कि एक बड़े (सख्त) दिन (क़यामत) में उठाए जाएँगे
घुरवा के दिन हा बहुरे हे


उसी ने उनको (अपना मतलब) बयान करना सिखाया
खूब समझइलथिन ।

और उसको (अच्छी बुरी) दोनों राहें भी दिखा दीं
और हम उठाय के दुईछत्त्वा पे खड़ी कय दिहे

बेवजह नहि रोता इश्क़ में कोई, जिसे खुद से बड़कर, चाहो ओ रुलाता ज़रूर है।
आशीर्वाद देवे वला तो ओकरा कोय नयँ हइ ।

मोनू- हैलो, हैलो गाड़ी नहीं आयी पानी वाली?
मोनू- हैलो, हैलो गाड़ी नहीं आई पानी वाली?

क्योंकि जो हमारे विरोध में नहीं, वह हमारी ओर है।
जब हम ओकर कोई हइए न ही, तब ऊ हम्मर कउन हे ?

बड़ों के आशीर्वाद को कोई अहमियत नही देता॥
आशीर्वाद देवे वला तो ओकरा कोय नयँ हइ ।

आज किसी की ?
कोई हय क्या आज?

4मगर जो तितर-बितर हुए थे, वे सुसमाचार सुनाते हुए फिरे।
से सुगिया दउड़ल नानी टोला पर गेल आउ सब लोग के ई खुसखबरी सुना देलक ।

कि वह किस गुनाह के बदले मारी गयी
एकर मती मारल गेलइ !

हां, चार्ट के नीचे तुलना विवरण।
हाँ, तुलना विवरण के रूप में चार्ट के नीचे।

अभीष्टा कस्यचित्कांता कांतः कस्याश्चिदीप्सितः ।
ई मानूँ कइसनो कुहासा हलइ जे हक्का-बक्का कर देलकइ, ई शैतान के काम हलइ ।

गीतः हम तुम्हारे हैं
Song:- हमार हई तोहार हउ

एक नहीं सौ बार देखिए, सांस्कृतिक उद्धार देखिए,
एक नहीं, सौ बार देखिए, सांस्कृतिक उद्धार देखिए,

कि उस की हत्या किस गुनाह के कारण की गई,
एकर मती मारल गेलइ !

वे इन बातों का कुछ उत्तर न दे सके॥
ऊ बोल नयँ पा रहले हल ।

कि उसकी हत्या किस गुनाह के कारण की गई,
एकर मती मारल गेलइ !

vikram7: चलो आज कुछ नया करें हम
vikram7: चलो आज कुछ नया करे हम

या शहादत के दिन
या छल्ला बनवा ले, शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के

फिर उसके बाद हमने बाक़ी लोगों को ग़रक कर दिया
और हम कि बर्बादियों को जा गले मिले,

जो मेरे ही ख़िलाफ़ मेरा सबूत मागते हैं ।
ई सब हमर दुश्मन लोग के गढ़ल हइ; ई अइसन लोग हइ, जे हमर जान लेवे पर तुल्लल रहऽ हइ ।

(फिर अपने बेहश्त के साथियों से कहेगा)
क्या दर्कार् कहोगे अपनी बे हय नज़रो से तुम्,

जो भजते मुझको वे मम उनमें मम अनुराग।
ई सब हमर दुश्मन लोग के गढ़ल हइ; ई अइसन लोग हइ, जे हमर जान लेवे पर तुल्लल रहऽ हइ ।

न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है ।
गोतिया (सरग में तो दोसरा के देखके जरे ओला, गोतिया के गलावे ओला इन्दर हथ, धरती पर अइसन कोई न रहल जेकरा कोई के देख के जरनी बरे ।

अल्लाह निरपेक्ष (और सर्वाधार) है,
ये लाडका हय अल्लाह

प्रपितामह एवैते नान्दीमुखा भवन्ति ये ॥
आउ हम कइसन बाप हकिअइ !

मुझ पर सवाल उठाने वालों को यह है मेरा जवाब
ई सब हमर दुश्मन लोग के गढ़ल हइ; ई अइसन लोग हइ, जे हमर जान लेवे पर तुल्लल रहऽ हइ ।

हो किस तरह तय ये कि गुनहगार कौन था
एकर मती मारल गेलइ !

केडीई 4 कॉपी संवाद जसे केडीई 3.
केडीई 4 कॉपी संवाद केडीई 3 के रूप में।

और इसमें शक़ नहीं कि ये यक़ीनन बरहक़ है
ई सासवत सच हइ ।

उस ने इस प्रकार की चिट्ठी भी लिखी;
चिट्ठी तो जेनरल के ऊ नयँ लिखलकइ ।

Tag: तेरे है हम तेरे है
Album:- हमार हई तोहार हउ

अदित्य इव तेजस्वी लोककांतः शशी यथा॥
त्यो तेरो भरियो जोवन कईकीलाई साँच्ची हई ।

और हम भोजन और वस्त्र पाकर उसी से सन्तुष्ट रहें।
अइसन खाना से तो हमर दँतवो कार हो जइतइ ।

2परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है* वह भेड़ों का चरवाहा है।
अरे ऊ ग्वाला के गाय हे, जे ओढ़नी ओढ़ा के उहाँ बाँधल हे ।

क्योकि वो वो है और हम हम है।
क्योंकि वो वो है, और हम हम है।

पित्रा निर्वासितश्चाहं न च वेद्म्यथ किंचन ।
आउ हम कइसन बाप हकिअइ !

उदाहरण- वह कहाँ जा रहा है ?
उदाहरण -ऊ काहाँ जा रहले ह ?

तस्माद्गच्छति तं लोकं शशांकस्य विरिंचिजे ।
मानूँ एहे खातिर ओकर घात में लगल हलइ !

"तुम्हे क्या चीज़ सकंर (जहन्नम) में ले आई?
आग में झोंके जैसे तुमको होलई बहिनी ये

ख़ुदा माबूद है सब का, ख़ुदा मौजूद है सब में
ये लाडका हय अल्लाह

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क्योंकी वो वो है और हम हम है।
क्योंकि वो वो है, और हम हम है।

और कब्र से लौटकर उन्होंने उन ग्यारहों को, और अन्य सब को, ये सब बातें कह सुनाई।
से ऊ टोला से आगे बढ़के दोसर टोला के भी बूढ़ी लोग के जुटौलक आउ कहानी कहे लगल ।

या रोज़ाना उसको क़ीमत निस्फ़सा गन्दुम की देते रहे,
या छल्ला बनवा ले, शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के

दूसरा दोस्तः अगले हप्ते, क्यों?
पहला दोस्तः अगले महीने, क्यों?

"कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।
(एक्के साथ) दू मालिक के कोय नयँ सेवा कर सकऽ हइ; काहेकि या तो एगो से नफरत करतइ, आउ दोसरा के प्यार, चाहे एगो लगी समर्पित रहतइ, आउ दोसरा के खियाल नयँ कर पइतइ ।

पित्रा समुद्रदत्ताय दत्ता अहम् वणिजे यतः॥
आउ हम कइसन बाप हकिअइ !

उसी के निकट 'जन्नतुल मावा' (ठिकानेवाली जन्नत) है।
कोई बनावे बागबगीचा,

मछली का नाम क्या है?
ई मछली के की नाम हइ ?