झनुहोस कि तपाईहरूको जहाजमा पनि त्यहि कुरा भयो । तर कृपया नसम्झनुस् अनुमान गर्नुहोस , तपाईमा कस्तो परिवर्तन आउने थियो ? तपाईले के काम सम्पन्न गर्नुहुन्थ्यो , जुन तपाईंले थाती राख्नु भएको थियो किनकि तपाईंलाई लाग्छ तपाईं सधै यही रहिरहनु हुनेछ ? तपाईं कसरी सुधार गर्नुहुन्थ्यो आफ्नो सम्बन्धहरूलाई तथा सम्बन्धमा भएका खराब तत्वहरूलाई ? र सबै भन्दा ठूलो कुरा , तपाईं सकेसम्म उत्तम अभिभावक बनिरहनुभएको छ ? धन्यबाद ( ताली )

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(src)="1"> मुझे पता है कि आपको क्या लग रहा है । आप सोच रहे हैं कि मैं रास्ता भूल गयी हूँ , और अभी कोई मंच पर आयेगा और मुझे चुपचाप वापस अपनी सीट तक पहुँचा जाएगा । ( ठहाका ) दुबई में ये अक्सर मेरे साथ होता है ।
(trg)="1"> मलाई थाहा छ तपाईहरु के सोचिरहनुभएको छ | तपाईहरु सोचिरहनुभएको छ कि मैले बाटो बिराए , र केहि बेरमा कोही यो स्टेजमा आउँदैछ र मलाई बिस्तारै मेरो सिटमा लैजानेछ | ( ताली ) दुबईमा मलाई सधै नै यस्तो हुन्छ |

(src)="2"> " छुट्टी में आयी हैं ? "
(trg)="2"> " तपाई यहाँ छुट्टीमा आउनुभएको हगि ? "

(src)="3"> ( हँसी )
(trg)="3"> ( हाँसो )

(src)="4"> " बच्चों से मिलने आयी हैं ? " " कितने दिन रुकेंगी ? " असल में , मैं काफ़ी दिन और रुकना चाहती हूँ । मैं खाडी में रह रही हूँ और पढा रही हूँ करीब पिछले तीस साल से भी ज्यादा से । ( ठहाका ) और इतने समय में , मैनें बहुत सारे बदलाव देखे हैं । और इसकी संख्या काफ़ी चौंकाने वाली है । और आज मैं आपसे बात करना चाहती हूँ भाषाओं के खोने के बारे में और इंग्लिश के सारी दुनिया में फ़ैलने के बारे में । मैं आपको अपने एक दोस्त के बारे में बताना चाहती हूँ जो कि अबु धाबी में व्यस्कों को इंग्लिश पढाते हैं । और एक दिन , उन्होंने सोचा कि उन सब को बगीचे में ले जा कर प्राकृतिक वस्तुओं के नाम आदि सिखायेंगी । मगर असल में उन्हें ही सीखने को मिले तमाम अरब शब्द उन सब स्थानीय पौधों के , और उनके इस्तेमाल भी -- दवाई के रूप में , सौंदर्य प्रसाधन के रूप में , खाने में , आदि । इन विद्यार्थियों को ये जानकारी कहाँ से मिली थी ? ज़ाहिर है , अपने दादा- दादी , नाना- नानी से और परदादा , परनाना से भी । अलग से ये बताना ज़रूरी नहीं कि कितना महत्वपूर्ण है कि हम बातचीते करें पीढियों के बीच । मगर दुखद है कि , आज , भाषाओं मर रही हैं बहुत तेज़ दर से । हर १४ दिन में एक भाषा लुप्त हो जाती है । और ठीक वहीं , इंग्लिश विश्व- भाषा बन कर उभर रही है । क्या ये बातें संबंधित हैं ? मुझे नहीं पता । मगर मैं ये जानती हूँ कि मैनें बहुत सारे बदलाव देखे हैं । जब मैं पहली बार खाडी में आई , तो मैं कुवैत गयी उन दिनों में जब वहाँ जाना कठिन था । असल में , उतनी पुरानी बात नहीं है । थोडा ही पहले की बात है । मगर फ़िर भी , मुझे ब्रिटिश काउंसिल ने नौकरी दी थी २५ और अध्यापकों के साथ । और हम पहले गैर- इस्लामी लोग थे जिन्होने कुवैत के सरकारी स्कूलों में पढाया । हमें इंग्लिश पढाने के लिये लाया गया था क्योंकि सरकार देश को आधुनिक बनाना चाहती थी और नागरिको को क्षमता देना चाहती थी , शिक्षा के ज़रिये । और बिलकुल ही , यू . के . ने फ़ायदा उठाया तमाम सारे तेल के संसाधनों का । ओके । और जो बदलाव मैने देखा है वो ये है कि - कैसे इंगलिश पढाना बदला है दोनो ओर को फ़ायदे देने वाली क्रिया से इतने बडे वैश्विक व्यापार में , जो आज वो है । वो सिर्फ़ स्कूल के कोर्स में पढायी जाने वाली विदेशी भाषा नहीं रह गयी है । न ही वो बपौती रह गयी है इंग्लैण्ड की । वो ऐसी पार्टी बन गयी है जिसमें इंग्लिश बोलने वाले हर राष्ट्र को शामिल होना ही है । और क्यों न हो ? आखिरकार , सबसे बढिया शिक्षा -- विश्व के विद्यालयों की लिस्ट के हिसाब से --- उन विश्वविद्यालयों में -- जो कि यू . के . और यू . एस . में हैं । तो हर कोई इंग्लिश की पढाई करना चाहता है , ज़ाहिर तौर पर । मगर यदि आप इंगलिश के मूल- वक्ता नहीं हैं , तो आपको एक परीक्षा देनी होती है । क्या यह सही हो सकता है कि कि किसी विद्यार्थी को इसलिये दाखिला न मिले कि उसकी भाषा पर पकड ठीक नही है ? शायद कोई ऐसा कम्प्यूटर वैज्ञानिक हो जो जीनियास हो । क्या उसे भाषा- कौशल की उतनी ही ज़रूरत पडेगी , जितनी कि , एक वकील को ? देखिये , मुझे तो ऐसा नहीं लगता । हम इंग्लिश के अध्यापक अक्सर ऐसे लोगों को हटा देते हैं । उनके सामने रुको का साइन- बोर्ड लगा कर , और उन्हें हम उनके रास्ते में ही रोक देते हैं । वो अपने सपनों को साकार नहीं कर सकते , जब तक कि वो इंग्लिश न सीख लें । चलिये , दूसरी तरह से कहती हूँ , अगर मुझे सिर्फ़ एक भाषा बोलने वाल डच व्यक्ति मिले , जिसके पास कैंसर का इलाज है , तो क्या मैं उसे ब्रिटिश विश्वविद्यालय में आने से रोकूँगी ? मैं तो बिलकुल भी नहीं रोकूँगी । मगर सच मे , हम बिलकुल यही कर रहे हैं । हम इंग्लिश अध्यापक वो चौकीदर हैं । और पहली आपको हमें संतुष्ट करना होगा कि आपकी अंग्रेजी ठीक- ठाक है । ये बहुत खतरनाक हो सकता है कि हम बहुत ज्यादा ताकत दे दें समाज के एक छोटे से हिस्से को । शायद ये रुकावट सारे विश्व में फ़ैल जाये । है न ? मगर , आप कहेंगे , कि " शोध के बारे में मेरी क्या राय है ? वो तो पूरा ही अंग्रेजी में है । " तो सारी किताबें इंग्लिश में हैं , सारे जर्नल इंग्लिश में हैं , मगर ये खुद को ही स्थापित करते जाने वाली बात है । ये तर्क और भी ज्यादा अंग्रेजी जानने को बढावा देता है । और ये इसी तरह बढता जाता है । मैं आपसे पूछती हूँ , अनुवाद का क्या हुआ ? अगर आप इस्लाम के स्वर्ण काल के बारे में सोचें , तो आप पायेंगे कि तब बहुत अनुवाद होता था । वो लेटिन और ग्रीक से अनुवाद करते थे , अरबी मे , फ़ारसी में , और फ़िर वहाँ से आगे , यूरोप की जर्मन मूल की भाषाओं मे , और रोमन भाषाओं में । और इस तरह से ही यूरोप का अँधकार- युग ख्त्म हुआ । देखिये , मुझे गलत मत समझिये ; मैं इंग्लिश पठन- पाठन के ख़िलाफ़ नहीं हूँ , अँग्रेज़ी अध्यापक ध्यान दें । मुझे ये बात बहुत अच्छी लगती है हमारे पास एक वैश्विक भाषा है । आज हमें ऐसी वैश्विक भाषा की ज़रूरत है । मगर मैं उसके रुकावट के रूप में विकसित होने के ख़िलाफ़ हूँ । क्या हम सच में चाहते हैं कि केवल ६०० भाषाएँ हों और मुख्य भाषा इंग्लिश हो , या चीनी हो ? हमें उस से ज्यादा चाहिये । हम कहाँ पर लाइन खींचें ? आज का सिस्टम बुद्धिमत्ता को इंगलिश की जानकारी से कनफ़्यूज़ करता है , जो कि बिल्कुल ही गलत है । ( अभिवादन ) और मैं आपको याद दिलाना चाहती हूँ कि उन महान हस्तियों को , जिनके कंधों पर आज के ज्ञान और बुद्धि टिकी है , इंगलिश नहीं पढनी पडती थी , न हि उन्हें इंग्लिश की कोई परीक्षा पास करनी होती थी । मिसाल के तौर पर , आइंस्टाइन । और उन्हें तो स्कूल में बुद्धू समझा जाता था क्योंकि असल में , वो डिस्लेक्सिक थे । मगर ये संसार का सौभाग्य ही था , कि उन्हें अँग्रेज़ी की परीक्षा नहीं देनी पडी । क्योंकि सन १९६४ तक टोफ़ेल ( TOEFL ) परीक्षा की शुरुवात ही नहीं हुई थी , जो कि अमरीकी परीक्षा है अंग्रेज़ी की । और अब तो उसके बिना कुछ होता ही न । इंग्लिश- कौशल मापने के आज तमाम तरीके हैं और कई लाख विद्यार्थी उनमें शरीक हो रहे है , साल दर साल । और आपको और मुझे लग सकता है , कि उनमें लगने वाली फ़ीस , ठीक ही है , बहुत महँगी नहीं , . मगर वो रुकावट पैदा करती है करोंडों गरीब लोगों की राह में । तो इसलिये , उन्हें तो हम बिना परीक्षा के ही भगा दे रहे हैं । ( अभिवादन ) मुझे एक खबर याद आ रही है , हाल ही की : शिक्षा : विभाजन का ज़रिया अब मुझे समझ आया है । मैं समझती हूँ कि क्यों लोग इंग्लिश पर इतना ध्यान देते हैं वो अपने बच्चों को सफ़लता प्राप्त करने लायक बनाना चाहते हैं । और वो करने के लिये , उन्हें पाशचात्य शिक्षा की आवश्यकता है । क्योंकि , ज़ाहिर है , सबसे अच्छी नौकरियाँ उन्हीं को मिलती हैं जो पश्चिमी विश्वविद्यालयॊं में पढ्ते है , जैसा मैने पहले कहा था । ये एक घुमावदार मृग- मरीचिका है । ठीक है ? चलिये मैं आपको दो वैज्ञानिकों की कहानी सुनाती हूँ , दो इंग्लिश वैज्ञानिकों की । \ वो एक प्रयोग कर रहे थे जैनेटिक्स पर , जानवरो के अगले पाँवों और पिछले पाँवो पर आधारित । मगर उन्हें वो निष्कर्श नहीं मिल रहे थे जो वो चाहते थे । उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि वो आखिर क्या करें , जब तक कि एक जर्मन साइंसदान नही आया , जिसने ये देखा कि वो लोग दो अलग अलग शब्दों से अगले और पिछले पाँवो के बारे में बात कर रह थे . जबकि जैनेटिक्स को पाँवो के अगले या पिछले होने से फ़र्क नहीं पडता , और न ही जर्मन भाषा को । बस धडाके से समस्या हल हो गयी । यदि आप कोई विचार सोच नहीं पायेंगे , तो आप अटक जायेंगे । मगर यदि दूसरी भाषा वो विचार सोच सके , तो साझेदारी से बहुत कुछ पाया जा सकता है , और सीखा जा सकता है । मेरी बेटी , इंगलैंड से कुवैत यी थी । उसने विज्ञान और गणित अरबी भाषा में सीखा है । एक अरबी विद्यालय में । और उसे उस ज्ञान को अंग्रेजी में अनुवादित करना पडा अपने व्याकरण विद्यालय में । और वो कक्षा में अव्वल थी इन विषयों में । जिस से ये पता चलता है कि जब विद्यार्थी विदेश से हमारे पास आता है , हम शायद उनके ज्ञान को यथोचित सम्मान नहीं दे रहे है , और उन्हें ज्ञान अपनी भाषा में होता है । जब एक भाषा की मृत्यु होती है , हमें नहीं पता चलता है कि उस भाषा के साथ हम क्या खो रहे हैं । पता नहीं आपने सी . एन . एन पर देखा या नहीं -- वो हीरो पुरस्कार देते हैं - एक कीन्या के चरवाहे लडके को जो कि अपने गाँव में रात को पढ नही पाता था , क्यों तमाम और बच्चों की तरह ही उसका मिट्टी तेल का दिया , धुँआ करता था , और आँखें खराब करता थी । और ऐसे भी , उस के पास पर्याप्त तेल नहीं होता थी , क्योंकि एक डालर प्रतिदिन में आप क्या क्या खरीद सकते हैं ? तो उसने अविष्कार किया एक मुफ़्त सौर- लालटेन का । और अब , उसके गाँव के बच्चे , वही नंबर लाते है , जो कि वो बच्चे जिनके घरों में बिजली है । ( अभिवादन ) जब उसे वो पुरस्कार मिला , उसने ये प्यारे शब्द कहे : " बच्चे अफ़्रीक को बदल सकते हैं - एक अंधकार- युक्त महाद्वीप से , एक रोशनी भरे महाद्वीप में " एक छोटा सा आयडिया , मगर उसके कितने बडा असर हो सकता है । जिन लोगों के पास रोशनी नहीं है , चाहे दिये की या फ़िर ज्ञान की , वो हमारे अंग्रेजी की परीक्षाओं को पास नहीं कर सकते हैं , और हमें कभी पता नहीं लगेगा कि उनके पास क्या ज्ञान है । आइये उन्हें और स्वयं को अँधकार से निकालें । विविधता का सम्मान करें । अपनी जुबान पर काबू करें । उसे महान विचारों को फ़ैलाने में इस्तेमाल करें । ( अभिवादन ) धन्यवाद । ( अभिवादन )
(trg)="4"> " बच्चाहरु भेट्न आउनुभएको हो ? कहिले सम्म बस्नुहुन्छ ? " तर सत्य , म अझै अलि लामै समयको आशा गर्छु | म खाडी क्षेत्रमा ३० वर्ष भन्दा अघि देखि बस्ने र पढाउने काम गरिरहेको छु | ( ताली ) र त्यो समयमा , मैले धेरै परिवर्तनहरु देखेको छु | त्यो तथ्यांक अलिक निराशाजनक छ | र आज म तपाईहरु संग भाषाको विनाश र अंग्रेजीको विश्वव्यापिकरण बारे केहि भन्न गैरहेकोछु | म तपाईहरुलाई मेरो एक जना साथी को बारेमा उल्लेख गर्न चाहन्छु , जसले आबु धाबीमा वयस्कहरुलाई अंग्रेजी पढाइरहेका थिए | अनि एक राम्रो मौसम भएको दिन पारेर उनीहरुलाई प्रकृति सम्बन्धि केहि शब्दहरु सिकाउन बगैचामा लैजाने निर्णय गरिन् | तर भयो के भने उनले उल्टै स्थानीय बोटबिरुवाहरुको अरेबिक नाम सिकिन् | तिनीहरु को प्रयोग सहित -- औषधि , सौन्दर्य , पकाउने तथा जडिबुटी को रूपमा | ती विद्यार्थीहरुले त्यो सबै ज्ञान कहाँ बाट पाए ? अवस्य पनि , उनीहरूका बाजे- बजु बाट र अझ जिजु बाजे- बजु बाट | तपाईहरुलाई यो भन्नु आवश्यक छैन कि एक पुस्ता र अर्को पुस्ता बिचमा सम्बाद गर्न सक्ने क्षमता कति आवश्यक छ | तर दुःख को कुरा , आज भाषाहरु विनाश भैरहेका छन् र त्यो पनि अभूतपूर्व गतिमा | प्रत्येक १४ दिनमा एउटा भाषा को विनाश हुन्छ | र त्यहि समयमा , अंग्रजी चाहिँ निर्बाध विश्व भाषा भैरहेकोछ | के यो दुवैको को बिचमा केहि सम्बन्ध हुनसक्छ त ? खै मलाई चाहिँ थाहा छैन | तर मलाई के थाहा छ भने मैले धेरै परिवर्तन देखेको छु | जब म पहिलो पटक खाडी क्षेत्रमा आएँ , म कुबेत आएको थिए त्यस्ता दिनहरुमा जब त्यो कठिन पद थियो | उति सारो पहिला पनि हैन | त्यो त अलि पहिला नै हो | तैपनि , ब्रिटिस काउन्सिलले म लगायत अरु २५ शिक्षकहरुलाई नियुक्ति दियो | र हामी कुबेतको सरकारी स्कुलमा पढाउने पहिलो गैर- मुसलमान भयौं | हामीहरु अंग्रेजी पढाउन ल्याईएका थियौं किनकि सरकार देशलाई आधुनिकरण गर्न र आफ्ना नागरिकलाई शिक्षा द्वारा सुदृढ गराउन चाहन्थ्यो | र अवस्य पनि बेलायतलाई फाइदा थियो त्यो आकर्षक तेल को सम्पति बाट | ल त्यसो भए | अब यो चाहिँ मैले देखेको मुख्य परिवर्तन हो -- कसरी अंग्रेजी को पढाई परस्पर फाइदा को परम्परा बाट हाल को एक भयंकर अन्तराष्ट्रिय व्यापारमा रुपान्तरित भएको छ | अब यो विद्यालयको एक वैदेशिक भाषाको पाठ्यक्रम मात्र सिमित छैन | र मातृभूमि बेलायतको एकल क्षेत्राधिकार भित्र मात्र पनि छैन | यो त अब विश्व का हरेक अंग्रेजी- भाषी मुलुकको लागि देखासिकी भएको छ | अनि किन नहोस त ? जे भएपनि , सर्वोत्कृष्ट शिक्षा -- हालैको विश्वभरका विश्वविद्यालयहरुको वर्गीकरणलाई आधार मान्ने हो भने -- बेलायत तथा अमेरिकाका विश्वविद्यालयहरुमा पाइन्छ | त्यसैले स्वभावत रूपमा सबैजनाले अंग्रेजी शिक्षा लिन चाहान्छन् | तर यदि तपाई मौलिक भाषी हैन भने , तपाईले एउटा परीक्षा उत्तीर्ण गर्नु पर्छ | अब के एक विद्यार्थीलाई भाषागत क्षमताको आधारमा मात्र निषेध गर्नु उचित हुन्छ त ? हुनसक्छ तपाई संग एक कम्प्युटर बैज्ञानिक छ जो अत्यन्त मेधावी छ | उदहारण को लागि , के त्यो विद्यार्थीलाई एक वकिल हुन चाहिने जतिनै भाषा ज्ञान चाहिन्छ ? खै , मलाई त त्यस्तो लाग्दैन | हामी अंग्रेजी शिक्षक सदैव उनीहरुलाई निषेध गर्छौ | हामी निषेधको चिन्ह राख्छौं , र उनीहरुको बाटो बाट रोक्छौं | अब उनीहरू आफ्नो सपना पुरा गर्न सक्दैनन् , जब सम्म उनीहरू अंग्रजी सिक्दैनन् | अब मलाई यसरी प्रस्तुत गर्न दिनुहोस् , मैले एक एकल- भाषी नेडरल्यान्डवासी भेटें , जो संग क्यान्सर को उपचार थियो , के म उनलाई एक बेलायती विश्वविद्यालयमा प्रवेश गर्न बाट रोक्ने थिएँ ? अहँ मलाई त त्यस्तो लाग्दैन | तर वास्तवमा हामी त्यहि गरिरहेका छौं | हामी अंग्रेजी शिक्षकहरु ढोके भएका छौं | तपाईले हामीलाई सन्तुष्ट पार्नु पर्छ कि तपाईको अंग्रजी राम्रो छ | अब समाज को सानो समुदाय लाई धेरै शक्ति दिनु खतरनाक पनि हुन सक्छ | त्यो बाधा अलि बढि नै विश्वव्यापी पनि हुनसक्छ | ल त्यसो भए |
(trg)="5"> " तर " , म तपाईले भनेको सुन्छु , अनुसन्धान जति सबै अंग्रेजीमै छ नी , त्यो बारेमा के गर्नु ? पुस्तकहरु सबै अंग्रेजीमा छन् , अनुसन्धानको प्रकाशन सबै अंग्रेजी मै गरिन्छ , तर त्यो आत्म- पूरा भविष्यवाणी मात्र हो | त्यसले अंग्रेजी को आवश्यकतालाई पोषण गर्छ | र त्यो त्यसरी नै बढिरहन्छ | म तपाईहरुलाई सोध्छु , अनुवाद के भयो ? इस्लाम को स्वर्ण युगलाई नियाल्नुहोस , त्यति बेला धेरै नै अनुवादहरु हुन्थे | उनीहरुले ल्याटिन र ग्रीकलाई अरेबिकमा , अनि फारसीमा अनुवाद गरे , अनि फेरी युरोपको जर्मेनिक भाषामा अनुवाद गरियो अनि पछि रोमनिक भाषामा | त्यस पछि युरोपको अन्धकार युगमा उज्यालो छायो | मलाई गलत अर्थ नलगाउनुहोला ; सबै अंग्रेजी शिक्षक महोदय , म अंग्रेजी शिक्षा को विरुद्धमा छैन | म खुसि छु , हामी संग एउटा विश्व- भाषा छ | अहिले त्यो हामीलाई सारै नै आवश्यक छ | तर म त्यसलाई एक बाधकको रूपमा प्रयोगको बिरुद्धमा छु | के हामी ६०० भाषामा सिमित हुन चाहन्छौं अंग्रेजी अथवा चीनिया भाषालाई मुख्य बनाएर ? हामीलाई त्यो भन्दा धेरै चाहिन्छ | हामीले सिमा कहाँ कोर्ने त ? अहिलेको यो प्रणालीले बौद्धिकतालाई अंग्रेजीको ज्ञान संग समान मान्छ जुन स्वेच्छाचारी हो | ( ताली ) तपाईहरुलाई म एउटा कुरा सम्झाउन चाहान्छु त्यो महान काँध जसमा आजको बौद्धिकता अडेको छ , त्यसले अंग्रेजी जान्नु परेको थिएन , उनीहरुले अंग्रेजीको परीक्षा उत्तीर्ण गर्नु परेको थिएन | उदाहरण को रूपमा आइन्स्टाइनलाई लिनुस् | उनलाई विद्यालयमा उपचाररत मानिन्थ्यो किनकि उनि , वास्तवमा भन्ने हो भने , सुस्तमनस्थिति का बिरामी थिए | तर विश्वको भाग्यवश , उनले अंग्रेजी परीक्षा उत्तीर्ण गर्नु परेको थिएन | किनकि १९६४ सम्म उनीहरुले टोफेल , अमेरिकन अंग्रेजीको परीक्षा , को सुरुवात गरेका थिएनन् | अहिले त्यो व्यापक छ | आजकल अंग्रेजीका कयौं परिक्षाहरु छन् | र प्रत्येक बर्ष लाखौ बिद्यार्थीहरुले त्यो परीक्षा दिन्छन् | अब तपाई सोच्नुहोला , तपाईहरु र म ती शुल्कहरु त्यति नराम्रो छैन , ठिकै छन् , तर तिनीहरु बाधक छन् लाखौ गरिब मानिसहरुको लागि | हामी तुरुन्तै उनीहरुलाई निषेध गरिरहेका छौ | ( ताली ) यसले मलाई भर्खरै को एउटा समाचार शिर्षक लाई सम्झाउँछ : " शिक्षा : एक ठुलो विभाजन " अब बल्ल म बुझ्दै छु , अब बल्ल बुझ्दैछु कि किन मानिसहरु अंग्रेजीमा केन्द्रित छन् | उनीहरू आफ्ना नानीहरुलाई जीवनको उत्कृष्ट अवसर दिन चाहन्छन | अनि त्यो सब गर्नको लागि उनीहरूलाई पश्चिमी शिक्षा चाहिन्छ | किनकि , अवस्य पनि , राम्रा अवसरहरु पश्चिमी विश्वविद्यालय बाट शिक्षितलाई जान्छ , जुन मैले पहिला भने | यो एक चक्रीय कुरा हो | ल त अब मलाई दुई बैज्ञानिकहरुको कथा भन्नदिनुस , दुई अंग्रेज बैज्ञानिक | उनीहरू एउटा प्रयोग गरिरहेका थिए जैविकीय प्रयोग जनावरहरुका अगाडि र पछाडि का पाउहरुको | तिनीहरुले आफुले चाहे जस्तो निचोड पाउन सकेनन | उनीहरुलाई के गर्ने भन्ने नै थाहा भएन , अनि एक जना जर्मन बैज्ञानिक आइपुगे जसले उनीहरुले आगाडि र पछाडि का पाउहरूको लागि दुई अलग अलग शब्दहरु प्रयोग गरिरहेका छन् जबकि जैविकताले त्यो कुरामा भेद गर्दैन न त जर्मन भाषा ले | ओह हो , समस्या त समाधान भयो | यदि तपाई एउटा सोच ल्याउन सक्नुहुन्न भने , तपाई अड्किनु भयो | तर यदि अर्को भाषाले त्यो सोच ल्याउन सक्छ भने , सहकार्य द्वारा हामीले धेरै कुरा प्राप्त गर्न र जान्न सक्छौं | मेरी छोरी , कुबेत बाट इंग्ल्यान्ड आइन् | उनले बिज्ञान र गणित अरेबिक भाषामा सिकेकी थिईन | त्यो अरेबिक माध्यम बिद्यालय थियो | उनले त्यसलाई आफ्नो प्राथमिक बिद्यालयमा अनुबाद गर्नुपर्थ्यो | र उनि आफ्नो कक्षामा सबसे तेज थिईन सबै बिषयहरुमा | यसले हामीलाई के बुझाउछ भने जब विदेश बाट बिद्यार्थीहरु हामी कहाँ आउछन् , हामीले उनीहरूलाई उनीहरुको ज्ञानको लागि उचित मान्यता नदिएको हुनसक्छ र उनीहरुलाई त्यो कुराको आफ्नो भाषामा राम्रो ज्ञान हुन सक्छ | जब एउटा भाषा लोप हुन्छ , त्यो भाषा संग हामी के गुमाउदै छौ भन्ने ज्ञान हुदैन | जस्तै -- तपाईहरुले भर्खरै सी . एन . एन . मा हेर्नुभयो कि हेर्नुभएन -- उनीहरूले केन्या को एउटा गोठालोलाई
(trg)="6"> " सी . एन . एन . नायक " पुरस्कारले सम्मान गरे जसले आफ्नो गाउँमा अन्य बालबालिका सरह राती पढ्न सकेन , किनकि त्यो मट्टीतेल को बत्ति बाट धुवा आउथ्यो र त्यसले उसका आँखा खराब भए | र त्यसमाथि , त्यहि मट्टीतेल पनि पुग्दो हुदैन थियो , किनकि त्यो न्युन कमाईले के नै पो दिन सक्छ र ? त्यसैले गर्दा उसले आविष्कार गर्यो एउटा सित्तैमा चल्ने सौर्य बत्तिको | अब उसका गाउँका केटाकेटीहरुले विद्यालयमा त्यति नै अंक ल्याउछन् जति घरमा बिजुली भएका केटाकेटीहरुले ल्याउछन| ( ताली ) जब उनले त्यो पुरस्कार पाए उनले यी सुन्दर शब्दहरु भने : " केटाकेटीहरुले अफ्रीकाको अहिलेको अवस्था , एउटा अधेरो अशिक्षित महादेश , बाट एक उज्यालो र शिक्षित महादेश बनाउने तिर निर्देसित गर्नेछन् " एउटा साधारण सोच , तर जो संग त्यस्तो दुरगामी असर देखाउने क्षमता हुनसक्छ | ती मानिसहरु , जो संग उज्यालो छैन , भौतिक रूपमा अथवा लाक्षणिक रूपमा , उनीहरुले हाम्रो परीक्षा उतिर्ण गर्न सक्दैनन् , र हामीहरुलाई उनीहरुलाई के थाहा छ भन्ने कुरा कहिले पनि पत्तो हुदैन | अब हामी आफु तथा उनीहरुलाई अधेरोमा नराखौं | विविधतालाई अंगालौं | आफ्नो भाषा बारे सोचौँ | त्यसलाई महान विचारहरु फैलाउन प्रयोग गरौं | ( ताली ) यहाँहरुलाई धेरै धेरै धन्यवाद | ( ताली )

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(src)="1"> बचपन में मुझे कार बहुत पसंद थी| जब मैं 18 का हुआ , तब मैंने अपने सबसे अच्छे मित्र को सड़क दुर्घटना में खो दिया| इस तरह| तब मैंने निश्चय किया कि मैं अपना जीवन सालाना 10 लाख लोगो के जीवन को बचाने में समर्पित करूँगा | मैं अभी तक सफल नहीं हुआ हूँ , यह केवल प्रगति का विवरण है , लेकिन मैं यहाँ आपको स्वचालित कार के बारे में थोडा बहुत बताऊंगा| मैंने सबसे पहले यह विचार
(trg)="1"> बाल्यकालमा म कारहरु भनेपछी हुरुक्कै हुन्थेँ | जब म अठार लागेँ , मैले मेरो सबैभन्दा मिल्ने साथीलाई कार दुर्घटनामा गुमाएँ | यसै गरि| त्यसपछि मैले निर्णय गरे कि मैले मेरो जीवन हरेक वर्ष , दश लाख मान्छे बचाउने उद्देश्यमा समर्पण गर्छु| अहिले नै त म सफल भैसकेको छैन , त्यसैले यो खाली एउटा प्रगती विवरण मात्रै हो , तर म यहाँ तपाईंहरुलाई स्वचालित कारहरुको बारेमा केही बताउन जांदैछु | यो अवधारणा मैले पहिले

(src)="2"> DARPA प्रतियोगिता में देखा जिसमे US सरकार ने इनाम की घोषणा की ऐसी स्वचालित कार बनाने के लिए जो रेगिस्तान में चल सके | वहाँ सौ से भी ज्यादा समूह होने के बावजूद भी , ऐसी कार नहीं बन सकी | तो हमने स्टानफोर्ड( Stanford ) में एक अलग स्वचालित कार बनाने का निर्णय लिया | हमने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बनाया | इसे हमने सिखाया और रेगिस्तान में आज़ाद छोड़ दिया| और फ़िर अकल्पनीय घटना हुई यह पहली कार बनी जो
(trg)="2"> " DAPRA ग्रयाण्ड च्यालेन्जेज " मा देखें जसमा अमेरिकी सरकारले पुरस्कारको व्यवस्था गरेको थियो मरुभुमीमा स्वचालित रुपमा चल्न सक्ने कार बनाउनेलाई | यद्दपी त्यहाँ सय टोलीहरु थिए , ति कारहरु कुनै पनि सक्षम थिएनन | त्यसैले हामीले स्टयानफर्डमा एउटा भिन्नै स्वचालित कार बनाउने निर्णय गर्यौ | हामीले हार्डवेर ( गाडीका पुर्जा ) र सफ्टवेर ( गाडीलाई चलाऊने कम्प्युटर कोड ) बनायौं | हामीले त्यसलाई हामीबाट सिक्न लगायौं , र मरुभुमी मा खुला छोड्दियौँ | अनी त सोच्नै नसकिने कुरा भयो : त्यो पहिलो कार भयो

(src)="3"> DARPA प्रतियोगिता में सफल हुई और स्टानफोर्ड के लिए 20 लाख डालर जीते | हाँ , अभी तक मैं कोई जीवन नहीं बचा पाया क्युकि हम केन्द्रित थे ऐसी कार बनाने जो खुद से कही भी जा सके केलिफोर्निया के किसी भी सड़क पर | हम इसे 140, 000 मील चला चुके हैं | हमारी कार में सेंसर( Sensor ) लगे हैं जो जादुई रूप से अपने आसपास सब देख सकते हैं और गाड़ी चलाने के बारे में कोई भी निर्णय ले सकते हैं यह गाड़ी चलाने की आदर्श प्रक्रिया है | हमने इसे शहरो में चलाया है जैसे यहाँ पर सैन फ्रांसिस्को में हमने इसे हाईवे 1 पर सैन फ्रांसिस्को से लॉस एंजेलेस तक चलाया है हमारा सामना हुआ है लोगो से , व्यस्त हाईवे से , टोल नाके से , और बिना किसी व्यक्ति के भागीदारी के इस कार ने खुद को चलाया है | असल में जब हमने इसे 140, 000 मील चलाया इस पर किसी का ध्यान भी नहीं गया| पहाड़ी रास्ते , दिन और रात , यहाँ तक कि सैन फ्रांसिस्को के क्रुकड लोम्बारड स्ट्रीट पर भी| ( हंसी ) कभी कभी हमारी कार पागल भी हो जाती है , वो थोड़े करतब भी दिखाती है | ( वीडियो ) आदमी : हे भगवान , क्या ? दूसरा आदमी : ये खुद ही चल रही है| सेबस्टियन थरन : मैं अपने दोस्त हेरोल्ड( Harold ) को वापस नहीं ला सकता , लेकिन मैं कुछ कर सकता हूँ उन सभी के लिए जो मर चुके हैं | क्या आपको पता है सड़क दुर्घटनाये जवान लोगो के मृत्यु का सबसे बड़ा कारण हैं ? और क्या आपको इस बात का अहसास है कि लगभग सारी दुर्घटनाएं मानवीय भूल के कारण होती हैं ना कि मशीनी त्रुटि के कारण , और क्या ये मशीनों से रोकी जा सकती हैं ? क्या आपको एहसास है कि हम हाईवे की क्षमता दो या तीन गुना बढ़ा सकते हैं अगर हम रास्ते पर रहने के लिए मानवीय योग्यता पर निर्भर ना रहें तो -- गाड़ी की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं और इस तरह एक दुसरे के करीब रहते हुए गाड़ी चला सकते हैं थोड़े सकरे रास्तों पर , और हाईवे में होने वाले ट्रैफिक जाम से मुक्ति पा सकते हैं ?
(trg)="3"> DAPRA को ग्रयाण्ड च्यालेन्ज बाट फर्कने जस्ले स्टयानफर्डलाई बिस लाख डलर जितायो | तैपनी यति बेला सम्म मैले एउटै ज्यान बचाएको थीइन | किनकि , हाम्रो प्राथमिकता त्यस्तो कार बनाउने थियो कि जुन स्वचालित रुपमा जहातही गूड्न सकोस क्यालिफोर्निया को कुनै पनि सडकमा | हामीले १ लाख चालिस हजार माइल कुदाएका छौं | हाम्रा कारहरुमा " सेन्सर " छन , जसबाट कारहरुले आफ्ना वरपरका सबैकुरा जादुमय तरिकाले देख्न सक्छन अनी निर्णय लिन सक्छन् गाडी चलाउंदा लिनु पर्ने हरेक पक्षको| सवारी साधन दुनियाको उत्कृष्ट संयन्त्र हो यो| हामीले शहरहरुमा चलाएका छौँ , स्यान फ्रान्सिस्को जस्ता शहरहरु | हामीले स्यान फ्रान्सिस्को देखी लस एन्जलस सम्म हाइवे १ मा चलायौ | हामीले दौडीँदै गरेकाहरुलाई भेट्यौँ , ब्यस्त राजमार्गहरु , कर्जा उठाउने स्थान हरु भेट्यौ अनी एउटै पनि मान्छेलाइ भागदौड मा नपारिकन , यो कार स्वयम आफै चल्यो| बास्तबमै , हामीले १ लाख चालिस हजार माइल चलायौं , मान्छेले याद पनि गरेनन् | पहाडी सडकहरुमा , दिनमा अनि रातमा , अनी घुम्रिएको लोम्बार्ड स्ट्रीट स्यान फ्रान्सिस्कोमा पनि| हाँसो कहिलेकाहीँ हाम्रा कारहरु यस्तो सन्किन्छन कि , सानोतिनो चटक पनि गर्छन् तिनिहरुले | ( भिडियो ) मान्छे : हे भगवान | के ? दोश्रो मान्छे : यो त आँफै चल्दैछ त| सेबस्टियन थ्र्रुन : मैले मेरो साथी हेरोल्ड को जीवन लाई फिर्ता ल्याउन त सक्दिन , तर म सबै मरेर गएकाहरुको लागि केही गर्न सक्छु | के तपाईंहरुलाई थाहा छ , सवारी दुर्घटना युवावर्ग को मृत्‍यु को पहिलो कारण हो अनी के तपाईंहरुले बिचार गर्नु भाछ कि ति मध्य झन्नै सबै मान्छेको गल्तिले हुन्छन मसिन को गल्तिले होइन , अनी के त्यो गल्तिलाइ मसिनहरु द्वारा बचाउन सकिन्छ त ? तपाईंलाई थाहा छ कि हामीले राजमार्गहरुको क्षमता बदल्न सक्छौं २ वा ३ गुनाले

(src)="4"> क्या आपको एहसास है , आप TED श्रोतागण सामान्यत : हर दिन 52 मिनट ट्रैफिक में बिताते हैं , रोज आने जाने में समय बर्बाद करते हैं ? आप इस समय को वापस पा सकते हैं | अकेले इस देश में 400 करोड़ घंटे व्यर्थ चले जाते हैं | और 240 करोड़ गैलन ईंधन भी बर्बाद होता है| मैं सोचता हु यहाँ एक संभावना है , एक नयी तकनीक की , मैं आने वाले एक ऐसे समय की उम्मीद करता हूँ जब हमारी आने वाली नस्ले हमे देखेंगी और कहेगी कि इंसान कितनी बुरी तरह से गाड़ी चलाते थे| धन्यवाद ( अभिवादन )
(trg)="4"> " लेन " भित्र बस्नलाई -- यदि हामी मान्छेको क्षमतामा भर नपर्ने हो भने गाडी को स्थिति लाइ अझ सुधार गर्न सक्छौ -- अनी अली नजिक नजिकै बाट गाडी चलाऊन सक्छौ साघुरा लेनहरुमा पनि , र राजमार्ग मा हुने ट्राफिक जाम हरुलाई हटाउन सकिन्छ | तपाईंहरुले बिचार गर्नु भाछ , TED का श्रोताहरुले औसतमा हरेक दिन ५२ मिनेट ट्राफिक मा बिनासित्ति खर्च गर्नुहुन्छ हरदिन को आवत जावतमा| तपाईंले यो समय बचाउन सक्नुहुन्छ यो ४० करोड ब्यर्थ भएको घण्टा यो देश को मात्रै हो | अनी यो २४० करोड ग्यालन अनाहकमा बगेको पेट्रोल हो | अब मलाई लाग्छ यहाँनिर एउटा सम्भावना छ , एक नवीन पद्दतिको अनी म एकदमसंग त्यो समय लाई कुर्दैछु जब हाम्रा भाबी पिंढी ले हामीलाई हेरेर भन्नेछन्
(trg)="5"> ' कती हाँसो उठ्दो जमाना थियो जहा मनिसहरु कार चलाऊंथे´| धन्यबाद ( ताली )

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(src)="1"> मेरा शानदार सुझाव दरअसल एक बहुत , बहुत ही छोटा सा निश्कर्ष है जो पट खोल सकती है ऎसे करोड़ों बड़ी योजनाओं की जो इस समय हमारे अंदर सोई पड़ी हैं . और मेरा वो छोटा सा सुझाव , जिससे ये सब कुछ संभव हो पाएगा , है नींद .
(src)="2"> ( ठहाका ) ( तालियाँ ) इस कमरे में बहुत व्यस्त कैरियर वाली सफल महिलाएँ हैं . कमरे भर कम नींद की मारी महिलाएँ . मैंने भुगत कर जाना कि नींद का क्या महत्व है . क़रीब ढाई साल पहले , मैं मारे थकान के बेहोश हो गई . मेरा सर मेज़ से टकरा गया , मेरी ढुड्डी की हड्डी टूट गई , मुझे दाहिने आँख पर पाचँ टाँकें पड़े . और तब मैंने शुरु की नींद के मूल्य को फिर से समझने की यात्रा . इस कोशिश में , मैंने इस पर अध्ययन किया , चिकित्सकों और शोधकर्ताओं से मुलाक़ात की , जिसके बाद मैं आपको बता सकती हूँ कि एक सफल , उर्जा भरी , ज़्यादा ख़ुशहाल ज़िन्दगी पाने का रास्ता है पर्याप्त नींद लेना .
(src)="3"> ( तालियाँ ) और अब हम महिलाएँ , इस महिलावादी मुद्दे पर आन्दोलन का रास्ता दिखाएँगी . यूँ कह लीजिए कि हम सोते सोते शीर्ष तक पहुँचेंगे .
(trg)="1"> मेरो ठुलो आइडिया एउटा एकदमै सानो आइडिया हो जसले लाखौ करोडौ आइडियाहरुको ताला खोल्न सक्छ जुन अहिले हामी भित्र सुसुप्त अवस्थामा रहिरहेको छ| मेरो सानो आइडिया जसले त्यो ताला खोल्न मद्दत गर्छ त्यो हो -- सुत्नु | ( हाँसो ) ( तालि ) यो टाईप- ए महिलाहरुको कोठा हो| यो सुत्नबाट बन्चित महिलाहरुको कोठा हो| र मैले मेरा तिता अनुभवहरु बाट निन्द्राको महत्व को बारेमा जानेकी हु| आज भन्दा अढाई वर्ष अघि म थकाईको कारणले बिहोस भएकी थिए| मेरो टाउको मेरो डेस्क मा ठोकियो , अनि मेरो गालाको हड्डी भाचियो , मेरो दाहिने आँखामा पाच ओटा टाँका मारियो| र त्यसपछि मेरो यात्रा सुरु भयो कि निन्द्राको महत्व को बारेमा पुनर अनुसन्धानको लागि र त्यो दौरानमा , मैले पढे , मैले मेडिकल डाक्टरहरु , बैज्ञानिकहरुलाई भेटें , र अहिले म तपाईंहरुलाई यो भन्न आएकी छु कि जीवनलाई बढि उत्पादनशील बनाउन , बढि उत्प्रेरित र सुखी बनाउने उपाय भनेको पर्याप्त सुत्नु हो| ( तालि ) र हामी महिलाहरु नै अगुवाई गर्न गइरहेका छौं यो नया क्रान्तिको , यो नया नारीवादी बिषयको| हामी साच्चीनै टन्न सुत्न गैरहेका छौ , साच्ची नै .

(src)="4"> ( ठहाका ) ( तालियाँ ) क्योंकि दुर्भाग्य से , पुरुषों के लिए कम नींद लेना पुरुषत्व की निशानी बन गई है . हाल ही में मैं एक ऎसे शख्स के साथ डिनर पर गई थी जिन्होने बड़ी डींगें हाँकी कि पिछली रात वो बस चार घंटे सोए . मुझे लगा कि मैं उनसे कहूँ -- हालाकिं मैंने कहा नहीं -- पर मेरा मन हुआ कहने का कि , ´जानते हैं ? अगर आपने पाँच घंटे सोए होते , तो ये डिनर कुछ कम उबाऊ होता . '
(src)="5"> ( ठहाका ) आजकल कम नींद लेने की होड़ चली है . ख़ासकर यहाँ , वाशिंगटन में , अगर आप किसी से ब्रेकफास्ट पर मिलना चाहें , और पूछें , ´आठ बजे कैसा रहेगा ? ' मुमकिन है कि वो आपसे कहे , ´मेरे हिसाब से आठ बजे मतलब काफी देर हो जाएगी , खैर ठीक है , तब तक मैं एक गेम टेनिस का और कुछ मीटिंग कर लूँगा , फिर आपसे आठ बजे मिलता हूँ . ' उन्हें लगता है कि इस सब का मतलब है कि वो बहुत ज़्यादा व्यस्त और कार्यक्षम हैं , पर सच ये है कि ऎसा बिलकुल नहीं है , क्योंकि हम ने आज तक ऎसे बहुत से प्रतिभाशाली नेताओं को देखा है व्यवसाय में , अर्थ- व्यवस्था में , राजनीति में , जिन्होने बहुत ख़राब निर्णय लिए . तो सिर्फ आई . क्यु ज़्यादा होने का मतलब ये नहीं कि आप अच्छे नेता भी बन जाते हैं , क्योंकि नेतृत्व- क्षमता का सार ये है कि आप हिमशैल को टाईटैनिक से टकराने से पहले ताड़ सकें . हमने ऎसे बहुत हिमशैल देखें हैं हमारे टाईटैनिकों से टकराते हुए . सच कहूँ तो मुझे लगता है कि अगर लेमैन ब्रदर्स ( लेमैन भाई ) लेमैन ब्रदर्स एंड सिसटर्स ( लेमैन भाई एवं बहनें ) होते , तो शायद वो आज भी चल रहे होते .
(src)="6"> ( तालियाँ ) क्योंकि जिस समय सारे भाई 24 घंटे , सातों दिन ज़बर्दस्त संपर्क साधन में व्यस्त होते , उसी समय शायद उनकी किसी बहन को हिमशैल दिख जाता , क्योंकि वो साड़े सात या आठ घंटे की भरपूर नींद लेकर पूरे परिदृश्य को समझने में सक्षम होती . आज जहाँ हम विश्व में एकाधिक समस्याओं से जूझ रहे हैं , तब जो उपाय व्यक्तिगत स्तर पर ज़्यादा ख़ुशी , आभार , और सार्थकता से हमारे जीवन को भर दे और हमारे जीवनयापन के लिए भी सबसे लाभकर हो , वही पूरे विश्व के लिए भी सबसे अच्छा होगा . इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूँ कि अपनी आँखें बंद कीजिए और उन अनोखे विचारों को ढूँढ निकालिए जो हमारे अंदर छुपी हैं , अपने मशीनों को बंद करिए , और नींद की ताक़त को जानिए . धन्यवाद .
(trg)="2"> ( हाँसो ) ( तालि ) तर दुर्भाग्यबस , पुरुषको लागि अनिदो हुनु भनेको पुरुषार्थको संकेत जस्तो बनेको छ| मैले अस्ति भर्खरमात्र एउटा पुरुससँग डीनर खाएकी थिएँ जसले मलाई अघिल्लो रातमा जम्मा चार घण्टा सुते भनेर फुर्ती लगायो| र मलाई उसलाई यस्तो भन्न मन लागेको थियो -- तर मैले भन्न चाही भनिन म यस्तो भन्ने पक्षमा थिए , " था छ तपाइंलाई ? यदि तपाईं ५ घण्टा सुतेको भए , आजको यो हाम्रो डिनर अझै बढी रमाइलो हुने थियो| " ( हाँसो ) अहिले , यहाँ एक प्रकारको अनिदो भेटिन्छ सधै - बिजेता हुने चाहनाको| विशेषगरी यहाँ वासिंगटनमा , यदि तपाइंले बिहानीको खाजा खानलाई कोही कसैलाइ " आठ बजे भेट्दा कसो होला ? " भन्नु भयो भने , तिनीहरु ले यसो भन्ने सम्भावना हुन्छ , " आठ बजे त अलि नै ढिलो हुन्छ कि , तर पनि ठिकै छ , म टेनिसको एक गेम खेलिवरी केही कन्फेरेन्स कल सकिवरि तपाईंलाई आठ बजे भेटुला नि| " र तिनीहरुलाई यसो भनिरहदा यो लाग्छ कि तिनीहरु साची नै ब्यस्त र उत्पादक छन् , तर सत्य यो हो कि तिनीहरु गलत छन् , किनकि , हामीसँग अहिलेको समयमा निकै सक्षम नेताहरु छन् ब्यबसायमा , बित्तिय संस्थामा , राजनीतिमा जो एकदमै गलत निर्णयहरु गरिरहन्छन| त्यसैले , आई . क्यु . मा अब्बल हुनु भनेको नेतृत्वमा पनि सबल नै हुन्छ भन्ने केहि छैन , किनकि नेतृत्वको सार भनेको जहाज डुब्न भन्दा पहिले नै यसलाई सम्भावित दुर्घटनाबाट बचाउन सक्ने खुबी हुनु हो| र हामी सँग त्यस्ता दुर्घटनाका टन्नै कारकहरु छन् जसले हाम्रो जहाज डुबाउन सक्छन| बास्तबमै, मेरो यस्तो चिन्तन छ कि यदि लेहम्यानका दाजुभाई मात्र नभएर दाजुभाई र दिदीबहिनी हुन्थे भने तिनीहरुको अस्तित्व अझै पनि यतै कतै हुन्थ्यो| ( तालि ) जब सबै दाजुहरु ब्यस्त हुन्थे चौबिसै घण्टा दशतिर दशथरी कुरा गरेर सायद बैनीले त्यो दुर्घटनाको कारक तत्व देखेकी हुनसक्थी , किनकि उनि साढे सात -- अथवा आठ -- घण्टा सुतेर उठेकी हुन सक्थिन र त्यो दुर्घटनाको कारक तत्वलाई देख्न सक्थिन | त्यसैले , हामीले यो बिश्वमा विभिन्न थरिका अभाबहरु अहिलेको समयमा भोगीरहेका छौ , त्यसैले हाम्रो व्यक्तिगत मापदण्डमा जे गर्दा ठीक हुन्छ , जे ले हामीलाई अपार आनन्द , आत्मसम्मान , अनि जीवनको उत्पादकता बढाउछ र जुन हाम्रो व्यक्तित्व बिकासमा अत्युतम ठहर्छ , त्यो नै बाकी बिश्वको लागि पनि अत्युतम हुन्छ| त्यसैले म तपाईंलाई यो भन्छु कि आखा चिम्म गरेर चिन्तन गर्नुस र ठुला ठुला आइडियाहरु पत्ता लगाउनुस जुन हामी भित्रै बसेको छ , र तपाईंको यो यान्त्रिक शरीरलाई बिश्राम दिनुस र सुताईको शक्ति पत्ता लगाउनुस| धन्यबाद| ( तालि )

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(src)="1"> १९९५ की बात है , मैं महा- विद्यालय में हूँ , और एक दोस्त के साथ सड़क यात्रा पर जाती हूँ प्रोविडेंस , र्होड़े द्वीप से पोर्टलैंड , ओरेगोन तक . हम जवान और बेरोजगार थे , तो हम पुरे रस्ते छोटे रास्तों से गए राजिये पार्को में और राष्ट्रीय वनों में -- मतलब सबसे लम्बा रास्ता जो हम ले सकते थे . दक्षिण डकोटा के बीच में कहीं , मैंने अपनी दोस्त को देखा और एक सवाल पुछा जो मुझे परेशां कर रहा था पिछले २००० मील से . " यह चीनी शब्द क्या है जो बार बार सड़क किनारे दीखता है ? "
(trg)="1"> सन् १९९५ तिर हो , म कलेज पढ्थे , म र मेरी एउटी साथी घुम्न निस्कियौँ प्रोभिडेन्स , रोड आइल्यान्ड बाट पोर्टल्यान्ड , ओरेगनसम्म । अनि छ नि , हामी ठिटै थियौँ र बेरोजगार पनि त्यही भएर हामी पछाडि पछाडिको बाटो मात्र गयौँ राष्ट्रिय निकुन्ज र जङ्गल भएर -- खासमा सबभन्दा लामो बाटो जानुथियो । अनि साउथ डकोटाको बिचतिर कतै , म उ तिर फर्के र एउटा प्रश्न सोधेँ जसले मलाइ पिरोलिरहेको थियो २००० माइलसम्म । र मैले यस्तै , " के भने यो सबै चिह्न हामीले देखिराछौ नि सबैमा चाइनिज अक्षर छ " उसले फर्केर एकछिन मलाई हेरी , अगाडिको लहरमा एक जना सज्जन हुनुहुन्छ जसले उसको हेराइको दुरुस्तै नक्कल पार्नुभो । हाँसो र मैले यस्तै ,

(src)="2"> मेरी दोस्त ने मुझे देखा , आश्चर्य से . यहाँ एक संज्जन हैं जो बिलकुल उसकी नक़ल कर रहे हैं . खिल- खिलाहट मैंने कहा , " मतलब , वे सभी निशाँ जो हमें दीखते हैं जिन पर चीनी में कुछ लिखा है " वो मुझे देखती है कुछ पल के लिए , और फिर जोर से हसने लगती है , क्योकि वोह समझ जाती है मैं क्या कह रही हूँ . और में इसके बारे में बात कर रही थी . हंसी हाँ , यह है मशहूर चीनी पिकनिक का चिन्ह . हंसी मैंने अपनी ज़िन्दगी के पांच साल बिताए हैं परिस्थितियों के बारे में सोचते हुए बिलकुल ऐसी ही -- क्यों हम गलत समझ जाते हैं अपने आस पास के चिन्हों को , और हम कैसा व्यहवार करते हैं जब ऐसा होता है , और यह सब क्या मानव स्वभाव के बारे में हमें क्या बताता है . दूसरे शब्दों में , जैसा कि आपने क्रिस को कहते सुना है , मैंने पिछले पांच साल बिताए है गलत होने के बारे में सोचते हुए . यह आपको एक अजीब व्यवसाय लगेगा , लेकिन यह वास्तव में एक महान लाभ है : कोई नौकरी प्रतियोगिता नहीं . हंसी वास्तव में , हम सब कुछ करते हैं अपनी गलतियों के बारे में सोचने से बचने के लिए , या कम से कम संभावना के बारे में सोचने से बचने के लिए कि हम खुद गलत हो सकते हैं . हम तत्त्व में चले जाते हैं . हम सभी जानते हैं इस कमरे में हर कोई गलती करता है . मानव प्रजाति , सामान्य में , अपूर्ण है - यह ठीक है . लेकिन जब यह " मेरे " ऊपर आती है , मेरी मान्यताओं पर , वर्तमान काल में यहाँ , अचानक तत्त्व में अपूर्णता की यह सराहना खिड़की से बाहर चली जाती है - और मैं वास्तव में खुद गलत हूँ , इस के बारे में सोच नहीं सकती . और बात है , वर्तमान काल है जहां हम रहते हैं . हम वर्तमान में बैठकों में जाते हैं ; हम वर्तमान में परिवार की छुट्टियों पर जाते हैं ; हम चुनाव में वोट करते हैं वर्तमान काल में . तो प्रभावी ढंग से , हमारा जीवन निकल जाता है , इस छोटे बुलबुले में फंस सब कुछ के बारे में बहुत सही महसूस कर . मुझे लगता है कि यह एक समस्या है . मुझे लगता है कि यह एक व्यक्ति के रूप में हम में से प्रत्येक के लिए एक समस्या है , हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में , और मुझे लगता है कि यह हमारे लिए सांस्कृतिक रूप से एक सामूहिक समस्या है . तो मैं यह चाहती हूँ की सब से पहले बात करू इस बारे में की हम अटक क्यों जाते हैं सही जा रहे हैं , इस भावना के अंदर . और दूसरा , यह एक ऐसी समस्या क्यों है . और अंत में , मैं आप को विश्वास करना चाहती हूँ कि यह संभव है उस अहसास से कदम बहार रखना , की अगर आप ऐसा कर सकते हैं , यह सबसे बड़ा एकल है नैतिक , बौद्धिक और रचनात्मक छलांग आप कर सकते हैं .
(trg)="2"> " के भने यो सबै चिह्न हामीले देखिराछौ नि सबैमा चाइनिज अक्षर छ " उसले फर्केर एकछिन मलाई हेरी , अनी मुर्च्छा परेर हाँसी , किन्भने उसले भर्खर बुझेकी थिइ मैले के बारे कुरा गर्दै छु । मैले कुरा गरेको चिज चाँही यो हो । ( हाँसो ) ल हेर्नुस् , पिक्निक एरियाको लागि चाइनिज अक्षर । ( हाँसो ) मेरो जीवनका गएका ५ बर्ष बिते सोचेर परिस्थिति बारे जुन ठ्याक्कै यस्तै हुन्छन -- किन हामी कहिलेकाँही हाम्रै वरिपरिका सङ्केतहरु बुझ्न सक्दैनौ , सङ्केतहरु बुझ्न सक्दैनौ , अनी त्यस्तो बेलामा कसो गर्छौ र यो सबले मानव प्रब्रितिका बारे के बताउँछ त ? अर्को शब्दमा , क्रिस भन्छ कि , मैले बितेका पाँच बर्ष गलत हुने बारेमै सोचेर बसेँ । तपाईंहरुलाई यो कस्तो जागिर हो´रछ भन्ने लाग्ला तर यसको पनि एउटा फाईदा छ : जागिर पाउन प्रतिस्पर्धा गर्नै परेन । ( हाँसो ) वास्तवमा , हामी सबैजसो सक्नेजती गर्न पछी पर्दैनौ , गलत भएको नसोचियोस भनेर अझ कम्तिमा त्यस्तो त सोच्दै सोच्दैनौँ जहाँ आँफै गलत देखियोस । हामीमा यो जरैदेखी छ जबकी हामी भन्न सक्छौ यो कोठामा भएका सबै गल्ती गर्न सक्छन । मानव जातिनै , समग्रमा, गल्तीरहित छैन , ठीक छ ? तर यही कुरा जब म माथि आइपुग्छ , मेरा विश्वास माथि , अहिलेनै तत्काल , क्षणभरमा " गल्ती सबैबाट हुन्छ " भन्ने आदर्श झ्यालबाट कुलेलम ठोक्छ -- अनी म केही पनि सोच्न सक्दिन जहाँ म गलत हुन्छु । र कुरा के भने हामी जिउने नै वर्तमानमा हो । हामी वर्तमानमा नै बैठकमा जान्छौँ छुट्टी मनाउछौँ वर्तमानमा , हामी चुनावमा गएर भोट हाल्छौँ वर्तमानमा । खासमा , हाम्रो जीवनयात्रा यसरी टुङ्गिन्छ कि , एउटा सानो पानीफोकाजस्तोमा फँसेर जहाँ हरकुरा सही हो जस्तो लाग्छ । मेरो विचारमा यही नै समस्या हो । मलाई लाग्छ , यो हामी हरेक व्यक्तीको समस्या हो , व्यक्तिगत र व्यवसायिक दुवैतिर , र यो सबैको सामुहिक समस्या हो जो सन्स्क्रिती जस्तो बन्दैछ । त्यसैले आज म के गर्न चाहन्छु भने , सबैभन्दा पहिले , केही कुरा गर्छु किन यो आँफै ठीक भन्ने भावना भित्रैबाट बिकास हुन्छ त । अनी दोस्रो कुरा यो कसरी समस्या हो । अन्त्यमा म विश्वास दिलाउन चाहन्छु , यो भ्रमबाट उम्किन सकिन्छ , उम्किन सकिन्छ , र यदी तपाईं यसमा सफल हुनुभयो भने यो एउटा ठुलो नैतीक , बौद्धिक र रचनात्मक छलाङ हुनेछ जीवनकै । त हामी किन यो आफु ठीक भन्ने भ्रममा परीरहन्छौँ ? एउटा कारण त गलत भइयो कि भन्नेसँग सम्बन्धित छ ल म तपाईंहरुलाई सोध्छु है त -- ल ल म सोध्दै छु किनकी तपाईंहरु यहाँ हुनुहुन्छ : कस्तो अनुभव हुन्छ भित्रैदेखी भन्न्नुस् है आफु गलत भएको पाउँदा ? खत्तम , मरेकै जुनी , थम्ब्स डाउन लाजमर्दो । ल , राम्रो , अती राम्रो । खत्तम , लाजमर्दो थम्ब्सडाउन -- धन्यबाद उत्क्रिष्ठ जवाफको लागि । तर यिनिहरु त अर्कै प्रश्नका उत्तर हुन नि । तपाईंहरुले दिएको जवाफ त यस्तो प्रश्नको हो : आफु गलत भएको थाहा पाउँदा कस्तो महसुस हुन्छ ?

(src)="3"> तो हम क्यों अटक जाते हैं सही जा रहा है की इस भावना में ? एक कारण वास्तव में गलत जा रहा है की भावना के साथ है . तो मुझे आप लोगों से कुछ पूछना है - या वास्तव में , मुझे आप लोगों से कुछ पूछना चाहिए , क्योंकि आप यहीं हो : भावनात्मक तौर पर - यह कैसा लगता है - आप गलत हो कैसा महसूस होता है ? भयानक . नीचे अंगूठा . शर्मनाक है . ठीक है , बढ़िया , अच्छा है . भयानक , नीचे अंगूठा , शर्मनाक - शुक्रिया , इन बढ़िया जवाब रहे हैं , लेकिन वे एक अलग सवाल के जवाब हैं . तुम लोग सवाल का जवाब दे रहे हैं : की कैसा लगता है जब एहसास होता है की तुम गलत हो ? हंसी अहसास होना की तुम गलत हो ऐसा लगता है , और भी बोहोत कुछ लगता है , ठीक है ना ? मेरा मतलब यह विनाशकारी हो सकता है , यह अन्दर महसूस हो सकता है , यह वास्तव में काफी मजेदार हो सकता है , मेरी बेवकूफ चीनी चरित्र गलती की तरह . लेकिन सिर्फ गलत होना कुछ भी महसूस नहीं करता है . मैं तुम्हें एक सादृश्य दूँगी . क्या आप है कि लूनी धुन कार्टून याद है जहां इस दयनीय कोयोट जो हमेशा पीछा करता था एक पक्षी का , और उसे कभी भी पकड़ नहीं पता था ? इस कार्टून के हर प्रकरण में , वहाँ एक पल है जहाँ कोयोट पक्षी का पीछा कर रहा है और पक्षी एक चट्टान पर से भाग जाता है , जो ठीक है , वह एक पक्षी है , वह उड़ सकता है . लेकिन बात यह है , कोयोट भी उसके बाद चट्टान के आगे भाग जाता है . और क्या अजीब बात है - आप कम से कम छह साल की उम्र हो अगर - ये कि कोयोट पूरी तरह से ठीक भी है . वह सिर्फ भागता रहता है - उस पल तक जब तक वह नीचे देखता है और एहसास करता है की वह मध्य हवा में है . यही कारण है कि वह गिरता है . जब हम किसी चीज़ के बारे में गलत हो जब तक हमें एहसास है , उससे पहले - हम उस कोयोट की तरह हैं जब वह चट्टान से आगे चला गया है और इससे पहले कि वह नीचे देखता है . तुम्हें पता है , हम पहले से ही गलत हैं , हम पहले से ही मुसीबत में हैं , लेकिन हमें लगता है जैसे हम ठोस जमीन पर हो . इसलिए मुझे ठीक करना चाहिए जो मैंने एक पल पहले कहा था . गलत होना महसूस होता है ; यह सही होने जैसा महसूस होता है .
(trg)="3"> ( हाँसो ) आफु गलत भएको थाहा पाउँदा त्यस्तै वा त्यो भन्दा पनि अझै नराम्रो लाग्छ नि है । मलाई त लाग्छ यो विध्वंसक पनि हुन सक्छ या लुकेका कुराहरु बाहिर ल्याउने , यो रमाइलो पनि हुन सक्छ , जस्तै मेरो चाइनिज अक्षरको बुझाई । तर गलत हुँदैमा केही भईहाल्ने होइन म तपाईंलाई तुलना गरेर देखाउँछु । तपाईंहरु लुनी टुन( Loony tune ) भन्ने कार्टून सम्झिनुहुन्छ नि त्यहाँ एउटा दयालाग्दो कायोटी( ब्वाँसो जस्तो जनावर) हुन्छ जसले रोडरनर चरा खेदिरहन्छ तर भेट्दैन । यो कार्टूनको हरेकजसो भागमा , जब कायोटीले रोडरनर चरा लखेटिरहन्छ एउटा यस्तो बेला आउँछ चरा भिरमा दौडिन्छ यो त ठिकै छ, चरा हो उड्छ । तर कुरा के भने कायोटी पनि पछी लागेर भिरमा दौडिन जान्छ । रमाइलो कुरा -- हामी छ वर्षको बच्चा हुँदा -- कायोटिले जे गर्‍यो ठिकै गर्‍यो । उ दौडिरह्यो तर जब उसले यसो हेर्छ त आफु त हावामा । बल्ल थाहा हुन्छ की आफु त हावामा अनी त उ खस्छ । हामी पनि जब कुनै कुरामा भ्रमित हुन्छौँ -- वास्तविकताथाहा हुनु भन्दा पहिला -- हाम्रो हाल पनि कायोटीको जस्तै हो जुन भिरबाट खसिसकेको हुन्छ तर तल हेरेको हुँदैन । हामी पहिले नै गलत( भ्रमित ) भईसकेका हुन्छौँ , समस्या परीसक्छ तैपनी आफुलाई त आफ्नो आधार मजबुत नै छ जस्तो लाग्छ । त्यसैले मैले केही छिन अघी गरेको कुरा सच्याउन चाहन्छु । आफु गलत( भ्रमित ) भएको खासमा एकदम सही भएजस्तो पो लाग्दोरैछ । ( हाँसो ) त्यसैले यो एउटा कारण हो , संरचनात्मक कारण किन हामी भित्रैदेखी यस्तो सच्चाइ बोक्छौ भन्ने । मैले यसलाई गल्तीद्रिष्टीदोष( error blindness ) भन्छु . धेरैजसो समय हामीमा यस्तो आन्तरिक क्षमताको कमी हुन्छ जसले हामी कुनै कुराबारे भ्रमित छौ भनोस जब धेरै ढिलो भईसकेको हुँदैन । एउटा अर्को कारण पनि छ जसले गर्दा यस्तो सोचाइ हुन्छ -- जुन साँस्कृतिक हो . प्राथमिक स्कुलको कुरा सोचौँ तपाईं क्लासमा बसिरहनुभएको छ अनी शिक्षकले प्रश्नोत्तर कपी फिर्ता गर्दै हुनुहुन्छ कसैको चाँही यस्तो रहेछ रे । मेरो होइन है यो । ( हाँसो ) र तपाईं ग्र्याजुएट स्कुलमा( क्याम्पस) मा हुँदा , तपाईंलाई थाहा हुन्छ यो कस्तो बच्चाको कपी हो भनेर । बच्चाको कपी हो भनेर । यो पक्कै मुर्ख स्वाँठ हुनुपर्छ , दु : खमात्र दिने , जुन होमवोर्क गर्दैन । अनी तपाईं ९ बर्षको हुँदा , तपाईंलाई थाहा भईसक्छ पहिलो -- जो कामकुरा राम्ररी सक्दैनन तिनिहरु अल्छी, गैरजिम्मेवार वा मन्दबुद्धी हुन र दोस्रो , जीवनमा सफल हुनको लागि कहिले गल्ती गर्नु हुँदैन । हामीले यि नमिठा पाठ्हरु मज्जाले सिक्छौँ । अनी हामीमध्ये धेरै -- अनुमान गरौँ , विशेषत यहाँ भएका धेरै -- यि कुरालाई व्यवहारमा लान्छौँ एउटा पुरा पहिलो वर्गको( A- grade ) विध्यार्थी भएर निपुण र उच्चकोटिको । हो ? श्री अर्थ प्रशासक , अन्तरिक्षविज्ञ , द्रुतम्यारथनधावक आदी । ( हाँसो ) तपाईंहरु सबै अर्थ प्रशासक , अन्तरिक्षविज्ञ द्रुतम्यारथनधावक बन्नुहुन्छ , यो त देखिहालिन्छ नि हैन त । ल ठीक छ । त्यो जेसुकै भए पनि रिसउठ्दो के हुन्छ भने कतै हामी गलत वा भ्रमित भईरहेको त छैनौँ भन्ने सम्भावना । यो कुराको अनुसार त कतै गलत देखिनुमा हामीमा नै केही गडबड छ भन्छ त्यसैले त हामी आफु सही भएकोमा जोडमात्र दिन्छौँ , जसले आफुलाई तिक्ष्ण र समझदार अनी नैतीक र सुरक्षित देखाओस । अब म एउटा कथा सुनाउँछु .

(src)="4"> ( हँसी ) तो यह एक कारण है , एक संरचनात्मक कारण है , हम सच्चाई की इस भावना के अंदर क्यों अटक जाते हैं . मैं इस त्रुटि अंधापन कहती हूँ . अधिकांश समय , हमें आंतरिक इशारा नहीं होता की हम किसी बारे में गलत कर रहे हैं , जब तक बहुत देर हो चुकी है . लेकिन वहाँ एक दूसरा कारण है कि हम इस अहसास में क्यों अटक जाते है - और यह एक सांस्कृतिक है . प्राथमिक स्कूल के बारे में एक पल के लिए वापस सोचो . तुम वहाँ कक्षा में बैठे हो , और अपने शिक्षक वापस प्रश्नोत्तरी कागजात सौंप रहे हैं , और उनमें से एक इस तरह दिखता है . यह मेरा तरीका नहीं है . हंसी तो तुम ग्रेड स्कूल में हो और आप जानते हैं कि वास्तव में क्या सोचना है उस बच्चे के विषय में जिसे यहपत्र मिला . यह गूंगा बच्चा , उपद्रवी , जो अपने होमवर्क करता है कभी नहीं . तो जिस समय से आप नौ साल के हैं , आप पहले से ही सब सीख चुके हैं , कि जो लोग गलती करते हैं आलसी , गैर जिम्मेदाराना बेवक़ूफ़ हैं - और दूसरा , कि जिस तरह से जीवन में सफल होते हैं वो है किसी भी गलतियाँ नहीं करना . हम वास्तव में अच्छी तरह से इन वास्तव में बुरे सबको को सीखते हैं . और हम में से बहुत - और मुझे संदेह है , विशेष रूप से इस कमरे में हम में से बहुत - उनसे समझोता करते हैं , बन कर , उत्तम छात्र बन कर , सब कुछ सही करने वाले , अधिक- कामयाब . ठीक है , श्री सीएफओ , खगोल शास्त्री , अल्ट्रा पहलवान ? हंसी आप सभी हैं सीएफओ , खगोल शास्त्री , अल्ट्रा पहलवान . ठीक है , तो ठीक है . पर तब नहीं , जब हम सनक जाते हैं इस संभावना से , कि हम ने कुछ गलती कर दी है . क्योंकि इस के अनुसार , कुछ गलत करना इस का अर्थ है हमारे साथ कुछ गड़बड़ है . तो हम बस जिद करते हैंकि हम सही हैं , क्योंकि यह महसूस करता है हमें स्मार्ट और जिम्मेदार और धार्मिक और सुरक्षित है तो मैं तुम्हें एक कहानी सुनती हूँ . दो वर्ष पहले , एक औरत बैठ इसराइल देकोनेस मेडिकल सेंटर में सर्जरी के लिए आती है . बैठ बोस्टन में है . यह हार्वर्ड के लिए शिक्षण अस्पताल है - देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक . तो इस महिला में आती है और वह ऑपरेटिंग कमरे में ले जाई गयी . वह बेहोश है , सर्जन अपना काम करता है - उसे वापस टाँके लगा , उसे भेजता है दुसरे के कमरे में . सब कुछ ठीक ठाक हुआ और वह जाग , खुद पर नज़र डालती है , और वह कहती हैं , " पट्टियों मेरे शरीर के गलत साइड पर क्यों है ? " वैसे उसके शरीर के गलत साइड पट्टीयों में है क्योंकि सर्जन ने एक बड़ा ऑपरेशन किया गया है उसे सीधे के बजाय उसके बाएं पैर पर हुआ है . जब स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता के लिए बैठ इसराइल के उपाध्यक्ष इस घटना के बारे में बात करते हैं , उन्होंने कहा कि कुछ बहुत ही रोचक . उन्होंने कहा , " जो भी कारण हो , सर्जन ने बस महसूस किया कि वह रोगी के सही पक्ष पर था . " हंसी इस कहानी का मर्म है कि बहुत ज्यादा अहसास पर भरोसा किसी भी चीज़ के सही पक्ष पर होने का बहुत खतरनाक हो सकता है . सच्चाई की यह आंतरिक भावना जो हम सब बहुत अक्सर अनुभव करते हैं एक विश्वसनीय गाइड नहीं है उस चीज़ के लिए जो वास्तव में बाहरी दुनिया में चल रही है . और जब हम ऐसे कार्य करते हैं जैसे की वो हो , और हम मानना बंद कर देते हैं की हम गलत हो सकते हैं , तब हम चीज़े करते हैं जैसे मैक्सिको की खाड़ी में 200 मिलियन गैलन तेल की डंपिंग की तरह , या वैश्विक अर्थव्यवस्था हिलाना . तो यह एक बड़ी व्यावहारिक समस्या है . लेकिन यह भी एक बड़ी सामाजिक समस्या है . एक पल के लिए सोचो , कि सही होना कैसा लगता है . इसका मतलब है कि आपको लगता है कि आपके विश्वास पूरी तरह से वास्तविकता को प्रतिबिंबित करते हैं . और जब तुम उस तरह महसूस करते हो , आप के पास एक समस्या है सुलझाने के लिए , जो है , आप कैसा बताएँगे उन लोगों को जो आप के साथ असहमत हैं ? यह पता चला है , हम में से ज्यादातर उन लोगों को एक ही तरीके से बताएँगे , दुर्भाग्यपूर्ण मान्यताओं की एक श्रृंखला का सहारा ले कर . सबसे पहले , आम तौर जब कोई हमारे साथ सहमत नहीं होता हम मान लेते हैं कि वे अज्ञानी हैं . उनके पास जानकारी नहीं है , और जब हम उदारता से उनके साथ जानकारी का योगदान कर लेते हैं , हम मानते हैं की वे समझ कर हमारी टीम मेंआ जाएँगे , जब वह काम नहीं करता , जब पता लगता है उन लोगों को सब तथ्य है और वे अभी भी हमारे साथ असहमत हैं , तो हम एक दूसरी धारणा की और कदम बढ़ाते हैं , जो है कि वे बेवकूफ हैं . हंसी उनके पास पहेली के सभी टुकड़े हैं , मगर वेह मूर्ख हैं और वे उन्हें एक साथ सही से नहीं डाल पा रहे . और जब वह काम नहीं करता , जब पता लगता है कि जो लोग हमारे साथ असहमत हैं उन के पास तथ्य भी हैं और वास्तव में वह बहुत चालाक भी हैं , तो हम एक तीसरी धारणा पर कदम रखते hain : वे सच जानते हैं , और वे जान - बूझकर उसे विकृत कर रहे हैं अपने स्वयं के द्रोही प्रयोजनों के लिए . तो यह एक त्रासदी है . हमारी अपनी सच्चाई के लिए यह आसक्ति हमें गलतियों को रोकने से रोकती है जब हमें उसकी सख्त जरूरत होती है और हमें एक दूसरे को बहुत बुरा व्यवहार करने पर मजबूर करती है . लेकिन मेरे लिए यह सबसे चोकने वाला है और इस बारे में सबसे दुखद है कि यह इंसानियत की सारी बात भूला देती हैं . ऐसा लगता है कि हम कल्पना करना चाहते हैं कि हमारे दिमाग बस पूरी तरह से पारदर्शी खिड़कियों हैं और हम सिर्फ उन से बाहर टकटकी लगा दुनिया का वर्णन कर रहे हैं . और हम चाहते हैं की बाकी सब भी उसी एक खिड़की से बाहर देखे और बिलकुल वही एक ही बात देखें . यह सच नहीं है , और अगर यह होता , तो जीवन अविश्वसनीय रूप से उबाऊ होगा . अपने मन का चमत्कार यह नहीं है की तुम दुनिया को जैसा है वैसा देख सकते हो . वो है कि आप दुनिया को वैसे देख सकते हैं जैसा वो नहीं है . हम अतीत को याद कर सकते हैं , और हम भविष्य के बारे में सोच सकते हैं , और हम सोच सकते हैं यह कैसे होगा कुछ अन्य जगह में कुछ अन्य व्यक्ति होना . और हम सब यह थोड़ा अलग करते हैं , इसलिए हम सभी एक ही रात्रि आकाश को देख सकते हैं और यह देख सकते हैं और यह भी और यह भी . और हाँ , यह भी कारण है कि हम चीजों को गलत समझते हैं .
(trg)="4"> २- ३ बर्ष जती पहिले एउटी महिला बेथ इजरायल डिकोनेस मेडिकल सेन्टरमा सर्जरी गराउन आइन । बेथ इज्रायल बोस्टोनमा पर्छ । यो हावर्डको शिक्षण अस्पताल हो -- देशको एउटा राम्रो अस्पताल । अँ , उनी आइन अनी उनलाई अपरेसन कोठामा लगियो । बेहोस पारीयो अनी डाक्टरले आफ्नो काम गरे -- पुन घाऊ बन्द गरेर आराम गर्न पठाइयो । अहिलेसम्म सबै ठिकै जस्तै थियो । तर जब उनी बिउँझेर यसो हेर्छिन त
(trg)="5"> " लौ किन यो गलत भागमा पट्टी बाँधेको ? " उनी कराइन । उनको गलत अंगको सर्जरी भएको थियो । डाक्टरले त ठुलो अपरेसन देब्रे गोडामा गरेछन जबकी समस्या दाहिनेमा थियो । बेथ इजरायलका स्वास्थ्यसेवा गुणस्तरका उपप्रमुखले यो घटनालाई व्यक्त गर्दा केही रोचक बनाएर भने । उनले भने´ जे कारणले भएपनी , डाक्टरलाई लाग्यो कि , उनी बिरामीको सही साइडमा छन । " ( हाँसो ) यो कथाको मुख्य सार के भने बढी विश्वास त्यस्तो सोचाइमा जुनले आफु सही भन्छ घातक पनि हुन सक्छ । यस्तो सच्चाइको जुन भित्री अनुभव हामीले धेरैजसो गर्छौँ , जो भरपर्दो पथप्रदर्शक बन्ने कमै सम्भावना हुन्छ बाहिरी दुनिँयाको । जब हामी यस्तै गर्दै जान्छौ , आफु गलत हुनसक्ने सम्भावना पनि बिर्सिदिन्छौँ , अनि यस्ता काम गर्छौँ जस्तै २०० मिलिअन ग्यालन तेल मेक्सिको खाडीमा पोख्ने अथवा विश्व अर्थतन्त्र ध्वस्त पार्ने । त्यसैले त यो ठुलो व्यवहारिक समस्या हो । तर यो ठुलो सामाजिक समस्या पनि हो । एक छिन सोचौँ त सही हुनु भनेको के हो । यो भनेको जे तपाईँ विश्वास गर्नुहुन्छ त्यो नै पुर्ण सच्चाइ हो । अनि जहिले तपाईँ त्यसरी सोच्नुहुन्छ , तपाईँमाथि समस्या आइलाग्छ , के भने , तपाईँले ती सबैलाइ के भन्ने जो तपाईँले भन्ने कुरामा सहमत छैनन् । यस्तो देखिन्छ कि , हामीमध्ये धेरै त्यही एउटै तरिकाले भन्न खोज्छौँ , श्रीङ्खलाका श्रीङ्खला तिनै बासी, अभागी मान्यताहरु पेलेर । कसैले हाम्रो कुरा नपत्याए पहिले हामी के गर्छौँ भने , हामी तिनीहरुलाइ बेमतलबी ठान्छौँ । तिनिहरुसँग त्यो सुचना पहुँच छैन जो हामीसँग छ , हामीले उनिहरुलाई त्यो सुचना दया गरेर दिन्छौ , अब त उनिहरु पनि ज्ञानले प्रदिप्त भइहाले अनी हाम्रै टिम । जब काम यसरी पनि बन्दैन तिनीहरुसँग ती सबै तथ्य छन जुन हामीसँग छन् र पनि हामीसँग असहमत हुन्छन , अब हाम्रो दोस्रो मान्यता आउँछ , तिनिहरु मुर्ख छन । ( हाँसो ) तिनिहरु पहेली( पजल) का सबै टुक्रा छन , त्यैपनी तिनिहरु यती मुर्ख छनकी मिलाएर राख्न पनि सक्दैनन । यो तरिकाले पनि काम नगरेपछी , हामीसँग असहमतहरुसँग यस्ता निस्किन्छन कि तिनिहरु हामीले जानेजती सबै तथ्यसँग परीचित छन , अनी वास्तवमै चलाख छन , अब तेस्रो मान्यताको पालो : तिनिहरु सत्य जान्दछन् , र तिनिहरुले जानिजानि यसलाइ बङ्गयाइरहेछन किनकि यसले तिनिहरुको तुच्छ स्वार्थ पुरा हुन्छ । यो नै दु्र्घटना हो । यो आफ्नो सच्चाइ प्रतिको लगावले हामीलाइ गल्ती गर्नबाट बचाउँछ जब हामीलाइ आवश्यक हुन्छ र एकापसमा नराम्रो ल्याइदिन्छ । तर मेरोलागि , सबभन्दा अनौठो र दुखलाग्दो कुरा यो बारे के भने यसरी त मान्छे हुनुको जुन सार छ नि त्यो नै हराउँछ । यो यस्तो सोचाइ हो कि हाम्रो मस्तिष्क पुरा पारदर्शी झ्याल जस्तो हो अनि हामी त्यसबाट हेर्छौँ र भन्छौ संसार त यस्तो छ । हामी चाहन्छौ सबैजना त्यही एउटै झ्यालबाट हेरुन् अनि ठ्याक्कै त्यस्तै देखुन् । यो ठिक होइन , र यदि यस्तै भइहाले , जिन्दगी अति दिक्कलाग्दो हुन्छ । मस्तिष्कको शक्त्ति यो होइन कि तपाईँ संसार यो जस्तो छ त्यस्तै देख्ने । यो त तपाईँले यस्तो संसार देख्नु हो जुन छैन । हामी विगत सम्झिन सक्छौँ , र भविष्य सोच्न पनि , अनि यस्तो पनि सोच्न सक्छौ आफु कुनै अर्कै ठाउँमा अर्कै मानिस भएको । हामी सबै यस्तो गर्छौँ अलिअलि फरक होला , किनभने हामी सबैले राति एउटै आकाश देख्छौँ , यो देख्छौँ , त्यो देख्छौँ , अरु के के देख्छौँ । अनि , यस्तरी नै हामी गलत पनि हुन्छौँ । १२०० वर्ष पहिले डेस्कार्टसले एउटा प्रख्यात कुरा भने

(src)="6"> " मैं सोचता हूँ इसलिए मैं हूँ " यह आदमी , सेंट औगुस्तिने , बैठे और लिखा " Fallor ergo sum " -
(trg)="6"> " मैले सोच्छु र त म छु । " यी व्यक्ति , सन्त अगस्तिन , बसे र लेखे " फेलर इर्गो सम ( Fallor ergo sum ) --

(src)="7"> " मैं गलती करता हूँ इसलिए मैं हूँ . " ऍगस्टीन समझते थे कि हमारी खराब करने की क्षमता , यह शर्मनाक दोष नहीं है मानव प्रणाली में , कुछ हम उन्मूलन या दूर कर सकते हैं . यह पूरी तरह से जो हम हैं , मौलिक है . क्योंकि , भगवान की तरह , हम वास्तव में क्या हो रहा है , नहीं जान सकते . और सभी अन्य जानवरों से अलग , हम उसे समझने की कोशिश कर रहे हैं . मेरे लिए , यह जुनून स्रोत और जड़ है हमारी उत्पादकता और रचनात्मकता का . पिछले वर्ष विभिन्न कारणों से , मैं कई एपिसोड सुने
(trg)="7"> " म गल्ति गर्छु र म भएको छु । " अगस्तिनले बुझे हाम्रो यो गडबड गर्ने क्षमता , कुनै डराउनुपर्ने रोग या दोष होइन मानविय प्रणालीको , यसलाइ त हामीले हटाउन या जित्न सक्छौँ । यो त हामी आफु मान्छे हुनुको आधारभुत कुरा हो । किनभने , भगवान जस्तो , हामीलाइ कुनबेला के हुन्छ भन्ने थाहा हुदैँन । अनि फेरि अरु जनावर जस्तो नभइ , हामी त यस्तै कुरा थाहा पाउन लागिपर्छौँ । मेरो लागि , यो नशा नै स्रोत र मुल हो जस्तो लाग्छ हाम्रो उत्पादकत्व र रचनात्मक खुबिको । गत वर्ष , विभिन्न कारणले गर्दा मैले धेरै भागहरु सुन्न पुगेँ

(src)="8"> " यह अमेरिकन लाइफ " पब्लिक रेडियो शो के . और मैं सुनती रही और सुनती रही , और कुछ बिंदु पर , मैं महसूस करने लगी की सभी कहानियों गलत होने के बारे में हैं . और मेरी पहली सोच थी ,
(src)="9"> " मैंने दिमाग खो दिया है . मैं बन गयी हूँ पागल गलती वाली औरत . मैंने उसे सब जगह मंगदत कर लिया है . " जो हुआ है . दो महीनों बाद , मैंने वास्तव में ईरा ग्लास , जो शो के मेजबान है , उनका साक्षात्कार किया . और मैंने उनसे इसका उल्लेख किया , और उन्होंने कहा , " नहीं , वास्तव में , यह सच है . वास्तव में , " वे कहते हैं , एक कर्मचारी के रूप में , हम मजाक करते हैं की हमारा हर क्रमांकन उसी विषय पर है . और वह विषय है : " मुझे लगा एक चीज़े होगी मगर कुछ और हुआ " और असल बात यह है , " इरा ग्लास ने कहा , " हमें यह चाहिए , यह पल आश्चर्य और परिवर्तन और गलतियों के इन कहानियों का काम बनाने के लिए . " और बाकी हम सब दर्शक गन के लिए श्रोता के रूप में , पाठकों के रूप में , हम इसे पसंद करते हैं . हम विषय पलट कहानिया पसंद करते हैं और आश्चर्य अंत . जब बात हमारी कहानियों की है , हमें गलतियों से प्यार है . लेकिन , तुम्हें पता है , हमारी कहानियों इस तरह हैं क्योंकि हमारे जीवन इस तरह हैं . हमें लगता है कि ऐसा होने वाला है और बजाय कुछ और होता है . जॉर्ज बुश ने सोचा था कि वह इराक पर आक्रमण करेंगे , सामूहिक विनाश के हथियारों का एक गुच्छा मिल जाए , लोगों को आजाद करेंगे और मध्य पूर्व के लिए लोकतंत्र लायेंगे . और कुछ और हुआ . और होस्नी मुबारक सोचा था कि वह मिस्र के तानाशाह हो अपने जीवन के बाकी साल काटेंगे , जब तक वह बहुत बूढ़े या बहुत बीमार हो और उनके बेटे को सत्ता दे सकते हैं . और कुछ और हुआ . और शायद आपने सोचा आप बड़े हो कर उच्च विद्यालय की अपनी प्रेमिका से शादी करोगे और अपने पुराने शहर में वापस जा कर बच्चों का एक झुंड बढ़ा करोगे . और कुछ और हुआ . और मुझे आप को बताना है कि मैंने सोचा था कि मैं एक अविश्वसनीय अध्ययनशील किताब लिख रही हूँ ऐसे विषय पर जिसे कोई पसंद नहीं करता एक श्रोता गन के लिए यह कभी नहीं हो सकता और कुछ और ही हुआ . हंसी मेरा मतलब है , यह जीवन है . अच्छे के लिए और बुरे के लिए , हम इन अविश्वसनीय कहानियों को उत्पन्न करते हैं हमारी दुनिया के बारे में , और फिर दुनिया मुडती है और हमें आश्चर्य में दाल देती है .
(src)="10"> कोई अपमान नहीं है , लेकिन यह पूरा सम्मेलन एक अविश्वसनीय स्मारक है हमारे गलत होने की क्षमता के लिए . हमने एक पूरे सप्ताह नवाचार और प्रगति के बारे में बात की है और सुधार , लेकिन आप जानते हैं कि क्यों हमें उन नवाचारों की जरूरत है और प्रगति और सुधार ? क्योंकि आधा सामान कि आश्चर्यजनक और दुनिया में फेरबदल करने वाला है -
(trg)="8"> " यो अमेरिकी जिवन ( This Americal Life ) " भन्ने रेडियो कार्यक्रमको । मेैले सुन्दै जाँदा, सुन्दै जाँदा , एउटा विन्दुमा पुगेपछि , मलाई के लाग्यो भने सबैजसो कथाहरु त गलत वा भ्रमित हुने बारे नै थिए । अनि मैले पहिले के सोचेँ भने , म गएँ , हराएँ । म सनकी गलत गलत भन्ने भएँ । मैले जता पनि यहि देख्न थाले । र जुन भयो । केही महिना पछि मलाइ इरा ग्लासको अन्तरवार्ता लिने मौका मिल्यो , जसले त्यो कार्यक्रम चलाउँथे । मैले यो कुरा उनलाइ राखेँ , अनि उनले भने , " कुरा यस्तो होइन । वास्तवमा के भने हामी स्टाफले के मजाक गर्थ्यौ भने हाम्रो कार्यक्रमको हरेक भागमा एउटैजस्तो मुख्य कुरा हुन्छ । त्यो के भने : ' मैले यस्तो होला भनेर सोचेको थिएँ तर अर्कै पो भइदियो । ' र कुरा के भने , " इरा ग्लासले भने , " तर चाहेको त पहिलेकै हो । हामी ती क्षणहरु चाहन्छौँ जुन आश्चर्य र पुनरावृत्ति र गलती र यस्तै कुराहरुले कथा बन्छन । " रह्यो बाँकी कुरा, दर्शकहरु , श्रोताहरु , पाठकहरु , समग्रमा हामी सबैले यस्ता कथा मज्जाले पचाइदिन्छौँ । हामीलाई कथावस्तुमा नयाँनयाँ मोड भएको मन पर्छ अनि रेड हेरिङ( महत्वपुर्ण कुराबाट ध्यान मोड्ने साहित्यिक कला ) र चमत्कारिक अन्त्य । अब हाम्रो कथामा आइपुग्दा , हामी गल्ती भए पनि हुन्छ । तर , के छ भने , हाम्रा कथा पनि यस्तै हुन्छन किनभने हामी त्यसरी नै जिउँछौँ । हामीले एकथरी कुरा होला भनेर सोच्यो अर्कैअर्कै भइदिन्छ । जर्ज बुसले सोच्थे होला इराकमा आक्रमण गरेपछि आम विध्वंशक हतियारहरु भेटिन्छन , जनता मुक्त हुनेछन र मध्यपुर्वमा प्रजातन्त्र आउनेछ । कुरा भइदियो अर्कै । अनि होस्नी मुबारकले पनि सोच्थे होला बाचुँन्जेल इजिप्टको शासन आफ्नै कब्जामा हु्न्छ , बिरामी भए वा अति बुढो भएदेखि छोराहरुलाई सत्तामा लैजाउँला । फेरि कुरा भइदियो अर्कै । कहिलेकँही तपाईँ पनि सोच्नुहुन्छ होला युवा भएपछि हाइस्कुलकै मायालुसँग बिहे गरेर आफ्नै सहरमा फर्केर केटाकेटी हुर्काउँछु भनेर । र हुन्छ अरु नै केहि । अनि मैले भन्नु पर्ने हुन्छ मेरो यस्तो सोचाइ थियो कि एउटा अति दिक्कलाग्दो किताब लेख्ने त्यो पनि कसैलाइ मन नपर्ने विषयमा यस्ता व्यक्त्तिको लागि जसलाइ भेट्नै मुस्किल छ । यहाँ पनि भइदियो अर्कै । हाँसो मेरो मतलब , यो मेरो जिन्दगि । असल र खराब दुबैको लागि , हामीले यस्तै ठुला कथा बनाइदिन्छौँ हाम्रै वरिपरिको संसारकै बारेमा , अनि के हुन्छ त भन्दा संसार उल्टो गइदिन्छ सबैलाई अचम्म पारेर । नराम्रो नमान्नुहोला , यो पुरै सभा एउटा स्मारक जस्तो हुनेछ जसले हाम्रो गल्ती गर्ने खुबी सम्झाउँछ । हामी हप्तौँ बिताउछौँ कुरा गरेर आविष्कारहरु , प्रगति र सुधारहरुबारे , तर तपाईँलाई थाहा छ हामीलाई यी सबै आविष्कारहरु विकास र सुधारहरु किन चाहियो त ? किनभन्दा आधाभन्दा बढिजसो यस्ता सनसनिपुर्ण र संसार हल्लाउने --

(src)="11"> TED १९९८ - एह .
(src)="12"> ( हँसी ) वैसा हुआ नहीं जैसा हम चाहते थे .
(src)="13"> ( हँसी ) मेरे जेट पैक कहाँ है , क्रिस ?
(trg)="9"> TED १९९८ -- ल हाँसो कुराहरुले ठ्याक्क भनेजसरी काम गर्दैनन् । हाँसो मेरो जेटप्याक कहाँ छ , क्रिस ? हाँसो ताली र हामी फेरि यहाँ छौँ । र यसरी नै चल्दैजान्छ । हामी नयाँनयाँ सोच लिएर आउँछौ । हामी अर्को कथा भन्छौँ । अर्को सम्मेलन गर्छौँ । अनि यसको मुल कुरा यो हुन्छ , तपाईहरुले ७०लाख पटक सुनिसक्नु भाको छ , आश्चर्यहरु फेरि फेरि भेटिइरहन्छन । अनि मेरो लागि यदि तपाईँहरु पनि यसरी नै आश्चर्य खोजि गर्न चाहनुहुन्छ भने , तपाईँ बाहिर निस्कनुपर्ने हुन्छ त्यो सानो , डरलाग्दो आफनो सत्यताको घेरोबाट र हेर्नुपर्छ वरिपरि एकआपसमा र हेर्नुपर्छ त्यो बृहतता जटिलता र तिलस्मिपन ब्रह्मान्डको अनि भन्न सक्नुपर्छ ,

(src)="15"> " वाह , मुझे नहीं मालूम . शायद मैं गलत हूँ " धन्यवाद . अभिनन्दन आप लोगों को धन्यवाद . अभिनन्दन
(trg)="10"> " ओहो , मलाई पनि नआउन सक्छ । म पनि गलत हुन सक्छु । " धन्यवाद । ताली धन्यवाद तपाईँहरुलाई । ताली

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(src)="1"> ( संगीत ) स्कूल के साधारण दिन में अनगिनत घंटे प्रश्नों के उत्तर सीखने में व्यतीत होते हैं | पर अभी हम उसके उलट उन प्रश्नों पर ध्यान केन्द्रित करेंगे जिनके उत्तर हम नहीं सीख सकते क्योंकि वो अनुत्तरित हैं | बाल्यकाल में मैं कई चीज़े सोचता था | जैसे कि , कुत्ता होना कैसा लगता होगा ? क्या मछलियों को कुछ महसूस होता होगा ? कीटो का क्या ? क्या बिग बैंग एक संयोग मात्र था ? और क्या कोई ईश्वर है ? और अगर है तो हमें यह कैसे पता कि वह पुरुष है स्त्री नहीं ? क्यूँ कुछ निर्दोष व्यक्तियों एवं जीवों को दुर्भाग्य भोगना पड़ता है ? क्या वास्तव में मेरे जीवन के लिए कोई योजना है ? क्या भविष्य अभी लिखा जाना है ? या सब कुछ पूर्व लिखित है ? या हम ही कुछ देख नहीं पाते हैं ? फिर क्या मेरी कोई स्वयं की इच्छा है ? एवं मैं हूँ क्या ? क्या मैं एक जैविक मशीन मात्र हूँ ? तो फिर मैं चेतन अवस्था में कैसे हूँ ? चेतना है क्या ? क्या रोबोट भी एक दिन चेतना प्राप्त करेंगे ? ऐसा मुझे लगता था कि एक दिन मुझे मेरे इन प्रश्नों का उत्तर अवश्य मिलेगा | किसी को तो अवश्य ही पता होगा , नहीं ? लेकिन पता है क्या ? किसी को भी नहीं पता | इनमें से अधिकांश प्रश्न मुझे आज और भी ज्यादा हैरान करते हैं | लेकिन इन प्रश्नों में गोता लगाना रोमांचकारी अनुभव है क्योंकि ये आपको ज्ञान के उस छोर पर ले जाते हैं , जहाँ न जाने क्या प्राप्त हो जाये | तो इस श्रृंखला के आरम्भ में दो प्रश्न , प्रश्न जो आज तक इस पृथ्वी पर अनुत्तरित हैं ........................ कितनी सृष्टियां हैं ? हम परग्रही जीवन के सबुत क्यों नही देख पाते ?
(trg)="1"> ( धुन ) स्कूलमा एउटा सामान्य दिनमा हाम्रा धेरै घण्टाहरु वित्ने गर्छन् , के गरेर त ? विभिन्न प्रश्नहरूको जवाफका बारे सिकेर र थाहा पाएर । तर अहिले हामी त्यस्को ठीक उल्टो काम गरौं । हामी त्यस्ता प्रश्नहरुमा विचार गरौं जस्को उत्तरहरु थाहा पाउन सकिंदैन , किनभने ति उत्तरहरु हालसम्म कसैलाई पनि थाहा छैन । केटाकेटी छंदा म धेरै थरी कुराहरुका बारे थाहा पाउन चाहन्थें । उदाहरणका लागि , मलाई कस्तो अनुभव हुंदो हो यदि म एउटा कुकुर भैदिएको भए ? माछाहरुलाई दुख्छ की दुख्दैन होला ? किराहरुलाई पनि दुख्ला की नदुख्ला ? बीग ब्यांग वा महा विस्फोट भनेको एउटा दुर्घटना मात्रै थियो की ? अनि के सांच्चिकै ईश्वर भन्ने छन् त ? यदि छन् भने हामीले कसरी थाहा पाउने की उनी केटा हुन् की केटी ? अनि यत्ति धेरै निर्दोष मानिस तथा जनावरहरुले खराब कुराहरु किन बेहोर्नु पर्छ ? सांच्चिनै , मेरो जीवनको योजना पहिले नै निर्धारण भैसकेको हो ? के भविष्य लेखिन अझै बांकी नै छ , की त्यो पनि पहिले नै लेखिसकियो र हामीले अहिले त्यसलाई देख्‍न नसकेका मात्र हौं ? विधर्मी बन्न पाइन्छ ? उसो भए म को हुं त ? के म एउटा जैविक यन्त्र मात्र हुं ? फेरि म मा चेतना किन छ ? चेतना हुनु भनेको के हो ? के रोबोटहरुमा पनि एकदिन चेतना हुनेछ ? मैले भन्न खोजेको , मलाई लाग्थ्यो की कुनै दिन मलाई य‌ि सबै प्रश्नहरुको उत्तर कसैले बताइदिनेछ । यसको उत्तर कसै न कसैलाई त थाहा होला नी , होइन ? अममम । तर यस्को जवाफ कसैलाई थाहा छैन । ति मध्ये धेरैजसो प्रश्नले त मलाई पहिले भन्दा अहिले झन अचम्ममा पार्ने गर्छ । तर ति प्रश्नहरूमाथि विचार गर्नु रमाइलो हुन्छ किनभने यसो गर्दा मानवजातिले हासिल गरेको ज्ञानको किनारामा नै पुग्न सकिन्छ , र त्यहां पुगेर के कस्ता कुरा थाहा पाइन्छ भन्ने अनुमानै गर्न सकिन्न । अब दुईथरी त्यस्ता प्रश्नमाथि विचार गरौं , यो श्रृंखला आरम्भ गर्नका लागि । त्यस्ता प्रश्न जस्को जवाफ पृथ्वीमा कसैलाई थाहा छैन --

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(src)="1"> अभ्यास करने वाला कौन ? यदि सत्य ´हमेशा´ है , तब अभ्यास करने वाला कौन है ? तुम को पता करना है ऐसा नहीं है कि सत्य अभ्यास कर रहा है कौन अभ्यासी है ?
(src)="2"> कौन ढूँढ रहा है ? मै कहता हूँ - तुम्हारा स्वरुप है , - अपने व्यक्तित्व रूप में अपने बारे में हम एक धारणा रखते हैं - जिसे हम पकड़ के रखते हैं यह भी चैतन्य है , चैतन्य है . पर ये वो चेतना है जिसने इस शरीर को अपना मूल , अपना धरातल बनाया है , ... और साथ ही इस धारणा को - कि ´मै मेरी अवस्था , मेरी अस्मिता/ परिचय हूँ ' . और यह एक विकृति है । और यह विकृत चेतना किसी प्रकार ... द्वैत यात्रा से गुज़रती है , द्वैत से ही होकर , ... ... और किसी भी ज्ञान का उपयोग करती है , ... ... अपना मार्ग ढूंढने में , अपने स्वरुप को पाने के लिए । इसे मै एक प्रकार से कह रहा हूँ । लोग अलग तरीके से भी कहते हैं । इस वक्त मै इस तरह से कह रहा हूं ।
(trg)="1"> तिमीले पत्ता लगाउँनु पर्छ ।

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(src)="1"> मैं भौतिकी के अलावा अन्य बातों में भी भाग ले रहा हूँ . दरअसल , ज्यादातर अब अन्य बातों में एक बात है मानवीय भाषाओं के बीच दूर का सम्बन्ध और यूएस में पेशेवर , एतिहासिक भाषाविद और पश्चिम यूरोप में भी , ज्यादातर दूर रहने की कोशिश करते हैं किसी भी लंबी दूरी की रिश्ते से , बड़े समूहों से , समूह जो एक लम्बे समय से चलते आ रहे हैं परिचित परिवारों से भी लम्बे समय से वे यह पसंद नहीं करते , उन्हें लगता हैं कि यह सनकी है . मुझे नहीं लगता कि यह सनकी है . और कुछ शानदार भाषाविद , ज़्यादातर रूसी सैंटा फे संस्थान और मॉस्को में इस पर काम कर रहे हैं और यह कहाँ जाता है यह देखने में मुझे काफी ख़ुशी होगी . क्या यह सच में एक ही पूर्वज की तरफ इशारा करता है कुछ २० , २५००० साल पहले ? और तब क्या जब हम उस एक पूर्वज से और पीछे जाएँ , जब वहाँ संभवतः कई भाषाओं के बीच एक प्रतिस्पर्धा थी ? यह और कितना पीछे जाता है ? आधुनिक भाषा और कितना पीछे जाती है यह कितने दसियों हजारों साल पीछे जाती हैं ? क्रिस एंडरसन : क्या आपके पास कोई अनुमान है की इसका उत्तर क्या होगा ? मुर्रे गेल- मान : खैर मुझे लगता है की आधुनिक भाषा काफी पुरानी होनी चाहिए गुफा चित्रों और गुफा कंदकारी और गुफा मूर्तियों से और पश्चिमी यूरोप में गुफाओं में नरम मिट्टी में नृत्य के कदम से जो औरिग्नचियन अवधि कुछ ३५००० साल पहले की है , या उससे भी पहले मैं विश्वास नहीं कर सकता कि उन्होंने यह सब किया और उनके पास एक आधुनिक भाषा नहीं थी तो मुझे लगता है कि वास्तविक मूल कम से कम तब का है या उससे भी पहले का . लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब , या बहुत से या ज्यादातर आज की अनुप्रमाणित भाषाओं का जन्म किसी ऐसी भाषा से हुआ जो की काफी नयी है , शायद २०००० साल पुरानी , या उसी तरह की . इसे हम अड़चन कहते हैं सीए : ठीक है , फिलिप एंडरसन शायद सही हो सकते हैं . आप शायद हर चीज़ के बारे में और किसी से ज्यादा जानते हैं . यह हमारे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य था . आपका धन्यवाद मुर्रे गेल- मान .
(src)="2"> ( तालियाँ )
(trg)="1"> अँ , म भौतिकविज्ञान बाहेक अरु कुराहरूमा पनि संलग्न छु । वास्तवमा , अहिले चाहिँ धेरैजसो अरु कुराहरूमा । एउटा कुरा चाहिँ मानव भाषाहरूबिचको टाढाको सम्बन्ध । र अमेरिका र पश्चिमी यूरोपका व्यावसायिक , ऐतिहासिक भाषाविज्ञहरू प्राय : जसो कुनै पुरानो सम्बन्धबाट टाढै बस्न खोज्छन ; ठूला समूहहरू , त्यस्ता समूहहरू जो धेरै समय अगाडि जान्छन , परिचित परिवार भन्दा अगाडि । ऊनीहरू त्यो मन पराउँदैनन ; ऊनीहरू सोच्छन यो सनक हो । मलाई लाग्दैन कि यो सनक हो । र केहि प्रतिभाशाली भाषाविदहरू छन , धेरैजसो रसियनहरू , जो सान्टा- फे संस्थान र मस्कोमा यसमा काम गरिराखेका छन , र मलाई यसले कहाँ पुर्याउँछ भन्ने हेर्न मन छ । के यसले साँच्चै एउटा एक्लो पूर्वजसम्म पुर्याउँछ जुन २० -- २५००० वर्ष अघिको होस ? अनि यदि हामी त्यो एक्लो पूर्वजभन्दा अगाडि गयौँ भने , जतिबेला सायद धेरै भाषाहरूको बिचमा प्रतिस्पर्धा थियो ? त्यो कतिसम्म पुरानो होला त ? आधुनिक भाषा कतिसम्म पुराना होलान त ? यो कति दशौँ हजार वर्ष अगाडि पुग्छ त ? क्रिस एन्डर्सन : के तपाईँलाई यसको उत्तर के हो त भन्ने कुराको अन्दाज वा आशा छ त ? मुरे गेल- म्यान : हजुर , मेरो अनुमानमा आधुनिक भाषा गुफाका चित्रकला र गुफाका अभिलेख र गुफाका मुर्तिहरूभन्दा पुरानो हुनुपर्छ अनि पश्चिमी युरोपका गुफाभित्र लगभग ३५ हजार वर्ष वा अझ अघि पाषाण युगमा माटोमा कुँदिएका नृत्य कदमहरूभन्दा । ऊनीहरूले यी सब चिजहरू गरे अनि ऊनीहरूसँग आधुनिक भाषा पनि थिएन भन्ने मलाई विश्वास लाग्दैन त्यसैले मेरो अनुमानमा वास्तविक उत्पत्ति कम्तिमा त्यति अघिसम्म पुग्छ र अझ अघि हुन पनि सक्छ । तर त्यसको अर्थ त्यतिमात्रै होईन कि सबै अथवा धरैजसो , अझ प्राय : जसो आजका प्रामाणिक भाषाहरू सायद त्योभन्दा नयाँ भाषाबाट उत्पत्ति भएका त हैनन , जस्तो मानौँ २० हजार वर्ष वा यस्तै । यसलाई नै हामी सङ्कुचन भन्छौँ । क्रिस : अँ , फिलिप एन्डर्सन ठिक पनि हुनसक्छन । तपाईँलाई हरेक चिजको बारेमा अरू कसैलाई भन्दा बढी थाहा छ होला । यो एउटा सम्मानयोग्य कुरा हो । धन्यवाद मुरे गेल- म्यान । ( ताली )

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(src)="1"> पिछले डेढ़ साल से , पुश पॉप प्रेष में मेरी टीम और चार्ली मेलचेर और मेलचेर मीडिया अल गोर की किताब " आर चॉइस " को पहली पूरी लंबाई की इंटरैक्टिव किताब बनाने का कार्य कर रहे थे | ये " एन इंकोंवेनिएंट ट्रुथ " के बाद उनकी अगली किताब है और ये उनसभी समाधानों का पड़ताल करती है जो की जलवायु के संकट का समाधान कर सके । ये किताब ऐसे शुरू होती है । ये उसका मुख्यपृष्ठ है । जैसे ग्लोब घूमता है , हम अपना स्थान देख सकते हैं । फिर हम किताब खोल सकते हैं और किताब को देखने के लिए इस तरह अध्यायों से जा सकते हैं | या हम नीचे से पन्ने पलट सकते हैं । और अगर हम किसी पृष्ठ को बड़ा कर के देखना चहते हैं , तो हम उसे बढ़ा सकते हैं । और जो कुछ भी आप किताब में देखते हैं , उसे आप उसे दो उँगलियों से उठा सकते हैं और पन्ने से बाहर उठा कर खोल सकते हैं । और अगर आप वापस जाकर किताब को दुबारा पढ़ना चाहते हैं , तो आप उसे मोड़ कर पन्ने पर वापस रख सकते हैं । तो फिर ये इसी तरह से काम करता है ; आप इसे उठा कर खोलते हैं । ( ऑडियो ) अल गोर : मैं अपने आप को उन बहुसंख्यकों में समझता हूँ जो पवन चक्कियों को देख कर यह महसूस करते हैं की वे परिदृश्य में एक सुंदर सुधार हैं । माइक मतस : तो इस तरह पूरी किताब में , अल गोर आप को अपने साथ लेकर चलेंगे और चित्रों को समझाएँगे । इस फोटो को आप एक इंटरैक्टिव मानचित्र पर देख सकते हैं । इसपर ज़ूम कर के आप देख सकते हैं की ये कहाँ ली गयी है । और पूरी किताब में , एक घंटे से ज्यादा के वृत्तचित्र हैं और इंटरैक्टिव मुद्रचित्रण हैं । तो आप इस वाले को खोल सकते हैं । ( औडियो ) ए जी : लगभग सभी आधुनिक पवन टर्बाइनो का बहुत बड़ा भाग ... एम एम : ये एकदम चलने लगता है । और जब यह चल रहा है , हम पन्ने को वापस कम या ज्यादा कर सकते हैं । और फिल्म चलती रहती है । और हम इसके बाहर निकाल कर लेखा सूची पे जा सकते हैं , और विडियो चलता रहता है । पर इस किताब की सबसे मज़ेदार बात है इसके इंटरैक्टिव सूचना - चित्र ये वाला हवा की संभावनाओ को दर्शाता है पूरे अमरीका में । लेकिन केवल सूचना दिखने की बजाए , हम अपनी उंगली उठा कर भ्रमण कर सकते हैं , और एक एक राज्य को लेकर देख सकते हैं , की वास्तव में हवा की वहाँ क्या संभावना है । यही हम कर सकते हैं भू- ताप ऊर्जा के बारे में और सौर्य ऊर्जा के बारे में ।
(trg)="1"> विगत डेढ बर्ष देखि , पुस पप प्रेस मा मेरो टोली र चार्ली मल्चर तथा मल्चर मिडिया पहिलो पूर्ण लम्वाईको पारस्परिक क्रियात्मक पुस्तक सिर्जनामा काम गरिरहेका छौं|
(trg)="2"> " आवर च्वाइस " भन्ने पुस्तक हो र अल गोर यसका लेखेक हुन | यो " एन इन्कन्भेनियन्ट ट्रुथ " को शिलशिला हो र यसले वातावरणीय विपतलाई हल गर्ने उपायहरूको खोजी गर्छ| किताब यसरी खुल्छ| यो कभर हो| पृथ्वी घुम्दै गर्दा , हामी हाम्रो स्थान देख्न सक्छौं| त्यसपछि हामी किताब खोल्न सक्छौं र पढ्नको लागि पाठहरु पल्टाउन सक्छौं | अथवा , किताबको पानालाई यसरी तलबाट पनि सार्न सकिन्छ| र यदि हामीले कुनै पेजलाई ठूलो पार्न चाह्यौं भने , यसरी खोलिहाल्न सकिन्छ| अनि किताबमा देखिने कुनै पनि कुरा , तपाईं दुई औंलाको सहायताले यसरी पानाबाट उठाएर खोल्न सक्नु हुन्छ| र यदि तपाईं पुन : किताब पढ्न चाहनु हुन्छ भने , यसलाई पट्याएर पहिलेकै पानामा राख्नुस| अनि यसले पनि त्यसरी नै काम गर्छ ; यसरी उठाउनुस र खोल्नुस| ( अडियो ) अल गोर : म आफुलाई त्यस्ता बहुसंख्यक मान्छेहरुको बीचमा पाउँछु जसले वायुघट्टहरू हेरेर ठान्छन कि तिनीहरू हाम्रो प्रकृतिका गहना हुन्| माइक माटास : अनि यो पुरै पुस्तक भरि अल गोरले फोटोहरुको बारेमा बताउदै अघि बढाउने छन् | यो फोटोलाई तपाईंलेपारस्परिक क्रियात्मक नक्शामा पनि हेर्न सक्नु हुन्छ | यसलाई ठूलो पार्नुस र हेर्नुस् कहाँ खिचेको फोटो थियो यो| अनि यो किताब भरिमा एक घण्टा भन्दा बढिको वृतचित्र का टुक्राहरु र पारस्परिक क्रियात्मक एनिमेशन छ| तपाईं यसलाई खोल्न सक्नु हुन्छ| ( अडियो ) अल गोर : धेरैजसो आधुनिक हावाले चल्ने घट्टहरूले ठूलो ... माइक : यो तुरुन्त बज्न सुरु गर्छ| अनि यो बज्दै गर्दा , यसलाई उठाएर यहाँ पेजको माथि यसरी राख्न सकिन्छ , र यो चाहिं यसरी नै चलिरहन्छ| अथवा यस्लाई हामी सानो पारेर यहाँ तल विषय सुचीमा पनि राख्न सकिन्छ , फेरि पनि भिडियो चली नै रहन्छ| तर यो किताबका सबैभन्दा राम्रा पक्षहरुमा पारस्परिक क्रियात्मक तथ्यांक- चित्र पर्छन| यसले अमेरिका भरि वायु उर्जा क्षमता कति छ भन्ने देखाउछ| तर मात्र जानकारी दिनुको अतिरिक्त हामीले औंलाको सहायताले अरु कुरा खोज्न सक्छौं , र हरेक राज्यमा ठ्याक्कै वायु उर्जाको क्षमता कति छ हेर्न सक्छौं| हामी जियोथर्मल उर्जा र सौर्य उर्जाको बारेमा थाहा पाउन पनि त्यस्तै गर्न सक्छौं|

(src)="2"> ये मेरा पसंदीदा है । तो यह दिखाता है ...
(trg)="3"> यो मेरो एकदम मन पर्ने कुरा हो| यसले देखाउछ ...

(src)="3"> ( हंसी ) ( तालिया ) जब हवा चलती है , पवन चक्की से आने वाली अतिरिक्त ऊर्जा को बैटरि में भेजा जाता है । और जैसे ही हवा कम होने लगती है , तो अतिरिक्त ऊर्जा वापस घर के अंदर भेज दी जाती है -- तो बत्तियाँ कभी बंद नहीं होती । और यह पूरी किताब केवल आई पैड पर ही नहीं चलती । ये आइ फोन पर भी चलती है । और तो आप इसे एक कमरे में अपने आई पैड पर पढना शुरू कर सकते हैं और आई फोन पर वहीं से पढना शुरू कर सकते हैं जहां छोड़ा था । और यह बिलकुल उसी तरह काम करती है । आप किसी भी पृष्ठ को दबा सकते हैं । इसे खोल सकते हैं ।
(trg)="4"> ( हाँसो ) ( ताली ) जब हावा चल्छ , वायु घट्ट बाट भएर आएको थप उर्जा ब्याट्रीमा जान्छ| अनि जब हावा सुस्त हुदै जान्छ , उक्त थप उर्जा घरभित्र जान्छ -- बत्तीहरू कहिल्यै निभ्दैनन| अनि यो पुरा किताब , आइप्याडमा मात्र होइन , आइफोनमा पनि चल्छ| यसरी तपाईं बैठक कोठामा बसेर आइप्याडमा पढ्न सुरु गर्न सक्नु हुन्छ अनि आइफोनमा पढेर जहाँ छोड्नु भएको थियो त्यहीबाट अघि बढ्न सक्नु हुन्छ| र दुवैमा ठ्याक्कै त्यसरी नै काम गर्छ| औलाले कुनै पेजलाई समाउन सक्नु हुन्छ| यसलाई खोल्नुस|

(src)="4"> तो यह है पुश पॉप प्रैस का पहला प्रकाशन अल गोर की " आवर चॉइस " । धन्यवाद । ( तालियाँ ) क्रिस एंडर्सन : यह शानदार है । क्या आप प्रकाशक बनना चाहते हैं , या तकनीक का लाइसेंसे देने वाले हैं ? तो इसमे व्यापार कहाँ है ? क्या ये कुछ ऐसा है जो और लोग कर सकते हैं ? एम एम : हाँ , हम एक उपकरण बना रहें है जो प्रकाशकों के लिए इस सामाग्री को बनाना आसान बना देता है । तो मेलचेर की मीडिया टीम , जो पूर्वी तट पर है - और हम पश्चिमी तट पर सॉफ्टवेर बना रहे हैं - जिसमे हमारे उपकरण के द्वारा रोजाना , चित्र और शब्द को इंटरैक्टिव किताब में लाते हैं । सी ए : तो आप इसे सॉफ्टवेर प्रकाशकों को लाइसेन्स करना चाहते हैं ऐसी ही सुंदर पुस्तके बनाने के लिए ?
(trg)="5"> र यो पुस पप प्रेसको पहिलो शिर्षक , अल गोरको " आवर च्वाइस " हो| धन्यबाद| ( ताली ) क्रिस एन्डरसन : त्यो हेर्नलायक छ| तपाईं आफै प्रकाशक बन्न चाहनुहुन्छ या अरुलाई यसको अनुमति दिनुहुन्छ ? यसको व्यावसायिकता के हो ? के यसमा अरुहरुले गर्न सक्ने केही छ ? माइक : हो , हामीहरुले उपकरणहरू निर्माण गरिरहेका छौँ जसले प्रकाशकहरूलाई तत्कालै यी सब सामग्री तयार गर्न सजिलो बनाउछ| त्यसैले मल्चर मिडियाको टोलीले , जो अमेरिकाको पुर्वी भागमा छ -- हामी पश्चिमी भागमा छौं , सफ्टवेयर बनाउँदै -- हाम्रो सामग्री लैजान्छ र , हरेक दिन , चित्र र शब्दमा समावेश गर्छ| एन्डरसन : त्यसोभए तपाईं यो सफ्टवेयरको लाइसेन्स प्रकाशकहरुलाई यस्तै राम्रा किताबहरू बनाउन दिनुहुन्छ ?

(src)="5"> ( एम एम : हाँ ) अच्छा माइक , बहुत बहुत धन्यवाद । एम एम : धन्यवाद । ( सी ए : गुड लक । ) ( तालियाँ )
(trg)="6"> ( माइक : हो| ) ल त माइक , धेरै धेरै धन्यवाद| माइक : धन्यवाद | ( एन्डरसन : शुभ होस् ) ( ताली )

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(src)="1"> मैं आज आपसे कुछ कहना चाहता हूँ जो उन महानतम साहसिक कार्यो में से एक है जिसे मनुष्य जाति ने प्रारम्भ किया , वह जिज्ञासा है ब्रह्माण्ड को समझने की और उसमे हमारी अवस्थिति को जानने की । इस विषय मे मेरी रुचि , और मेरी दिवानगी , अकस्मात घटित हुई । मैने यह पुस्तक खरीदी ,
(trg)="1"> म आज बोल्न चाहान्छु त्यो कुरा जुन मलाइ लाग्छ एक महत्तम साहसिक कार्य हो जुन मनुष्यहरुले प्रारम्भन गरेकाछन् , ब्रह्माण्ड बुझ्ने अन्वेषण तथा ब्रह्माण्डमा हाम्रो स्थान । यो विषयमा मेरो आफ्नो रुचि , एवं मेरो अनुरस चाँहि अकस्मात आरम्भ भयो । मैले यो पुस्तको एक प्रति किनेको थिएँ

(src)="2"> " यह ब्रह्माण्ड और डाक्टर आइंस्टाइन " -- वह पतली जिल्द वाली सिएटल की एक पुरानी पुस्तको की की दुकान से थी । उसके कई वर्षो बाद , बैंगलोर में , एक रात मुझे नींद नहीं आ रही थी , तब मैने उस पुस्तक को उठाया , यह सोचते हुए की वह १० मिनेट में मुझे निंद्रा की गोद में पहुंचा देगी । मगर हुआ यह की , मैने आधी रात से सुवह ५ बजे तक एक झटके में उसे पढ डाला । वह मेरे अंदर यह तीव्र भाव छोड़ गई जो उतेजना और आनन्द से भरी हुइ थी ब्रह्माण्ड के विषय में और हमारी अपनी समझने की क्षमता जो आज है । और उस भावना से मैं अभी तक मुक्त नही हो पाया हूँ । वह भावना मेरे लिए कारण बनी अपने पेशे को परिवर्तन करने की -- एक सॉफ्टवेयर इन्जीनीयर से मैं विज्ञान लेखक बन गया -- ताकि मैं विज्ञान के आनन्द में सम्मलित हो सकूँ , तथा औरों को बताने के आनन्द प्राप्त कर सकूँ । इसी भावना ने मुझे अभिप्रेरित भी किया एक अलग प्रकार की तीर्थ यात्रा के लिए , अक्षरसः कहे तो दुनिया के किनारो तक जाना देखने के लिए दुरबीन , अन्वेषणयन्त्र , एवं उपकरण जो लोग बना रहे हैं या बना चुके थें , ब्रह्माण्ड के अन्वेषण के लिए अधिक से अधिक व्यापकता के साथ । यह खोज मुझे चीली जैसी जगह ले गई -- चीली देश की आटाकामा मरुभूमि से -- साइवेरिया तक , भूमिगत खदानों मे , जापान की एल्प पर्वतमाला से उत्तरी अमेरिका तक , अंटार्कटिका तक और फिर दक्षिणी ध्रुव तक । और आज मैं आपसे कुछ बाँटना चाहता हूँ कुछ छाया- चित्र , तथा उन यात्राओं कि कहानियाँ । वस्तुतः पिछले कुछ वर्षो से मैं व्यस्त था उन प्रयासो के अभिलेखन में जो कुछ अति वीर पुरुष एवं महिलाएँ अंजाम तक पहुँचा रहे थे , कभी कभी , अपनी जान पर खेलकर वह दुर्गम एवं कठिनाई भरे स्थानों पर काम कर रहे थें ताकि वह बह्माण्ड से प्राप्त होने वाले सूक्ष्मत्तम संकेतो को ग्रहण कर सके जिससे हम ब्रह्माण्ड को समझ सके । प्रारम्भ में मैं एक वृतखण्ड रेखा चित्र प्रस्तुत करुंगा । विश्वास दिलाना चाहूँगा कि यह एक मात्र रेखा चित्र है पूरे प्रस्तुतीकरण में । लेकिन यह हमारे मानस को ब्रह्माण्ड का विषय समझने कि स्थिति में ले आएगा । भौतिकी के सम्पूर्ण सिद्धान्त जो हमारे पास हैं ठीक ढंग से व्याख्या करते है कि " सामान्य पदार्थ " किसे कहते है -- जिस चीज से हम बने हैं -- और उसकी मात्रा ब्रह्माण्ड मे सिर्फ ४ प्रतिशत हैं । खगोलज्ञ , ब्रह्माण्डज्ञ तथा भौतिकीज्ञ सोचते है कि इस ब्रह्माण्ड में कुछ ऐसा है जिसे वे श्याम ( डार्क ) पदार्थ कहते हैं , उसकी मात्रा ब्रह्माण्ड में २३ प्रतिशत है , और ऐसा कुछ जिसे श्याम ऊर्जा कहते हैं , और जो समय- स्थान की संरचना मे व्याप्त हैं , वह शेष ७३ % मात्रा में है । तो आप इस वृतखण्ड रेखा- चित्र में , ब्रहृमाण्ड के ९६ % हिस्से को आज तक हम खोज रहे हैं , वह अज्ञात एवं हमारी समझ के परे है । और अधिकांश प्रयोग , दुरबीन जो मै देखने गया था वह किसी रुप मे इसी प्रश्न को संबोधन करते हैं , इन दो रहस्यों को , श्याम पदार्थ तथा श्याम उर्जा को । अब मै आपको एक भूमिगत खदान की ओर ले चलता हूँ उत्तरी मिनेसोटा में जहां लोग खोज रहे है उसे जिसे श्याम पदार्थ कहा गया । और उद्देश्य है उस संकेत को पकड़ना जब श्याम पदार्थ का एक कण उनके संसूचक से टकराएगा । और भूमिगत होने का कारण यह है कि , यदि यह प्रयोग पृथ्वी पर किया जाए तो , यह प्रयोग उन संकेतो से गडमड हो जाएगा जो ब्रह्माण्डीय किरणो जैसी चीज के कारण होता है , या फिर वातावरणीय रेडियो विकिरण से , या फिर हमारे शरीर की वजह से । आप मानेंगें नही , लेकिन हमारे शरीर में यथेष्ट रेडियो विकिरण है जो इस प्रयोग में विघ्न डाल सकता है । इस लिए वह भूमि के अन्दर गहरे उतरते है एक प्रकार का वातावरणीय मौन हासिल करने के लिए जिससे वे सुन पाएँगे संसूचको पर श्याम पदार्थ के कण की छोटी सी टकराहट । और मैं एक ऐसा प्रयोग देखने गया , और वास्तव में - इसे देखना न हो पाएगा और उसका कारण है की वहां धुप्प अंधकार है । वह एक बडी गुफा है जिसे खनिको ने त्याग दिया सन १९६० मे खदान छोड़ते समय । और तब भौतिज्ञ यहां आए और इसका प्रयोग करने लगे सन १९८० के साल में पिछली सदी के शुरु मे खनिक यहां मोमवती के प्रकाश में काम करते थें । और आज , आप इस खदान के अन्दर देख सकते है , जो आधा मील भूमि के अन्दर है । यह विश्व की अधिकत्तम गहराइ की भूमिगत प्रयोगशालाओं में से एक है । और , अन्य चीजो के साथ वह यहां श्याम पदार्थ की खोज कर रहे हैं । एक और तरीका है श्याम पदार्थ को खोजने का , जो अप्रत्यक्ष है । यदि श्याम पदार्थ का अस्तित्व हमारे ब्रहृमाण्ड में है , हमारी आकाशगंगा में है , तो उसके कण आपस मे टकराते होंगे और अन्य कणो की रचना करेंगें जिसे हम पहचानते हैं -- वैसा एक है जिसे न्युट्रोनो कहते है । और न्युट्रोनो की आप टोह ले सकते है उस हस्ताक्षर द्धारा जिसे वह छोड जाते है जब वह पानी के अणुकणिकाओं से टकराते हैं । जब न्युट्रोनो पानी के अणुकणिका से टकराता है तो एक तरह का नीला प्रकाश निकलता है , नीले प्रकाश की एक चमक , और इस नीले प्रकाश को देख कर , तो आप अनिवार्य रुप से न्युट्रानो के बारे में कुछ जान पाएगें और फिर , अप्रत्यक्षतः , कुछ श्याम पदार्थ के बारे में जिसमें सम्भवतः इस न्युट्रोनो को सृजन हुआ होगा । लेकिन आपको अत्याधिक परिमाण में पानी की आवश्यकता पडेगी इस प्रयोग के लिए -- आपको आवश्यक पड़ेगी कई करोड़ टन पानी की -- लगभग एक अरब टन पानी -- न्युट्रान को पकड़्ने के लिए किसी भी अवसर को पाने के लिए । इस विश्व में आपको इतना पानी कहाँ मिलेगा - हाँ रुस के पिछवाडे में ऐसा एक भण्डार है । यह बेकाल झील है । यह विश्व की सब से बडी झील है । यह ८०० किलोमीटर लम्बी है । यह ४० से ५० कि . मि . चौडी है कई स्थानों पर , और १- २ कि . मि . गहरी है । और रुस के लोग यहां संसूचको का निर्माण कर रहे हैं और उसे झील की सतह से १ कि . मि . गहरे में डुबाते है ताकि उन्हें नीले प्रकाश के चमक की झलक मिल जाए । और जब मैं वहां पहुँचा तो मैनें यह दृश्य देखा । यह बेकाल झील है साइबेरीयाई ठण्ड के उच्चत्तम बिन्दु पर । यह झील पूरी तरह जमी हुई है । और वह काली बिन्दुओं की पंक्ति जो आप पार्श्व में देख रहे है , वह बर्फ- तम्बू है जहाँ भौतिकीज्ञ काम कर रहे हैं । उन्हें जाड़े में इसलिए काम करना होता है क्योंकि गर्मी और बसन्त ऋतु में काम करने के लिए उनके पास यथेष्ट पैसा नहीं होता है , अगर , वे ऐसा करे तो , उन्हें जहाज और पनडुब्बियों की आवश्यकता होगी । अतः वे जाडे का इन्तजार करते हैं -- जब वह झील पूरी तरह जम जाती है -- और वे इस मीटर चौडाई वाले बर्फ की परत का प्रयोग करते हैं एक प्लेटफारम की तरह , जिस पर अपना बर्फ- तम्बु निर्माण कर वे अपना काम कर सकते है । तो यहाँ रुस के लोग बर्फ पर काम कर रहे हैं साइबेरियाई ठण्ड के उच्चत्तम बिन्दु पर । उन्हें बर्फमें छेद करना पड़ता है , फिर उस ठण्डे , ठण्डे पानी में डूबकी लगाते हैं -- अपने उपकरणो को पकड़ कर बाहर निकालते हैं , आवश्यक मरम्मत सम्भार करने के लिए , बर्फ पिघलने के पूर्व वापस डाल कर बाहर आते । क्योकि ठोस बर्फ का चरण दो महीने ठहरता है और वह दरारों से भरा है । आप कल्पना करें , एक सागर के समान झील है पैरों के नीचे , चलायमान मेरी समझ के परे है कि क्यो वह रुसी नंगी छाती काम कर रहा है , इससे ज्ञात होता है कि वह कितनी मेहनत कर रहा है । और यह , मुट्ठी भर लोग , बीस वर्षो से काम कर रहे है , उन कणों को खोजते जिनका अस्तित्व हो भी सकता है और नहीं भी । और उन्होंने इसमें अपना जीवन समर्पित कर दिया है । केवल एक धारणा के लिए , उन्होने बीस वर्षों में २० करोड़ खर्च किया है । यह बेहद कठोर स्थिति है । वे नगण्य आय- व्यय पर काम कर रहे है । वहां शौचालय के नाम पर भूमि मे छेद है , जो काठ की पटरी से ढकी है । और यह उतनी बुनियादी भर है , लेकिन वे प्रत्येक वर्ष यह करते है । साइबेरिया से ले कर चीली की अटाकामा मरुभूमि तक , देखने के लिए जिसे बहत विशाल दुरवीन कहते हैं । एक बहत विशाल दुरवीन यह एक काम है जो ये खगोलज्ञ करते है -- वे बगैर कल्पनाशीलता के अपनी दुरवीन का नामाकरण करते हैं । मैं आपको एक तथ्य बताता हूं , वह जो अगली की योजना बना रहे हैं । उसे अति विशाल दुरवीन कहते हैं । ( हंसी ) और आप विश्वास नहीं करेंगें , लेकिन इसके बाद वाले का जबरदस्त विशाल दुरवीन कहेंगें । लेकिन जो भी हो , यह इन्जीनियरींग का असाधारण नमूना हैं । वहां चार ८ . २ मीटर की दुरवीनें हैं । और ये दुरबीनें , अन्य चीजों के साथ , उनका प्रयोग इस अध्ययन के लिए हो रहा है कि ब्रह्माण्ड का विस्तार समय के साथ कैसे परिवर्तित हो रहा है । और आप जितना अधिक उसे समझते हैं , उतना ही बेहतर आप समझेंगें श्याम पदार्थ क्या है -- ब्रह्माण्ड जिससे बना -- उस सम्बन्ध में इन्जीनियरींग का एक नमूना जो आपसे कहूँगा इस दुरबीन के बारे में वह दर्पण है । प्रत्येक दर्पण , जो कुल चार हैं , वे एक ही दर्पण के टुकडे से बने हैं , उच्च तकनीकी मृतिका की एक अखण्ड रचना , जिसे इतनी विशुद्धता के साथ घिसा और पालिस किया गया है एक हीं तरीका है उसे समझने का आप कल्पना करें पेरिस शहर का , उसकी उँची अट्टलाकिओं और एफील मिनार के साथ , अगर आप उसे इतनी विशुद्धता के साथ घिसे , आपके पास सिर्फ एक मिलीमिटर उंचाई का उभार बच जाए वैसी घिसाई इन दर्पणों को झेलनी पडी है । ऐसी असाधारण दुरबीनों का समूह । यहां उसका एक अन्य दृश्य । आपको ऐसी दुरबीनें बनानी पड़ती है अटाकामा मरुभूमि जैसी जगह में क्योंकी वह है उँचे स्थान की मरुभुमि । यहां की खुश्क हवा दुरबीनों के लिए अच्छी है , और साथ हीं , बादलों का ढकना पर्वत शिखर के नीचे है जिससे दुरबीनों को लगभग ३०० दिन खुला आकाश मिलता है । अन्ततः , मै आपको अंटार्कटिका लिए चलता हूँ । मैं अपना अधिकत्तम समय विश्व के इस भाग में बिताना चाहता हूँ । यह ब्रह्माण्ड शास्त्र की अन्तिम छोर है । कुछ अत्यन्त विस्मयकारी प्रयोग , कुछ अत्यन्त गहन प्रयोग , यहां अंटार्कटिका में किए जा रहे हैं । मैं वहा लम्बी- अवधि वाले गुब्बारे की उड़ान के अवलोकन के लिए था , जो मूलतः दुरबीन एवं उपकरणो को ले जाता है वायुमण्डल के ऊपरी भाग तक , ऊपरी समतापमण्डल , ४० किलोमिटर ऊपर । और वही जगह है , जहाँ वे अपने प्रयोग करते हैं , और तब उस गुब्बारे , उस अंतरिक्ष उपकरण , को नीचे लाया जाता है । तो हम अंटार्कटिका के रॉस हिम परत पर अवतरण कर रहे हैं । यह एक अमेरिकी सि- १७ खेप विमान है जिसने हमें न्यूज़ीलैण्ड से उडान भराई अंटार्कटिका के मैक्मुर्डो प्रांत की ओर । और यहाँ हम अपने बस में सवार होने की तैयारी में हैं । और मुझे पत्ता नहीं कि आप अंकित अक्षरो को पढ सकते हैं , लेकिन , यहां लिखा है " इभान द टेरीबस " । और यह हमे मैक्मुर्डो ले जा रही है । और यह वह दृश्य है जो मेक्मुर्डो में आपका स्वागत करता है । और आपको अनुमान लगाना कठिन होगा यहां की कुटिया के सम्बन्ध में । यह कुटीया रोबर्ट मैलकन और उनके आदमियों द्वारा बनाई गई थी जब वह पहली बार अंटार्कटिका आए थे दक्षिण ध्रुब की ओर जाने वाले उनके प्रथम अभियान में । क्योंकि यहाँ इतनी ठण्डी है , कुटीया की सभी वस्तुएं बिल्कुल वैसे ही हैं , जैसा उन्होनें छोड़ी थी , उनके द्वारा बनाए गए अंतिम भोजन का अवशेष भी अभी तक वहां पडा है यह असाधारण स्थान है । मैक्मुर्डो यही है । ग्रीष्म ऋतु में यहां करीब हजार लोग काम करते हैं , और सर्दी मे तकरीबन 200 जब यहां पूर्ण अन्धकार होता है , छः महीने के लिए । मैं यहां उड़ान देखने के लिए आया था इस विशेष प्रकार के उपकरण की यह एक अन्तरिक्ष किरण सम्बन्धी प्रयोग है जिसे उच्चतर समतापमण्डल मे प्रक्षेपित किया गया है ४० किलोमिटर की ऊँचाई पर । मैं आपको कल्पना कराना चाहता हूँ की इसका भार 2 टन है । और आप एक गुब्बारे का प्रयोग कर रहे हैं दो सौ टन भार वहन के लिए वह भी 40 किलोमीटर की ऊँचाई तक । इंजीनीयर , तकनीशियन , भौतिकीज्ञगण सभी को रॉस हिम परत पर एकत्र होना पड़ता है क्योंकि यह अंटार्कटिका है -- मै कारणो मे नही जाऊँगा -- लेकिन यह गुब्बारों की उड़ान के लिए सर्वाधिक अनुकुल स्थान है , सर्दी के मौसम के अतिरिक्त । मौसम , जैसा की आप कल्पना कर सकते हैं , यह ग्रीष्म ऋतु है , और आप 200 फीट बर्फ पर खडे हैं । और पीछे एक ज्वालामुखी है , उसके शिखर पर हिमनदीयां हैं । उनको क्या करना है कि उस गुब्बारे के सभी पुर्जो को आपस मे जोड़ना है -- कपडा , अवतरण छतरी तथा अन्य सभी सामाग्री -- बर्फ पर और फिर उसमें हिलीयम भरना । इस प्रक्रिया में करीब 2 घण्टे लगते हैं । और जब वे पुर्जो को जोड़ रहे होते है तब मौसम बदल सकता हैं उदाहरणस्वरूप , यहां वह पीछे की और गुब्बारे के कपडे को बिछा रहे हैं , जिसमे अन्ततः हीलियम भरा जाएगा । वो जो दो ट्रक आप सबसे अंत मे देख रहे हैं वह प्रत्येक 12 टंकी संकुचित हिलीयम का भार लिए हुए है । अब , यदि उडान से पूर्व मौसम परिवर्तन हो जाए तो , उन्हें सब कुछ वापस बक्सो मे डालना होगा और वापस मैक्मुर्डो स्टेशन ले जाना होगा । और यह खास गुब्बारा , क्योंकि इसे 2 टन भार वहन के साथ उडान भरनी है , एक अत्यंत विशाल गुब्बारा है । इसके कपडे मात्र का वजन 2 टन है । भार घटाने के लिए , यह बेहद पतला है , भोजन लपेटने वाले कागज जितना पतला । और यदि उन्हें इसे वापस गठरी बनानी पडे , उन्हे वापस बक्सो मे डालना होगा और पतर चढानी होगी ताकि वह बक्सो मे ठीक से बैठ जाए -- अपवाद यह है कि , जब यह प्रथम बार किया गया , यह टेक्सास राज्य मे किया जाना था । यहां , उन जूत्तो को पहन कर नहीं किया जा सकता जो वे पहने हैं , अतः उन्हे जूत्ते निकालने पड़ते हैं , इतनी ठंड में नंगे पैर बक्सो मे उतरना होता है और इस प्रकार का काम करना पड़ता है । ऐसी निष्ठा है इन व्यक्तियों में । यहां गुब्बारे मे हीलियम भरा जा रहा है , इस भव्य द्दश्य को आप देख सकते हैं । यह है वह द्दश्य जहां से आप गुब्बारे को उसके भार के साथ शुरु से अंत तक देख सकते हैं । तो दायीं तरफ गुब्बारे मे हिलियम भरी जा रही है , और वह कपडा बिल्कुल मध्य तक फैला है जहां इलेक्ट्रोनिक सामाग्री तथा विस्फोटक रखे हैं अवतरण छतरी से जोडी जा रही है , और वह अवतरण छतरी भार के साथ जोडी जा रही है । और स्मरण रहे , सम्पूर्ण तारो को जोडा जा रहा है लोगो द्वारा चरम ठंड मे , शून्य से नीचे के तापक्रम में । वे खुद 15 किलो के वस्त्र पहने हैं , और यह सब करने के लिए उन्हे अपने पंजे उतारने पड़ते हैं । और मै आपको सहभागी बनाउंगा एक उडान के अनुभव में ( चलचित्र ) आकाशवाणी : ठीक है , गुब्बारा छोड़ो , गुब्बारा छोड़ो , गुब्बारा छोड़ो ।
(trg)="2"> " ब्रह्माण्ड तथा विद्वान् आइन्स्टाइन् " — सिएटल्को पूर्व प्रयुक्‍त पुस्तकापणमा किनिएको एक प्रयुक्त पत्रावरणबद्ध पुस्तक केहि वर्ष पछि , बॆंगळूरु नगरमा मलाइ निद्रा लाग्न गाह्रो भिइ रहेको थियो , र मैले यो पुस्तक पढ्न थाले किनकी यस्ले मलाइ १० मिनेट् मै निद्रामा पुर्‍याउँछ भनेर । तर के भयो भन्दा , मैले यो पुस्तक मध्यरात देखि बिहानको पाँच बजे सम्म लगातार पढेर एक पटक मै सकेँ । अनि ममा यो तीव्र भावना आयो सश्रद्ध उत्तेजना तथा आनन्दको भावना ब्रह्माण्डका निम्ति र हाम्रो बुझ्ने क्षमता का निम्ति । र आज सम्म पनि मलाइ त्यो भावनाले छोडेको छैन । त्यो भावना नै थियो मेरा निम्ति आरम्भक जसले गर्दा मैले आफ्नो पेशा परिवर्तन गरेँ -- प्रक्रियासामग्री अभियन्त्रक बाट विज्ञान लेखक -- यस अर्थले की म विज्ञानको हर्षमा सम्मिलित हुनसकु र अरुलाइ सम्प्रेषण गर्नुको हर्ष । एवं त्यो भावनाले मलाई तीर्थयात्रा झै पृथिवीका स्वरुपतया शेषहरुमा लग्यो हेर्न ती दूरदर्शकहरु , संसूचकहरु , उपकरणहरु जुन मनुष्यहरु निर्माण गरेँ अथवा गर्दैछन् यस अर्थ की हाम्ले विश्वब्रह्माण्डलाई अनुसन्धान गर्न उच्चतर तथा उच्चतर विस्तारमा । चिलीदेश आदि स्थान देखि -- चिलीदेशको आटाकामा मरुभूमिदेखि -- साइबेरिया सम्म , भूमिगत खानिहरु सम्म , जापानी एल्पस् पर्वतमालामा , उत्तरी अमेरिकामा , देखि अण्टार्क्टिकासम्मै र दक्षिण ध्रुवमा पनि । र आज म तपाँइँहरुको समक्ष बाँड्न चाहाँन्छु केहि छायाचित्रहरु , केहि कथाहरु यस यात्राका मूलतः मैले गएका केहि वर्षहरु यी प्रयासहरुलाइ प्रलेखन गरेँ ती अति वीर पुरुष स्रीहरुको जो यी प्रयासहरुका निमित्त साँच्चै नै कुनै कालला , आफ्नो प्राण कै बाजि राख्छन् अति दूरस्थ तथा अति शत्रुतापूर्ण स्थानमा कर्म गर्छन् यस प्रयोजनका निम्ति की तिनीहरुले ब्रह्माण्डबाट आएको मधुरो सङ्केतलाइ सङ्ग्रह गर्न सकुन हामलाइ ब्रह्माण्ड बुझ्नका निम्ति । सर्वप्रथम म एक वृत्तखण्ड रेखाचित्रबाट । र म प्रतिज्ञा गर्छु की यो एक मात्र वृत्तखण्ड रेखाचित्र हुनेछ यो सम्पूर्ण प्रस्तुति भरि । किन्तु यसले ब्रह्माण्डबारे रहेको हाम्रो ज्ञानको अवस्था दर्शाउँछ । हामी सँग आज भौतिकशास्त्रमा भएका समस्त सिद्धान्तहरुले सामान्य पदार्थलाई यथायोग्य सँग अन्वाख्यान गर्छ -- जुन सामग्रीले हामी बनेका छम् -- त्यो ब्रह्माण्डको चार प्रतिशत मात्रै हो । खगोलज्ञहरु तथा ब्रह्माणडज्ञहरु तथा भौतिकज्ञहरु सोच्छन की की त्यहाँ ब्रह्माणडमा तमो पदार्थ नामक केहि छ जस्ले ब्रह्माण्डको २३ प्रतिशत बनाँउछ , र केहि जस्को नाम तमो ऊर्जा हो , जो दिक्- कालको वस्त्रमा विस्तारित हुन्छ , जस्ले अर्को ७३ प्रतिशत बनाँउछ । त्यसैले , यदि तपाँइँ यो वृत्तखण्ड रेखाचित्रमा हर्नुभयो भने , ९६ प्रतिशत ब्रह्माण्ड , यो अन्वेषणकालमा हाम्रा निम्ति , अज्ञात छ अथवा हामी बुझेकै छैनौँ । र अधिकतम प्रयोगहरुमा , मैले जुन दूरदर्शक हेर्न गएँ तीनीहरुले कुनै रूपमा यो प्रश्न सम्बोधन गर्दै छन् , यी द्वि रहस्यहरु , तमो पदार्थ तथा तमो ऊर्जाको । म प्रथम त तपाँइँहरुलाई एक भूमिगत खानिमा उत्तरी मिनेसोटा ( संयुक्त राज्य अमेरिकाको उत्तरी केन्द्रीय राज्य ) मा जनहरु हर्दैछन् तमो पदार्थ नामक केहि तत्त्व । र युक्ति यहाँ के भन्दा , सङ्केतहरु अन्वेषण गरिदैँछ की तमो पदार्थ कणले यिनीहरुको संसूचकमा दिएको ठक्करको सङ्केत । भूमिगत हुनुपर्ने कारणमा चाँहि , यदि तपाँइँले यो प्रयोग भूमण्डलको सतहमा गर्नुभयो भने त्यहि प्रयोग सङ्केतहरुले आप्लावित हुनेछ जसको कारण ब्रह्माण्डीय किरण हिन्छन् , व्यापक विकिरण सक्रियता , र हाम्रै शरीर पनि । तपाँइँलाइ विश्वास न लाग्गला , तर हाम्रै देह पनि यो प्रयोगलाइ भङ्ग गर्न यथेष्ट विकिरणसक्रिय छ । त्यसैले तिनीहरु गभीर खानिहरु भित्र जान्छन् प्राप्त गर्न त्यस्तो वातावरणीय शान्ति जस्ले तीनलाइ सुन्न दिन्छ तमो पदार्थले तिनको संसूचकमा गरेको त्यो सानो ठक्कर । अनि म यी प्रयोगहरु हेर्न गएँ , तथा सत्यता के हो भने -- तपाँइँले केवल केहि मात्र देख्न सक्नुहुन्छ , र सत्यता के हो भने -- तपाँइँले केवल अलि अलि मात्र देख्न सक्नुहुन्छ , यो एक गुहा( गुफा ) हो जुन आखनिकहरुले छोडेका थिए उनीहरुले यो खानि सन् १९६० मा छोडेका हुन् । अनि भौतिकशास्रीहरुले आए र प्रयोग प्रारम्भ गरेँ १९८०को दशकको कुनै कालमा । एवं गएको शताब्दीको प्राथमिक कालमा आखनिकहरु यहाँ कर्म गर्दा स्वरुपतया नै मैनबत्तीमा काम गर्थे । र आज , तपाँइँ देख्नु हुन्छ यस्तो , खानि भित्र , आधि माइल भूमि भित्र । यो संसारकै बृहत्तम भूमिगत प्रयोगशाला हो । र , धेरै कुरा मध्ये , यिनीहुर तमो पदार्थको अन्वेषण गर्दै छन् । तमो पदार्थलाइ अन्वेषण गर्ने अन्य मार्ग पनि छ , परोक्ष रूपले , यदि हाम्रो ब्रह्माण्डमा तमो पदार्थ छन् भने , हाम्रो तारापुञ्जमा , यी पदार्थहरु एकत्र चूर्णीत भएर , अरु हामिलाई जानकारी भएको पदार्थ उत्पादन गर्नुपर्छ -- ती मध्येको एक हुन क्लीवाणुकहरु । अनि क्लीवाणुकहरु चाँहि पता लगाउँने तिनीहरुले छोडेको स्वसङ्केतको द्वारा हो जब तिनीहरुले जलाणुमा ठक्कर दिन्छन् । जब एक क्लीवाणुले एक जलाणुलाई ठक्कर दिन्छ तब एक प्रकारको नील प्रकाशको उत्सर्जन हुन्छ , नीलवर्ण प्रकाशको एक दीप्ति , र यही नील प्रकाश हेरेर , हामी बुझ्न सक्छौँ मूलतः क्लीवाणुहरुको विषयमा केहि अनि , परोक्षरूपमा तमो पदार्थको विषयमा पनि केहि जस्ले क्वीवाणु उत्पादन गरेको हुनसक्छ । परन्तु , अति अति बृहत् परिमाणमा पानी चाँहिन्छ यो गर्नाका निमित्त । दशौ मेगाटन् जल -- लग्भग गिगाटन् जस्ति जल -- क्लीवाणु भेट्ने सम्भावनाका निम्ति । अनि संसारमा कहाँ तेती पानी पाइन्छ त ? शुभम् , रूसीहरु सँग तेस्तो टङ्की त पछाडि आँगन् मै छ । त्यो हो जलाशय बाइकाल । संसारको बृहत्तम ताल हो यो । ८०० किलोमिटर् लामो । ४० देखि ५० किलोमिटर् चौडाई भएको अधिकतम स्थानहरुमा , एक देखि द्वि किलोमिटर् गभीर । अनि रूसीहरुले के गर्दै छन् भने तिनीहरुले यी संसूचकहरु निर्माण गर्दै छन् र जलाशयको सतह भन्दा एक किलोमिटर् जति तल , डुबाउँदै छन् ती संसूचकहरुलाई यस प्रयोजनले की तीनले ती नील प्रकाश दीप्तिहरु हेर्न सकुन । एवं यो चाँहि त्यो दृश्य यो जसले मलाई त्यहाँ स्वागत् गर्यो जब म त्यहाँ पुगेँ । त्यो हो बाइकाल ताल साइबेरियाली शीतकालको शिखरमा । यो जलाशय सम्पूर्णै जमेको छ । र त्यो कालो रेखाका बिन्दुहरु जुन तपाँइँ पृष्ठभूमिमा देख्न सक्नुहुन्छ , त्यो हिम्शिविर हुन् जाँहाँ भौतिकशास्री कर्म गर्दै छन् । शीतकालमै चाँहि किन काम गर्न पर्यो भन्दा किनकी तिनीहरु सँग ग्रीष्मकाल तथा वसन्त ऋतु मा कर्म गर्ने पैसा छैन , जुन , यदि तिनले गर्ने हो भने , तिनीहरुलाइ तिनको कर्म गर्न जलयान तथा अन्तःसागरीयानको आवश्यक पर्छ । त्यसैले तिनीहरु शीतकाल सम्म प्रतीक्षा गर्छन् -- जब जलाशय सम्पूर्णरूपे जमेको हुन्छ -- र तिनीहरुले यहि एक मिटर् बाक्लो हिम् को प्रयोग गर्छन् मञ्चको रूपमा जाँहाँ तिनीहरु आफ्नो शिविर स्थापित गर्छन् एवं स्वकर्म । अतएव , यी रूसीहरुले हिम्‌मा काम गर्दै छन् साइबेरियाली शीतकालको शिखरमा । तिनीहरुलाई हिम्‌मा विवर छिद्रण गर्नु पर्छ , अनि पानी भित्र डुबेर -- चिसो , शीत जल -- उपकरणको प्राप्त गर्न , माथी ल्याउँन , अनि पुनरूद्धार तथा रक्षण गर्न , जुन तिनीहरुले गर्नुपर्छ , पुनः स्व स्थानमा राख्न र बाहिर आँउन हिम् पग्लीनु पूर्व । किनकी त्यो ठोस हिम्‌को चरण द्विमास रहन्छ र चिराहरुले पूर्ण हुन्छ । एवं तपाँइँले कल्पना गर्न सक्नुहुन्छ होला , त्याँहाँ एक समुद्र- समान जलाशय तल चलन गर्दै छ । म अझै पनि बुझ्न सक्दीन यो रूसी पुरूष नग्न छाती लिएर कर्म गर्दै छ , किन्तु यसले यो व्यक्ति कति कठिन कर्म गर्दैछ भनेर जनाउँछ । र यी व्यक्तिहरु , अल्पसङ्ख्यक व्यक्तिहरु २० वर्ष देखि काम गर्दैछन् , अन्वेषण गर्दैछन् ती कणहरुको जस्को अस्तित्व सुनिश्चित छैन । र तिनीहरुले आफ्नो जीवन यो कर्मका निमित्त समर्पित गर्छन । तपाँइँलाइ एउटा चित्रण प्रस्तुत गर्न , तिनीहरुले २० मिलियन २० वर्ष भन्दा बढि । यो अत्यन्तै कठोर अवस्था हो । तीनीहरु अपर्याप्त आयव्ययकमा कर्म गर्छन् । यिनीहरुको शौचालय भनेकै भूमिमा भएको यो छिद्र हो ढाकिएको छ एक काष्ठनिर्मित प्रकोष्ठले । अनि त्यो त प्राथमिक , परन्तु तिनीहरु यो प्रति वर्ष गर्छन् । साइबेरिया देखि हेर्न ती अति विशाल दूरदर्शक नामक उपकरणहरु । अति विशाल दूरदर्शक यी यस्तो सामग्रीलाई खगोलज्ञहरु -- नामाकरण गर्दा अलि कल्पनाशीलता अभाव प्रदर्शन गर्छन् । म एक सत्य भन्न सक्छु , अर्को त्यो उपकरणको नाम बृहत् विशाल दूरदर्शक हुनेछ । ( हास्य ) अनि तपाँइँले विश्वास गर्नुहुन्नहोला , तर यीनले अर्को को नाम चरम बृहत् विशाल दूरदर्शक राख्नेछन् । अपितु , यो अभियान्त्रिकीको असाधारण रचना हो । यी चार ८ . २ मिटर् दूरदर्शक हुन् । अनि दूरदर्शकहरु , अरु विभिन्न कुरा मध्ये , प्रयोग गरिदैछ अध्ययनका निमित्त की कसरी ब्रह्ममाण्डको विस्तारीता समयानुसार परिवर्तन हुदैछ । अनि जति धेरै बुझ्यो , त्यति नै धेरै बुझिन्छ की के हो तमो ऊर्जा -- जसबाट ब्रह्माण्ड बनेको छ -- आखिर के रहेछ त । अनि एक अभियान्त्रिकीको उपकरण जससँग म तपाँइँहरुलाई छोड्न चाँहान्छु यो दूरदर्शक सम्बन्धि चाँहि दर्पण हो । प्रत्येक दर्पण , त्याँहाँ चार वटा छन् , काचका एकै रचनांशले बनेका हुन् , एक उच्च प्रौद्योगि मृत्तिकाको एकीकृत रचनांश , जुनलाई चाँहि घोटेर तथा प्रमार्जक यस्तो परिशुद्धता प्राप्त गरिन्छ की यो बुझ्न उदाहरणका लागि पेरिस जस्तो नगरको लाई कल्पना गरौँ , जाँहाँ त्यसका सम्पूर्ण भवन तथा आईफेल अट्ट , यदि तपाँइँ पेरिस नगरलाई यसरी घोट्नु भयो की परिशुद्धता , यस्तो भयो की एक मिलिमिटर् उच्च पाहाड मात्र रहने छ । त्यस्तो प्रकारको प्रमार्जक खेपेका हुन्छन् यी दर्पणहरु ले । एक असाधारण दूरदर्शकको समुच्चय , याँहाँ छ अर्को दर्शन त्यहिको , यी दूरदर्शकहरु निर्माण गर्नुको कारण कारण की यस्ता स्थान जस्तै आटाकामा मरुभूमि किनकी यो उच्च तुङ्गता मरुभूमि हो । त्याँहाँको शुष्क वायु दूरदर्शका लागि अत्यन्तै राम्रो हुन्छ , अपितु , मेघावरण पनि पर्वत शिखर भन्दा तल हुन्छ जस्ले गर्दा दूरदर्शकलाई लग्भग् ३०० दिन जति स्पष्ट आकाश प्राप्त गर्छन् । परिशेषे , म तपाँइँहरुलाई अण्टार्क्टिका( पृथ्वीको दक्षिणतम महाद्वीप ) मा लान चाँहाँन्छु । म मेरो अधिक समय भूमण्डको यो भागमा विताउँन चाँहाँन्छु । यो ब्रह्ममाण्डको सीमान्त हो । केहि अधिकतम अद्भुत प्रयोगहरु , केहि अधिकतम चरम प्रयोगहरु , अण्टार्क्टिकामा गरिदै छ । दीर्घावधि वायुकुम्भ( बेलुन्) को अपगम( उडान ) हेर्न म त्याँहाँ पुगेको थिएँ , जसले मूलतः दूरदर्शक एवं उपकरणहरुलाई उच्चतर वायुमण्डल सम्म , उच्चतर समतापमण्डल , ४० किलोमिटर् माथि लैजान्छ । अनि त्याँहाँ जाँहाँ तिनीहरुले आफ्नो प्रयोगहरु गर्ने भनेको , अनि त्यसपछि त्यो वायुकुम्भ , नीतभारलाई तल ल्याईन्छ । र यो हामि हौँ अण्टार्क्टिकाको रस् नामक हिम् मञ्चमा । त्यो एक अमेरिकी सी- १७ नामक प्रभार विमान हो जस्ले हामिलाई न्यूजील्याण्ड्देशबाट अण्टार्क्टिकाको म्याक्मर्डोमा ल्याई पुर्यायो । अब हामि बस् चढ्न लाग्दैछौँ । र मलाई थाहा छैन यदि तपाँइँ अक्षर पढ्न सक्नुहुन्छ वा हुन्न , तर के लेखियो छ भने , " इवान , भयानक बस् । " अनि यस्ले हामीलाई म्याक्मर्डो पुर्याउँने छ । एवं यो त्यो दृश्य हो जस्ले तपाँइँलाई म्याक्मोर्डोमा स्वागत् गर्नेछ । अनि तपाँइँले त्याँहाँ त्यो गाह्रो गरि देख्नुभएको चाँहि कुटी हो । कुटी जुन रोबर्ट् फाल्कन् स्कट् र उनका व्यक्तिहरुले निर्माण गरेको जब तिनीहरु प्रथम पटक अण्टार्क्टिका आएका थिए तिनीहरुको प्रथम दक्षिण ध्रुव अभियानका लागि । याँहाँ यति शीत( चिसो ) छ कि , कुटीका सम्पूर्ण सामाग्रीहरु जस्तो छोडेको त्यस्तै छन् , यति सम्म की तिनीहरुले पकाएको खानाको अवशेष अझै त्याँहाँ छ । यो असाधारण स्थान हो । म्याक्मोर्डो नै यहि हो । याँहाँ ग्रीष्मकामला अनुमानित हजार जन कर्म गर्छन् , र अनुमाति २०० शीतकालमा जब याँहाँ सम्पूर्णै अन्धकारमय हुन्छ , छ मासको लागि । म याँहाँ आरम्भको लाई थिएँ एक यस्तै विशेष उपकरणको । यो एक अन्तरिक्ष किरण प्रयोग हो जुन उच्चतर समतापमण्डलमा आरम्भ गरियो ४० किलोमिटर्को तुङ्गतामा । म तपाँइँलाई के कल्पना गराउँन चाँहान्छु भने यो द्वि टन् भारको छ । अनि तपाँइँले एक वायुकुम्भ प्रयोग गर्दैहुनुहुन्छ द्वि सय किलोको भार बोक्न त्यो पनि ४० किलोमिटर्को तुङ्गता ( उच्चाई ) सम्म । एवं अभियन्त्रकहरु , प्रविधिज्ञहरु , भौतिकज्ञहरुले रस् हिम् मञ्चमा नै समुच्चयन गर्नु पर्छ , किनकी यो अण्टार्क्टिका -- म कारण सम्म जान्न किन -- तर यो वायुकुम्भ प्रारम्भ गर्ने अधितम अनुकूल स्थान हो , अपक्षयण( मौसम् ) बाहेक । अपक्षयण , तपाँइँ कल्पना गर्न सक्नुहुन्छ , यो ग्रीष्म हो र तपाँइँ २०० फिट्को हिम्‌मा उभ्भिनु भइरहेहो छ । अनि पछाडि छ ज्वालामुखी , जस्को अति शिखरमा हिमनदिहरु छन् । अनि हामीगर्नु पर्ने हे हो भन्दा त्यो कुल वायुकुम्भलाई समुच्चयन गर्ने -- वस्त्र , अवतरण छत्र तथा सर्वसामाग्री -- हिम् मा र त्यसमा हीलियम् भर्ने । यो प्रक्रियालाई अनुमानित द्वि घण्टा लग्छ । र अपक्षयण कुनै बेला पनि हामीले समुच्चयन गर्दा गर्दै परिवर्तन हुनसक्छ । उदाहरणस्वरूप , याँहाँ तिनीहरु वायुकुम्भको वस्त्र तल राख्दै छन् , जस्मा अन्ततः हीलियम् भरिने छ । ति द्वि ट्रकहरु जुन तपाँइँ अति अन्तमा देख्दैहुनुहुन्छ तिनीहरुमध्ये एक एकैले १२ टङ्की सम्पीडित हीलियम् बोक्छन् । अब , यदि प्रारम्भ पूर्व अपक्षयण परिवर्तन भयो भने , तिनीहरुले साँच्चैनै सम्पूर्ण सामाग्रीहरु आफ्नो भाण्डहरुमा राख्नु पर्ने छ र म्याक्मोर्डो प्रेक्षणस्थलमा लानुपर्ने छ । यो विशेष वायुकुम्भ , किनकी यस्ले द्वि टन् भार प्रमोचन गर्नुपर्छ एक विशाल वायुकुम्भ हो । यो वस्त्रमात्रै भारमा द्वि टन् छ । भार घटाउँनका निम्ति , यो यति अतिकृश हुन्छ की खाना भेर्ने आवेष्टन जति कृश । र तिनीहरुले त्यस्लाई पुनः सवेष्‍टन गर्नुपर्नेछ । अनि भाण्डमा राख्नुपर्नेछ । अनि भाण्ड भित्र अटोस् भन्ने हेतुले त्यस माथि सम्पीडिन गर्नपर्नेछ -- अपवाद के छ भने , तिनीहरुले प्रथम पटक गर्दा , टेक्सस् राज्यमा गरेकाहुन्थे । याँहाँ , तिनीहरुले जुन प्रकारको जुत्तालाएका छन् त्यसले त्यो गर्न मिल्दैन , त्यसैले तिनीहरुले आफ्नो जुत्ता फुकाल्नु पर्छ , र भाण्डलाई नाङ्गो खुट्टाले थिच्चनुपर्छ यो शीतकालमा र त्यस्तो कर्म गर्छन् । त्यस्तो निष्ठा छ यी व्यक्तिहरुमा । याँहाँ वायुकुम्भ हीलियम् ले भरिँदैछ , र तपाँइँ देख्न सक्नु हुन्छ यो भव्य दृश्य छ । याँहाँ छ त्यो दृश्य जब वायुकुम्भ तथा भारयोग शेष- सरासरि छन् । अनि त्यो वायुकुम्भ वाम्- हस्त पक्षमा हीलियम्ले भरिदै छ , र त्यो वस्त्र साँच्चैनै मध्य भाग सम्म पुग्छ जाँहाँ वैद्युतुपकरणहरु तथा विस्फोटकहरु अवतरण छत्रमा जोडिदै छन् , तथा त्यो अवतरण- छत्र चाँहि भारयोगमा जोडिन्छ । अनि स्मरण रहोस् , यो सम्पूर्णै तार स्थापन गरिदैछ त्यस्तो चरम शीतमा उपशून्य तापमानमा , ती व्यक्तिहरुबाट । तिनीहरु आफै १५ किलो भारको परिधान लगाएका छन् , तर तिनीहरुलाई आफ्नो पञ्जा फुकालेर कर्म गर्नुपर्छ । र म तपाँइँहरु सँग एक प्रारम्भन बाँड्न चाहान्छु , ( चलदृश्ये ) दूरश्रवण - हुन्छ , वायुकुम्भ मुक्त गर , कुम्भ मुक्त गर , कुम्भ मुक्त गर ।

(src)="3"> अनिल अनंथस्वामी : और अंततः दो दृश्य आपके समक्ष रखना चाहूँगा । यह हिमालय मे स्थित एक वेधशाला है , भारत के लद्दाख में एक चीज की ओर आप देखिए उपर बांयी तरफ एक दुरबीन है और बिल्कुल दायीं तरफ वहां एक ४०० वर्ष प्राचीन बौद्ध विहार है । बौद्ध विहार के एकदम समीप का दृश्‍य है यह । मै विस्मित हो गया यह निकटता देख कर मानव जाति की दो विपुल विधाओ के बीच एक बाह्य अंतरिक्ष मे खोज रही है , और दूसरी हमारे भीतर के अस्तित्व को और दोनो को एक प्रकार का मौन चाहिए और मुझे इसने विस्मित किया कि प्रत्येक स्थान में जहाँ मै दुरबीन देखने गया , खगोलज्ञ तथा ब्रह्माणडज्ञ विशेष प्रकार का मौन खोज रहे है , चाहे वह विकिरण प्रदूषण से मौन हीं क्यो न हो अथवा प्रकाश प्रदूषण से या जिस किसी से । यह सुस्पष्ट था यदि पृथ्वी पर इन मौनता वाले स्थानो को हम नष्ट कर देंगे तो , हमे ऐसे ग्रह पर रहना होगा जहां हमारे पास बाह्य पक्ष को देखने की क्षमता न होगी , क्योंकि हम बाह्य अन्तरिक्ष से आने वाले संकेतो को नहीं समझ पाएँगे । धन्यवाद । ( तालियाँ )
(trg)="3"> अनिल अनाथस्वामि - परिशेषे म तपाँइँहरुलाई द्वि चित्रसँगै छोड्न चाहान्छु । यो भारतको लदाक् हिमाली क्षेत्रास्वथित एक वेधशाला हो । अनि एउटा कुरा म तपाँइँले हर्नुहोला की याँहाँ वामेतर हस्त पक्षमा एक दूरदर्शक । तथा दूर वामे त्याँहाँ एक ४०० वर्ष प्राचीन बौद्ध विहार छ । बौद्ध विहारको समीप दृश्‍य हो यो । म विस्मित भएँ यो सन्निधि देखेर सन्निधि ती मानवतासँग भएकस द्वि प्रकाण्ड विद्याहरु देखेर । एकले बाह्य विश्वब्रह्माण्ड समन्वेषण गर्दै छ , एवं अर्कोले हाम्रो भित्री स्वयमस्तित्व समन्वेषण गर्दै छ । र दुवैलाई आवश्यक छ शान्ति कुनै प्रकारको भए नी । अनि के ले विस्मित पार्यो भन्दा प्रत्येक स्थानहरु जाँहाँ म दूरदर्शकादि उपकरण हेर्न गएँ , खगोलज्ञहरु तथा ब्रह्माणडज्ञहरु विशेष प्रकारको शान्ति अवेक्षण गर्छन् , चाहे त्यो विकिरण प्रदूषणबाट शान्ति नै किन नहोस् , वा प्रकाश प्रदूषण बाट अथवा आदि जे भए पनि , सुस्पष्ट के छ भने यदि हामीले यी शान्ति क्षेत्रहरु नाश गर्यौँ भने , हामी यस्तो ग्रहमा रहनेछौँ जाँहाँ हामीसँग बाह्यिक पक्ष हेर्ने क्षमता रहने छैन , किनकी हामीले बाह्य अन्तरिक्षबाट आएका सङ्केतहरु बुझ्न सक्नेछैनौँ । धन्यवाद । तालीहरु

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(src)="1"> अब , मैं एक प्रश्न से शुरूआत करना चाहती हूँ : आप को पिछली बार कब " बचकाना " बुलाया गया था ? मेरे जैसे बच्चों के लिए ,
(trg)="1"> म एउटा प्रश्न सोधेर सुरु गर्न चाहन्छु : बिगतमा कहिले तपाइंलाई कसैले " केटौले " भनेर भनेको थियो ? म जस्ता बच्चाहरुको लागि ,

(src)="2"> " बचकाना " कहलाया जाना एक आम बात है . हर बार जब हम नासमझी की मांगें करते हैं , गैरजिम्मेदार व्यवहार दिखाते हैं , या कोई और लक्षण दिखाते हैं आम अमरीकी नागरिक होने के , तब हमें बचकाना कहा जाता है , जो मुझे वाकई परेशान करता है . आखिर , इन घटनाओं पर एक नज़र डालिए : साम्राज्यवाद और उपनिवेशन , विश्व युद्ध , जॉर्ज डब्लू बुश , आप खुद से पूछिए : कौन ज़िम्मेदार है ? वयस्क . अब बच्चों ने क्या किया है ? ऐन फ्रांक ने करोड़ों लोगों का दिल छुआ यहूदियों के विध्वंस के अपने सशक्त वर्णन से , रूबी ब्रिजिस ने अमरीका में पृथकतावाद को ख़त्म करने में मदद की , और अभी हाल ही में , चार्ली सिम्पसन ने अपने प्रयत्न से हैती के लिए १२० हज़ार पौंड जुटाए अपनी छोटी सी साइकिल पर . तो , जैसा कि आप इन उदाहरनों से देख सकते हैं , उम्र का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है . जो लक्षण " बचकाना " शब्द संबोधित करता है वे वयस्कों में इतनी बार पाए जाते हैं कि हमें इस उम्र- पक्षपाती शब्द को मिटा ही देना चाहिए जब उस का इस्तेमाल ऐसे व्यवहार के बारे में हो जो गैरजिम्मेदार और नासमझ सोच से जुड़ा है .
(src)="3"> ( तालियाँ ) धन्यवाद . लेकिन फिर , कौन कह सकता है कि कुछ प्रकार की नासमझ सोच ऐसी है , जिसकी दुनिया को ज़रुरत है ? शायद आपने भी कभी बड़ी भारी योजनायें बनाई होंगी , पर अपने आपको यह सोच कर रोक लिया होगा , कि यह तो नामुमकिन है या बहुत मंहगा है या इससे मेरा कुछ फायदा नहीं होगा . अब अच्छी बात हो या बुरी , हम बच्चे इतनी उलझन में नहीं पड़ते जब किसी चीज़ को करने के बारे में सोचना हो . बच्चे प्रेरणात्मक महत्वाकांक्षाओं से भरे होते हैं और आशाजनक सोच से भी . जैसे मेरी यह इच्छा कि कोई भूखा न रहे या फिर सब चीज़ें मुफ्त होने का ख्याली पुलाव . आप में से कितने लोग अभी भी ऐसे सपने देखते हैं और उनकी संभावनाओं में विश्वास करते हैं ? कभी कभी इतिहास की जानकारी और आदर्शवादी ख्यालों की पुरानी असफलताएं एक बोझ बन सकती हैं क्योंकि आप जानते हैं कि अगर सब कुछ मुफ्त होता , तो खाने के भण्डार खाली हो जाते , अभाव हो जाता और खलबली मच जाती . मगर दूसरी तरफ , हम बच्चे अभी भी पूर्णता की कल्पना कर सकते हैं . और यह अच्छी बात है क्योंकि किसी चीज़ को वास्तविक बनाने के लिए , पहले आपको उसके बारे में कल्पना करनी पड़ती है . कई प्रकार से , हमारी कल्पना की धृष्टता संभावना की सीमाओं को आगे बढाती है . जैसे , तकोमा , वॉशिंगटन में जो शीशे का संग्रहालय है , मेरा राज्य , वॉशिंगटन , क्या कहने -- ( तालियाँ ) उसमें एक प्रोग्राम है जिसका नाम है ´बच्चे शीशे के डिज़ाइन बनाएं´ और उसमें बच्चे शीशे की कला के बारे में अपनी कल्पनाएँ बनाते हैं अब , वहां के स्थानीय कलाकार ने कहा कि उसे इस प्रोग्राम के द्वारा अपने बेहतरीन ख़याल मिले हैं क्योंकि बच्चे उन पाबंदियों के बारे में नहीं सोचते कि शीशे को कुछ आकृतियों में ढालना कितना मुश्किल हो सकता है . वे तो सिर्फ अच्छे विचारों के बारे में सोचते हैं . अब , जब आप शीशे के बारे में सोचते हैं , तब हो सकता है कि आप रंग- बिरंगे चिहुली डिजाइनों के बारे में सोचें या शायद इटली के फूलदानों के बारे में , पर बच्चे शीशे के कलाकारों को इसके परे जाने की चुनौती देते हैं -- टूटे- दिल वाले साँपों के क्षेत्र में और बेकन बौय्ज़ के क्षेत्र में , जिनका स्वप्न मांस से जुड़ा हुआ है .
(src)="4"> ( हंसी ) अब , यह ज़रूरी नहीं है कि हमारी स्वाभाविक बुद्धिमत्ता अंदरूनी जानकारी से ही निकले . बच्चे वैसे भी बड़ों से बहुत कुछ सीखते हैं , पर हमारे पास बांटने के लिए भी बहुत कुछ है . मुझे लगता है कि बड़ों को बच्चों से सीखना शुरू कर देना चाहिए . अब मैं अधिकतर शिक्षा से जुड़े लोगों के सामने बोलती हूँ , शिक्षक और छात्र , और मुझे यह उपमा पसंद है . कक्षा में सिर्फ एक शिक्षक को ही नहीं होना चाहिए जो छात्रों को बताता रहे ऐसे करो , वैसे करो बल्कि छात्रों को भी अपने शिक्षक को पढ़ाना चाहिए . बड़ों और बच्चों के बीच में ज्ञान का लेन- देन दो- तरफा होना चाहिए . दुर्भाग्य से , वास्तविकता थोड़ी अलग है , और इसका सम्बन्ध विश्वास से , या उसकी कमी से है . अब , अगर आप किसी पर विश्वास नहीं करते , तो आप उस पर प्रतिबन्ध लगाते हैं , है न ? अगर मुझे अपनी बड़ी बहिन की क्षमता पर भरोसा नहीं है कि वह वो १० प्रतिशत सूद वापस दे पाएगी जो मैंने उसके पिछले क़र्ज़ पर लगाया था , तो मैं उसकी मेरे से और पैसा लेने की क्षमता पर रोक लगाऊँगी जब तक वो अपना क़र्ज़ नहीं चुका देती .
(trg)="2"> " केटौले " त धेरै पटक भनि रहिने कुरा हो| हामी जुनसुकै बेला , जस्तो कि हामि कुनै अविवेकी माग गरिराखेका हुन्छौं , गैरजिम्वेवार व्यवहार प्रस्तुत गरि राखेका हुन्छौं , अथवा त्यस्तै कुनै व्यवहार प्रस्तुत गर्छौ जुन कुनै सामान्य अमेरिकी नागरिकले गरि राखेको हुन्छ , हामीलाई केटौले नै भनिन्छ , ति कुराले मलाई साच्ची नै चित्त दुख्छ | जे भएतापनि , लौ यी बिगतका घटनाक्रम लाई अवलोकन गरौ : विस्तारवाद र उपनिवेश विश्व युद्ध , जर्ज डब्लु बुश | आफैलाई सोधी हेर्नुस : को चाही जिम्मेवार छन् ? बयस्कहरु | बच्चाहरुले चाहिँ के गरे त ? एन्नी फ्र्यांक ले होलोकास्टको प्रख्यात डायरी लेखेर करोडौ को मन जितिन , रुबी बिर्जेस ले अमेरिकामा रहेको विभेदलाई चिर्न मद्दत गरिन , र , अहिले भर्खरै , चार्ली सिम्प्सनले हाइटी को लागि १, २०, ००० चन्दा संकलन गर्न सहयोग गरे , उनको सानो साइकल चलाएर| त्यसैले , तपाईले यी साना उदाहरणबाट देख्न सक्नुहुन्छ कि , उमेर ले यस्ता काम हरु गर्न कुनै बन्देज लगाउदैन| केटौले भन्ने शब्द उच्चारण गर्नेहरु को भिडमा बयस्कहरु नै बढी देखिन्छन त्यसैले यो उमेर सँग जोडेर होच्याउने शब्द जुन गैर जिम्मेवारी र विवेकहिन चिन्तन को आलोचना गर्ने बेला प्रयोग गर्ने गरिन्छ , हामीले त्यो हटाउनु पर्छ| ( तालि ) ( धन्यवाद ) अनि फेरी , कसले भन्छ कि केहि त्यस्ता विवेकहिन चिन्तनहरु जुन संसारलाई चाहिदैन भनेर ? सायद तपाइंले पनि निकै ठुलो योजना बुन्नु भएको थियो होला पहिले , अनि तपाईं ले त्यो योजनालाई रोक्नु भो , यो सोचेर कि , त्यो असम्भव छ , अथवा त्यसलाइ धेरै पैसा लाग्छ अथवा त्यसले मलाई फाइदा गर्दैन भनेर| चाहे फाइदा होस् वा बेफाइदा , हामी बालकहरु त्यस्ता कुरा ले धेरै प्रभावित हुदैनौ , जतिबेला हामीले " किन नगर्ने " भन्ने कुराको कारण खोजि गरिरहेका हुन्छौ| बालकहरु उत्प्रेरणा र आशावादी चिन्तनले भरिपूर्ण हुनसक्छन् , कोही पनि भोका नरहुन भन्ने मेरो सोच जस्तै अथवा एउटा रामराज्य मा जस्तै होस् भन्ने मेरो सोच जस्तै| तपाईहरु मध्ये कतिले अझै पनि त्यस्तो सपना देख्नु हुन्छ र त्यसको सम्भावना को बारेमा विश्वास गर्नु हुन्छ ? कुनै कुनै बेला इतिहासको ज्ञान र पुराना रामराज्यको असफलताका कथाहरु अनावश्यक भार हुनसक्छ किनकि तपाईंलाई थाहा छ कि यदि सबै कुरा निशुल्क हुन्थ्यो भने , खाध्य गोदामहरु खाली खाली हुने थिए , अनि अभाव को सिर्जना भएर सबै भताभुङ्ग हुने थियो| अनि अर्कोतिर , हामी बालकहरु सपनाको पुर्णता को आशा गर्छौ| र त्यो राम्रो कुरा पनि हो किनकि कुनै पनि चिजलाई वास्तविक बनाउनको लागि . तपाइंले पहिले त्यसको कल्पना गर्न जरुरी हुन्छ| विभिन्न तवरबाट , कल्पना गर्ने हाम्रो साहसले सम्भावनाको सिमानालाई विस्तारित गर्न मद्दत गर्छ| उदाहरणको लागि , वाशिंगटन , टकोमाको शिशा संग्रालय , मेरो गृहनगर , या -- हु वाशिंगटन --- ( तालि ) मा एउटा ´बालक परिकल्पना कक्षा´ भन्ने कार्यक्रम छ , र बालकहरु शिशाको बास्तुकला आफ्नो तरिकाले कोर्छन| अनि , त्यहाँ का स्थानीय कलाकार ले भनेकी तिनीहरुले केहि उत्कृष्ठ विचारहरु त्यहि कार्यक्रम बाट प्राप्त गरे किनकि बालकहरु त्यस किसिमको सिमितताको बारेमा सोच्दैनन कि शिशालाई ति स्वरूपहरू ढाल्न कति गार्हो हुन्छ भनेर| उनीहरू राम्रा विचारहरु मात्र सोच्दछन्| तर , यदि तपाईं ले शिशा को बारेमा सोच्नु भयो भने चिहुलीले बनाउने जस्तो रंगिन डिजाइनहरु अथवा इटालियन हरुले बनाउने जस्तो डिजाइनहरु सोच्न सक्नुहन्छ , तर बालकहरु शिशाका मूर्तिकारहरुलाई त्यो भन्दा माथि पुग्न चुनौती दिन्छन -- बिछिप्त सर्पहरुको दुनिया र बेकन बनाएर , जसको मांसाहारी सोच त्यहाँ झल्किन्छ | ( हाँसो ) हाम्रो आन्तरिक चेतना आन्तरिक ज्ञान संग मिल्नु पर्छ भन्ने पनि केहि छैन| बालकहरुले बयस्क बाट पहिले नै धेरै कुरा सिकी सकेका हुन्छन , र हामी संग भन्ने कुरा धेरै छन्| र मलाई लाग्छ कि बयस्कहलेरु बालकहरु बाट सिकाई को सुरुवात गर्नु पर्छ| म मेरा धेरै भाषणहरु बौद्धिक जमात को आगाडि गर्ने गर्छु , शिक्षक र विद्यार्थीहरु को अगाडी , र मलाई यो समानता मन पर्छ| कक्षाकोठाको नेता प्रमुख भनेको शिक्षक मात्रै हुनु हुदैन विद्यार्थीलाई यसो गर उसो गर भन्ने| विद्यार्थीले शिक्षकलाई पो पढाउनु पर्छ त | हुर्केकाहरु र बालकहरु बिचमा सिकाइको सम्बन्ध भनेको पारस्परिक हुनु पर्छ| तर वास्तविकता चाहिँ , दुर्भाग्यबस , अलि फरक छ , र यो कुरा विश्वासमा अडेको कुरा हो, अथवा हुनसक्छ विश्वासको कमीमा | यदि तपाईले कसैलाई विश्वास गर्नु हुन्न भन्ने , तपाइंले उसमाथि केहि प्रतिबन्ध लगाउनु हुन्छ , हगि ? यदि मैले अघिल्लो पटक ऋण दिदा मेरो दिदीहरुको १० प्रतिशत ब्याज तिर्ने क्षमता माथि शंका गरेँ भने , मैले मबाट उनले लिन सक्ने सम्भावित रकमको रोक्का गरेर राख्दछु जब सम्म उसले अघिल्लो ऋण तिर्दिन|( हाँसो ) कुरा सत्य हो है , जे भए पनि| त्यसैले बयस्कहरुमा एउटा यस्तो स्वभाव बालकहरुलाई हेला गर्ने स्वभाब -- जरा गाडेर बसेको हुन्छ भन्ने लाग्दछ स्कुलको किताबमा लेखिएको प्रत्येक " त्यो गर्नु हुदैन "

(src)="6"> " ये मत करो " , जो हर स्कूल की पुस्तिका में रहता है , से ले कर स्कूल के इन्टरनेट के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंधों तक . जैसा कि इतिहास बताता है , हुकूमतें तब बहुत कठोर हो जाती हैं जब वे नियंत्रण रखने के बारे में डरी हुई हों . और , हालांकि बड़े अभी उस हद तक नहीं पहुंचे हैं जहां सर्वसत्तावादी हुकूमतें पहुँच चुकी हैं , फिर भी बच्चों को नियम बनाने का बिलकुल नहीं , या बहुत कम , मौका मिलता है जबकि यह रवैय्या दो- तरफा होना चाहिए , मतलब वयस्क जनता को सीखना और समझना चाहिए कि उनकी इच्छाएं क्या हैं -- छोटी उम्र के लोगों की . अब प्रतिबन्ध से भी ज्यादा बुरा है कि बड़े अक्सर बच्चों की योग्यताओं को कम महत्व देते हैं . हमें चुनौतियां पसंद हैं , पर जब अपेक्षाएं कम हों , तो विश्वास कीजिये , हम उनके स्तर तक झुक जायेंगे . मेरे माँ- बाप की अपेक्षाएं कभी कम नहीं रहीं मुझसे और मेरी बहिन से . ठीक है , उन्होनें हमें डॉक्टर बनने के लिए नहीं कहा या वकील या कुछ ऐसा ही , पर मेरे पिताजी हमें पढ़ के सुनाया करते थे अरिस्तोतले के बारे में और अग्रणी रोगाणु- नाशकों के बारे में . जब बहुत से बच्चे सुन रहे थे
(trg)="3"> " यो गर्नु हुदैन " , देखि स्कुलको इन्टरनेट को प्रयोगमा रोक | इतिहासले यो भन्छ कि , सत्ताधारीले जब नियन्त्रण गर्न सकिन्न कि भन्ने ठान्दछ , तब दमनमा उत्रन्छ | यद्दपी बयस्कहरु मा सर्बसत्ताबादी सोच नै त नहोला , तरपनि बच्चाहरुलाइ नियम बनाउने सम्बधमा कत्तिपनि वा एकदमै थोरै बोल्ने अधिकार दिइएको हुन्छ , जबकी यहाँ अभिमत वास्तवमै पारस्परिक हुनु पर्थ्यो , भनाइको अर्थ वयस्कहरुले सानाहरुको चाहनालाई बुझ्नु पर्ने र मनन गरिनु पर्थ्यो | अनि , नियन्त्रण भन्दा दुखलाग्दो कुरा त यो हो कि वयस्कहरु प्राय जसो बच्चाहरुको खुबीलाइ कम आक्दछ्न| हामी चुनौतीहरु मन पराउछौ , तर जब त्यसको फलको आशा कम गरिन्छ , विश्वास गर्नुस , हामी त्यसमै हराउदछौ| मेरो आफ्नै बुवाआमा संग पनि यस्तै कम आशावादिता थियो म र मेरो बहिनीबाट| तेही भएर उनीहरुले हामीलाई कहिले पनि डाक्टर हुनु वकिल हुनु अथवा त्यस्तै खालको केहि हुनु भनेर भन्नु भएन तर मेरो बुवाले हाम्रो लागि अरस्तु सम्बधि र पायोनिएर जर्म फाइटर्स ( अग्रणी वैज्ञानिक बारेको पुस्तक ) बारेमा सुनाउनु हुन्थ्यो जबकी अरु धेरै बच्चाहरुले

(src)="7"> " बस के पहिये गोल- गोल घूमें " तो वो भी हमने सुना , पर " अग्रणी रोगाणु- नाशक " वाकई उस सबसे कहीं आगे हैं .
(src)="8"> ( हंसी ) मुझे चार साल की उम्र से लिखना पसंद था , और जब मैं ६ की थी तब मेरी माँ ने मुझे मेरा अपना लैपटॉप ला कर दिया , जिसमें माईक्रोसॉफ्ट वर्ड था . धन्यवाद बिल गेटस और धन्यवाद माँ . मैंने तीन सौ से ऊपर छोटी कहानियाँ लिखीं उस छोटे लैपटॉप पर , और मैं उन्हें छपवाना चाहती थी . इस अपरम्परागत इच्छा पर हंसने के बजाय कि एक बच्ची प्रकाशन चाहती है , या एक कहने की बजाय कि रुको , पहले तुम बड़ी हो जाओ , मेरे माँ- बाप ने पूरी तरह सहयोग दिया . कई प्रकाशक इतने सहयोग्यपूर्ण नहीं थे . विडम्बना यह , कि बच्चों के एक बड़े प्रकाशक ने कहा कि वे बच्चों के साथ काम नहीं करते हैं . बच्चों के प्रकाशक बच्चों के साथ काम नहीं करते ? पता नहीं , मुझे लगता है कि आप एक बड़े ग्राहक को दूर रख रहे हैं .
(src)="9"> ( हंसी ) अब एक प्रकाशक , ऐक्शन प्रकाशन , यह दूरी कम करने और मुझ पर भरोसा करने को तैयार थे , और सुनना चाहते थे कि मुझे क्या कहना है . उन्होनें मेरी पहली किताब -- " उडती उंगलियाँ " -- छापी -- जो आप यहाँ देख रहे हैं -- और वहां से शुरू हो कर , अब मैं कई सौ स्कूलों में बोलती हूँ , हज़ारों शिक्षकों को भाषण देती हूँ , और आज , आखिर आपसे बात कर रही हूँ . मैं आज आपकी एकाग्रता का आदर करती हूँ , क्योंकि अपनी परवाह दिखाने का एक ही तरीका है कि आप ध्यान से सुनें . पर एक खामी है , इस खुशहाल तस्वीर में कि बच्चे बड़ों से कई गुना बेहतर हैं -- बच्चे बड़े हो कर आप ही की तरह वयस्क बन जाते हैं .
(trg)="4"> " दी व्हील्स अन द बस गो राउण्ड एंड राउण्ड " ( बालगीत ) सुनिरहेका हुन्थे| जे होस् , हामीले त्यो पनि सुनेका थियौ, तर " पायोनिअर जर्म फाइटर " साच्चिकै दामी थियो| ( हाँसो ) मैले चार बर्सको उमेर देखि नै लेख्न मन पराउथे| र जब म ६ बर्सकी भए मेरी आमाले मलाई ल्यापटप किनिदिनु भयो जसमा माइक्रोसफ्ट वर्ड थियो| धन्यवाद बिल गेट्स अनि धन्यवाद आमा | मैले ३०० भन्दा बढी संख्या मा लघुकथाहरु लेखे त्यो सानो ल्यापटप मा , र म त्यसलाई प्रकाशित गर्न चाहन्थे| एउटा बच्चाको प्रकाशित हुन चाहने यो जिद्दी लाई हकार्नु को साटो वा , पख ठुली भएपछि गरौली भन्नुको साटो मेरा बुवाआमा वास्तवमै सहयोगी बन्नुभयो| धेरै प्रकाशकहरु चाही उति सार्हो उत्साहित थिएनन| एउटा ठुलो बच्चाहरुको प्रकाशकले हामी बच्चाहरु संग काम गर्दैनौ भन्ने जस्तो हास्यास्पद कुरा गरे| बच्चाहरुको प्रकाशकले बच्चा संग काम नगर्ने ? लौ तेस्तो कुरा चै थाहा भएन , तर तपाईंले चाही यहाँ ठुलो संख्यामा ग्राहक गुमाई रहनु भएको छ | ( हाँसो ) र , एउटा प्रकाशक , एक्सन पब्लिसिंगले , मलाई विश्वास गर्यो , र त्यो ठेक्का लिने मनसाय देखायो र मेरा आवाज हरु सुन्यो | र तिनीहरुले मेरो पहिलो पुस्तक , " फ्लाईंग फिन्गर्स " प्रकासित गरे -- जुन यहाँ देख्न सकिन्छ --- र त्यस पछि , म सयौ विद्यालयहरुमा बोल्दै हिडें , हज्जारौ शिक्षाविदहरुसंग को अगाडी प्रमुख वक्ताको रुपमा बोल्दै हिडें , र अहिले , आज , तपाईं हरुको अगाडी बोल्दै छु| म तपाईं हरुको धैर्यताको सराहना गर्दछु , तपाईंहरु बास्तबमै हाम्रो वास्ता गर्नु हुन्छ भन्ने कुरा आज मेरो कुरा सुनेर देखाउनु भएको छ| तर बच्चा हरु वयस्क हरु भन्दा धेरै राम्रो भएको यो आशावादी तश्विरमा एउटा समस्या चाही छ| बच्चा हरु हुर्कन्छन र केवल तपाईंहरु जस्तै वयस्क बन्दछन| ( हाँसो ) केवल तपाईं जस्तै , हो र भन्या ? यहाँ उदेश्य चाही बच्चाहरुलाई तपाईहरु जस्तो वयस्क बनाउनु भन्ने चाही होइन , तर तपाईं हरु भन्दा असल वयस्क बनाउनु भन्ने हो जुन अलिकति चुनौतिपुर्ण नै हुन सक्छ तपाईंहरुको क्षमतालाई मध्यनजर राख्दा , तर प्रगति कसरि हुदै जान्छ भने नया पुस्ताहरु र नया समय हरु पुराना भन्दा बृहत्तर र विकसित र एकदमै राम्रो हुदै जान्छ| यहि कारण ले त हामी अहिले ढुंगे युग मा छैनौ नि त| तपाईं जिवनको जस्तोसुकै मोडमा हुनु भएको भए पनि , बच्चाहरु को लागि अवसरको सिर्जना गर्नु अत्यावश्यक छ ताकी हामी यसरी हुर्कन सकौकि तपाईंहरुलाइ कसिंगर सरि उडाइदिन सकौ| ( हाँसो ) वयस्क तथा टेड का मेरा समकालीनहरु , तपाईहरुले बच्चाको कुरा सुन्नु अनि सिक्नु सक्नु पर्छ र हामीलाई विश्वास गर्नुस अनि हामी बाट धेरै आशा गर्नुस तपाईं ले आज यो सुन्ने धैर्यता राख्नु पर्छ , किनकि हामी नै भोलिका नेता हरु हौ , त्यसको अर्थ यो हुन्छ कि भोलि तपाईंहरु बृद्ध र असक्त हुदा तपाईहरुको रेखदेख गर्ने हामी नै हौ | होइन , ठट्टा गर्या के | वास्तवमै , हामीहरु नै भोलिका नया पिढी हौ र जसले भोलिको विश्वलाई आगाडि हाक्नेछ| र , यदि तपाईंलाई यो लाग्छ कि यी कुराले कुनै अर्थ दिदैन , भने भोलि बिखण्डन को स्थिति पनि आउन सक्छ , र त्यसमा फेरी बच्चा हुनु पर्ने अवस्था पनि आउन सक्छ , अनि त्यस बखत तपाईं पनि हाम्रो पुस्ताले जस्तै आफ्ना कुरा सुनियोस भन्ने चाहनुहुन्छ| त्यसैले , आजको विश्वलाई भोलिको नया नेता र नया विचारहरुको लागि अवसरको आवश्यकता छ| बालबालिकाहरुलाई नेतृत्व गर्न र सफल हुन अवसरको आवश्यकता छ| के तपाईं सहयोगको लागि तत्पर हुनुहुन्छ त ? किनकि विश्वका समस्याहरु मानिसको पारिवारिक विरासत हुनु हुदैन| धन्यवाद ( तालि ) धन्यवाद | धन्यवाद |

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(src)="1"> ठीक है .
(src)="2"> ♫सेंट्रल पार्क में टहलते हुए ♫ ♫हर कोई आज बाहर है♫ ♫ दैसिएस और दोग्वूड्स खिले हैं♫ ♫ओह , क्या शानदार दिन है♫ ♫पिकनिक और फ्रिस्बीस और रोलर स्कतेर्स हैं♫ ♫ दोस्तों और प्रेमियों और अकेले धूप सेंकने के लिए♫ ♫हर कोई जनवरी मैं मगन मैनहट्टन में बाहर है♫ ( हँसी ) ( तालियाँ ) ♫मैं बर्फीली चाय लायी हूँ ♫ ♫ क्या आप खटमल स्प्रे लाये ? ♫ ♫ मक्खियां आपके सिर के नाप की हैं♫ ♫ ताड़ के पेड़ के पास हैं♫ ♫ क्या आप ´मगरमच्छ देखा है♫ ♫ खुश और पेट उसका भरा है♫ ♫हर कोई जनवरी मैं मगन मैनहट्टन में बाहर है♫
(trg)="1"> ल ठीक छ । ♫ सेन्ट्रल पार्कमा टहल्दै ♫ ♫ आज सबैजना बाहिर छन ♫ ♫ जताततै सयपत्री र लालुपातेहरू फूलेका छन ♫ ♫ आहा , कस्तो उल्लासमय दिन ♫ ♫ वनभोज र घुच्ची र रोलर स्केटरहरूलाई , ♫ ♫ साथीहरू र प्रेमीहरू र एक्लै घाम ताप्नेहरू ♫ ♫ जनवरीमा उल्लासमय म्यानह्याटनमा सबैजना बाहिर छन ♫ ( ताली ) ♫ मैले बरफीलो चिया ल्याएँ ; ♫ ♫ तिमीले किरा भगाउने औसधि ल्यायौ ? ♫ ♫ झिँगाहरू तिम्रो टाउको जत्रा छन ♫ ♫ नरिवलको रुख पछाडि , ♫ ♫ तिमीले गोहीहरू देख्यौ ♫ ♫ हँसखुस र हृष्टपुष्ट देखिएका ? ♫ ♫ जनवरीमा उल्लासमय म्यानह्याटनमा सबैजना बाहिर छन ♫

(src)="3"> ( सीटी ) सब लोग !
(trg)="2"> ( सिट्ठी ) सबैजना !

(src)="4"> ( सीटी ) ( हंसी ) ♫ मेरे उपदेशक ने कहा♫ ♫ तुम चिंता क्यों करती हो♫ ♫ वैज्ञानिकों को सब गलत पता है♫ ♫ और , किसे परवाह है , जो यहाँ सर्दिया हैं ♫ ♫ और मैंने पहना छोटा टॉप है♫ ♫ और मैंने पहना छोटा टॉप है♫ ♫हर कोई जनवरी मैं मगन मैनहट्टन में बाहर है♫ ( तालियां ) क्रिस एंडरसन : जिल सोबुले !
(trg)="3"> ( सिट्ठी ) ♫ मेरा गुरुले भन्छन , ♫ ♫ तिमीले चिन्ता लिनु पर्दैन ♫ ♫ वैज्ञानिकहरू सबै गलत छन ♫ ♫ र त्यसैले , यहाँ अहिले शर्दी हो भनेर कसलाई मतलव छ ? ♫ ♫ र मैले ह्याल्टर टप लगाएकी छु ♫ ♫ मैले ह्याल्टर टप लगाएकी छु ♫ ♫ जनवरीमा उल्लासमय म्यानह्याटनमा सबैजना बाहिर छन । ♫ ( ताली ) क्रिस एन्डर्सन : जिल सबुल !

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(src)="1"> लिखिए गणितीय व्यंजन जो संगत हो x गुणा y ऋण a गुणा b गुणा c के तो अब शुरू करते हैं " x गुणा y " से तो में लिख सकता हूँ के या में ऐसे भी लिख सकता हूँ की x* y या फिर में लिख सकता सिर्फ xy और फिर इससे में अब घटाऊंगा a गुणा b गुणा c को तो ऋण a गुणा ..... और में इसे लिख सकता हूँ a [ asterisk ] b [ asterisk ] c तो में इसे इस तरीके से लिख सकता हूँ या फिर में सिर्फ ये लिख दूँ की ऋण ( - ) abc और आप देख सकतें हैं की कंप्यूटर इसे कैसे समझने लगा है यहाँ पर यह समझता है की में कह रहा हूँ x गुणा y ऋण a गुणा b गुणा c ( या xy- abc ) और यह पूरा हो गया |
(trg)="1"> समस्या : " एक गणितीय अभिव्यक्ति लेख्नुहोस् जो x पटक y घटा‍‍ऊ एक पटक b पटक c मिल्दोजुल्दो छ । " त्यसैकारणले बस हामी यो विचार गरौं : " x पटक y " म लेख्न सक्छु कि म x × y लेख्न सक्छु या xy म लेख्न सक्छु त्यहाबाट म a पटक b पटक c घटाउछु

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(src)="1"> ॐ नमस्ते , आज के सत्संग में सब का स्वागत है ।
(src)="2"> यह खालीपन ( या शूनयता ) .... यह खालीपन ,
(src)="3"> और अपने होने का अहसास , क्या ये दोनों अलग हैं ?
(trg)="1"> ॐ नमस्ते , स्वागतम॒ यहाँहरू सबैलाई आजको सत्सगँमा यो शुन्यता ... यो शुन्यता , र तिम॒ो " म " भाव , के यो अलग छ ? तिमी ... र शुन्य ... शुन्य शुन्य हो ... के यहाँ ऎउटा " ितमी " छ , जसले शुन्यको अनुभव गरिरहेछ ? के तिमी यो शुन्यमा स्वयंलाई भेटृाउन सक्छौ ? तिमी के हौ ?