उ दिनन मँ अइसा भवा कि ईसू पराथना करइ बरे एक पहाड़े प गवा अउर सारी राति परमेस्सर क पराथना करइ मँ बिताएस।
12 ओहि समय मे एक दिन यीशु प्रार्थना करबाक लेल पहाड़ पर गेलाह, आ भरि राति परमेश्वर सँ प्रार्थना कयलनि।
31 यह बरे चिंता करत करत इ जिन कहा, 'हम का खाबइ' या 'हम का पिअब' या 'का पहिरब?
"एहि लेल चिन्ता नहि करू जे हम सभ की खायब, की पीब वा की पहिरब।
15 काहेकि अइसी बुद्धि अउर सब्द तोहका मइँ देब कि तोहार कउनो भी बैरी तोहार सामना अउर तोहार खण्डन नाहीं कइ सकी।
15. कारण, अहाँ सभ केँ बजबाक लेल हम तेहन शब्द और बुद्धि देब जे कोनो विरोधी ने तकरा सामने मे टिकि सकत आ ने तकरा काटि सकत।
12 "मुला उ जबाव देत भवा कहेस, "मइँ तोहसे सच सच कहत हउँः मइँ तोहका नाहीं जानत हउँ।
' 12 मुदा वर उत्तर देलथिन, 'हम अहाँ सभ केँ सत्य कहैत छी, हम अहाँ सभ केँ नहि चिन्हैत छी।
9 का उ आपन हुकुम पूरा करइ प का उ सेवक क बिसेस धन्यबाद देत ह नाहीं।
9 जखन नोकर मालिकक कहल करैत छनि, तँ की ओहि लेल मालिक ओकरा धन्यवाद दैत छथिन?
2 अतिथियन क सत्कार करब न भूला, काहे कि अइसेन करत भए कछू लोगन तउ अनजाना मँ ही सरगदूतन क स्वागत सत्कार किहे अहइँ।
2 अनचिन्हारो सभक अतिथि-सत्कार कयनाइ नहि बिसरू, कारण, एहि तरहेँ किछु लोक बिनु जनने स्वर्गदूत सभक सेवा-सत्कार कयने छथि।
 काहेकि अगर मइँ किहींउ अउर भाखा मँ पराथना करउँ तउ मोर आतिमा त पराथना करत रही होत ह मुला मोरे बुद्धि बेकार रहत ह।
14 किएक तँ जँ हम अनजान भाषा मे प्रार्थना करैत छी तँ हमर आत्मा तँ प्रार्थना करैत अछि मुदा हमर बुद्धि कोनो काजक नहि होइत अछि।
21 मइँ तोहका इ बरे नाहीं लिखे अहउँ कि तू पचे सच्चाई क नाहीं जानत अहा, मुला तू पचे तउ ओका जानत अहा।
21 तेँ हम अहाँ सभ केँ एहि लेल नहि लिखि रहल छी जे अहाँ सभ सत्य केँ नहि जनैत छी, बल्कि एहि लेल जे अहाँ सभ सत्य केँ जनिते छी, और इहो जनैत छी जे कोनो झूठ सत्य सँ उत्पन्न नहि होइत अछि।
" 2 जब दूसरी बार मइँ तोहरे साथे रहेउँ मइँ तोहका चेतावनी दिहे रहेउँ अउर अब जब मइँ तोहसे दूर हउँ मइँ तोहका फिन स चेतावनी देत हउँ कि अगर मइँ फिन तोहरे लगे आवउँ त जे जे पाप किहे बाटेन अउर जउन पाप करत अहइँ ओनका अउर शेस दूसरे लोगन क न छोड़बा।
" 2 हम जखन दोसर बेर अहाँ सभक ओतऽ छलहुँ तहिए अहाँ सभ केँ कहलहुँ आ आब जखन अहाँ सभ सँ दूर छी तँ ओहि सभ लोक केँ जे सभ पाप कयलक और आनो लोक सभ केँ फेर कहि दैत छी जे, हम जखन घूमि कऽ आयब तँ ककरो छोड़ब नहि।
12 कउनो दूसर स उद्धार नाहीं अहइ, संसारे मँ अउर दूसर नाउँ नाहीं अहइ जेहसे मानव जाति बचाई जाय सकइ।
' 12 कोनो दोसर व्यक्ति द्वारा उद्धार नहि अछि, कारण स्वर्गक नीचाँ मनुष्य केँ कोनो दोसर नाम नहि देल गेल अछि जाहि द्वारा अपना सभक उद्धार भऽ सकय।
 अगर तीमुथियुस आइ पहुँचइ त धियान रख्या ओका तोहरे साथे कस्ट न होइ काहेकि मोरे समान ही उहउ पर्भू क काम करत बा।
10 जँ तिमुथियुस अबथि तँ हुनकर ध्यान रखबनि जे अहाँ सभक बीच हुनका कोनो प्रकारक भय नहि होनि कारण हमरे जकाँ ओहो प्रभुक काज कऽ रहल छथि।
 एह तरह तू सभन लोग मसीह क देह अहा अउर अलग-अलग रूप मँ ओकर अंग अहा।
27. एही तरहेँ अहाँ सभ मिलि कऽ मसीहक शरीर छी आ अहाँ सभ मे सँ प्रत्येक व्यक्ति तकर एक अंग छी।
अउर इ कहत भएन परमेस्सर क महिमा बखनइ लागेन, "हमरे बीच एक महान नबी परगट भवा अहइ!
ओ सभ परमेश्वरक स्तुति करैत कहऽ लागल, "हमरा सभक बीच मे परमेश्वरक एक पैघ प्रवक्ता आबि गेल छथि!
 हमार चिठ्ठी त तू खुदइ अहा जउन हमरे मने मँ लिखा बाटइ जेका सब जने जानत हीं अउर पढ़त हीं।
2 हमरा सभक पत्र तँ अहीं सभ छी जे हमरा सभक हृदय पर लिखल गेल छी आ जकरा सभ केओ देखि आ पढ़ि सकैत अछि।
2 इ उही सच्चाई क कारण भवा बाटइ जउन हमरे मँ बना रहत ह अउर जउन हमेसा हमरे साथे रही।
2 ई प्रेम ओहि सत्य पर आधारित अछि जे अपना सभ मे रहैत अछि और अपना सभक संग अनन्त काल तक रहत।
 अउर का तू नाहीं जानत अहा कि तोहार सरीर ओह पवित्तर आतिमा क मंदिर अहइ जेका तू परमेस्सर स पाए अहा अउर जेका तू आपन बनाइ क न रख सक्या।
की अहाँ सभ नहि जनैत छी जे अहाँ सभक शरीर परमेश्वरक पवित्र आत्माक मन्दिर अछि, जे आत्मा अहाँ सभ मे वास करैत छथि आ जे अहाँ सभ केँ परमेश्वर सँ प्राप्त भेल छथि?
29. "मोरे भाइयन, मइँ पतिआइके आदि मनई दाऊद क बारे मँ तू पचन्स कहि सकत हउँ कि ओकर मउत होइ गइ अउर ओका माटी दइ दीन्ह गइ।
29. "भाइ लोकनि, हम अहाँ सभ केँ खुलि कऽ कहि सकैत छी जे अपना सभक कुल-पिता दाऊद मरलाह आ गाड़ल गेलाह और हुनकर कबर एखनो कायम अछि।
 अगर केऊँ सोचइ कि उ कछू जानत ह तउ जेका जानइ चाही ओकरे बारे मँ तउ ऊ अबहुँ कछू जनबइ नाहीं करत।
2 जँ केओ अपना बारे मे बुझैत अछि जे हमरा लग ज्ञान अछि तँ ओकरा एखन धरि असली ज्ञान सँ परिचय नहि छैक।
1. जब पिन्तेकुस्त क दिन आवा तउ उ पचे एक ठउर प बटुरा रहेन।
2:1 पेन्तेकुस्त पाबनिक दिन अयला पर सभ विश्वासी एके ठाम जमा छलाह।
 उहइ दिन तू सबेन्ह जानि पउब्या कि मइँ परमपिता मँ अहउँ, तू मोरे अन्दर अहा अउर मइँ तोहरे अन्दर।
20 ओहि दिन अहाँ सभ जानि जायब जे हम पिता मे छी और अहाँ सभ हमरा मे छी, और हम अहाँ सभ मे छी।
29 जदि तू इ जानत अहा कि उ नेक अहइ तउ तू इहइ जान ल्या कि जउन नेकी प चलत ह उ परमेस्सर क सन्तान अहइ।
29 अहाँ सभ जनैत छी जे ओ धार्मिक छथि, तँ इहो जानि लिअ जे, जे केओ धार्मिकताक आचरण करैत अछि, से परमेश्वरक सन्तान अछि।
17 उ पचे ओसे कहेन, "हमरे लगे पाँच ठु रोटी अउर दुइ मछरिन क छोड़िके अउर कछू नाहीं अहइ।
" 17 शिष्य सभ कहलथिन, "हमरा सभ लग, बस, पाँचेटा रोटी आ दुइएटा माछ अछि।
2 तउ ईसू ओनसे कहेस, "तू का सोचत ह कि सबइ गलीलियन दूसर सबइ गलीलियन स जिआदा पापी रहेन काहेकि ओनका इ सबइ बातन भीजे पड़ी?
2 यीशु उत्तर देलथिन, "की अहाँ सभ बुझैत छी जे ई गलील निवासी सभ आओर सभ गलील निवासी सँ अधिक पापी छल जे ओकरा सभ पर ई विपत्ति अयलैक?
" 37 जदि मइँ अपने परमपिता क कारज नाहीं करत अहउँ तउ मोर बिसवास जिन करा, 38 मुला जदि मइँ अपने परमपिता क कारज करत अहउँ, अउर तू मोर बिसवास नाहीं करत अहा, तउ मोरे कारण बिसवास करा जइसे कि तू इ जानि सका कि पिता मोरे अन्दर अहइ अउर मइँ अपने पिता मँ अहउँ।
38 मुदा जँ हम कऽ रहल छी, तँ हमरा पर जँ नहिओ विश्वास करब, तँ हमर काज पर विश्वास करू, जाहि सँ अहाँ सभ जानब और बुझब जे पिता हमरा मे छथि और हम पिता मे छी।
12 पिआरे बच्चो, मइँ तोहका इ बरे लिखत अहउँ, काहेकि ईसू मसीह क कारण तोहरे पापन क छमा कइ दीन्ह गवा अहइ।
12 प्रिय बौआ सभ, हम अहाँ सभ केँ ई बात एहि लेल लिखि रहल छी जे प्रभु यीशु मसीह द्वारा अहाँ सभक पाप माफ भऽ गेल अछि।
14 अब इ जान ल्या कि जे यूनानियन अहइँ उनके अउर जे गैर यूनानियन अहइँ ओनहूँ क, जे होसियार अहइँ उनके अउर जे बेउकूफ अहइँ ओनहूँ क सबइ क हमरे ऊपर सेवा करइ क रिन अहइ।
14 हमरा यूनानी आ गैर-यूनानी सभक प्रति, और ज्ञानी आ अज्ञानी सभक प्रति एक दायित्व निर्वाह करबाक अछि।
2 तू जानत अहा कि जब तू विधर्मी रह्या तब तोहे गूगी जड़ मूर्तियन कइँती जइसेन भटकावा जात रहा, तू वइसेन ही भटकत रह्य।
2. अहाँ सभ केँ बुझले अछि जे जखन अहाँ सभ प्रभु सँ अपरिचित छलहुँ तखन कोनो ने कोनो तरहेँ प्रभावित भऽ अहाँ सभ बौक मुरुत सभक दिस भटकाओल जाइत छलहुँ।
 जउने जगह ईसू क ल्हास रखी रही, हुवाँ उ सफेद कपरा पहिरे दुइ ठु सरगदूत बइठा रहेन, ओहमाँ स एक ठु सिरहाने प बइठा रहा अउर दूसर पइताने प बइठा रहा।
12 ओ उज्जर वस्त्र पहिरने दू स्वर्गदूत केँ ओहिठाम बैसल देखलनि जाहिठाम यीशुक लास राखल गेल छल, एक सीरहान लग और दोसर पौथान लग।
6 जउन मनई मसीह मँ रहत ही पाप मँ नाहीं रहतेन अउर जउन मनई पाप करत ही, उ न तउ ओकर दर्सन करे अहइ, अउर न तउ कबहूँ ओका जाने अहइ।
जे पाप करैत रहैत अछि, से ने हुनका देखने छनि आ ने हुनका चिन्हने छनि।
43 "कउनो भी अइसा उत्तिम बृच्छ नाहीं अहइ जेह पइ बुरा फर लागत होइ।
43 "नीक गाछ मे खराब फल नहि फड़ैत अछि, आ ने खराब गाछ मे नीक फल।
7 तब ईसू ओनसे फिन कहेस, "मइँ तोहका सच्ची सच्ची बात बतावत अहउँ, कि भेड़िन क बरे दरवाजा मइँ अहउँ।
7 तेँ ओ हुनका सभ केँ फेर कहलथिन, "हम अहाँ सभ केँ सत्ये कहैत छी जे, भेँड़ा सभक लेल हमहीं द्वारि छी।
5 का तू अइसेन सोचत ह कि पवित्तर सास्तर अइसेन बेकारइ मँ कहत ह, "परमेस्सर तउ हमरे भित्तर जउन आतिमा दिहे अहइ, उ आतिमा केवल अपने बरे ही सोचत ह।
5 वा की अहाँ सभक विचार मे धर्मशास्त्रक ई कथन निरर्थक अछि जे, परमेश्वर जाहि आत्मा केँ अपना सभ मे वास करौलनि तकरा ओ अपने लेल चाहैत छथि ?
काहेकि इ तउ रोमी नागरिक अहइ!
ई आदमी तँ रोमी नागरिक अछि!
 काहेकि अगर मइँ किहींउ अउर भाखा मँ पराथना करउँ तउ मोर आतिमा त पराथना करत रही होत ह मुला मोरे बुद्धि बेकार रहत ह।
14. किएक तँ जँ हम अनजान भाषा मे प्रार्थना करैत छी तँ हमर आत्मा तँ प्रार्थना करैत अछि मुदा हमर बुद्धि कोनो काजक नहि होइत अछि।
40 तउ तू भी तइयार रहा काहेकि मनई क पूत अइसी घड़ी मँ आई जेका तू सोच नाहीं सकत्या।
अहूँ सभ सदिखन तैयार रहू, कारण मनुष्य-पुत्र एहने समय मे आबि जयताह जाहि समयक लेल अहाँ सभ सोचबो नहि करब जे ओ एखन औताह।
 सेवा कइउ तरह क निस्चित कीन्ह गइ बाटिन मुला हम सब जेकर सेवा करत अही उ पर्भू तउ एक ही अहइ।
5 सेवाक काज सेहो अनेक प्रकारक अछि मुदा एकेटा प्रभु छथि जिनकर सेवा कयल जाइत अछि।
का तू अबहुँ समझत बुझत नाहीं बाट्या?
तुम समझ नही आते हो,
काहेकि मोरे नाउँ स बहोत मनइयन अइहीं अउर कइहीं, 'मइँ मसीह अहउँ' अउर 'समइ आइ पहुँचा अहइ।
5 बहुतो लोक हमर नाम लऽ कऽ आओत आ कहत जे, 'हमहीं उद्धारकर्ता-मसीह छी,' आ बहुतो लोक केँ बहका देत।
11 यहोवा क सरगदूत अउर भी कहेस,"अबहि तू गर्भ धरे अहा अउर तोहका एक पूत होइ।
28 स्वर्गदूत मरियम लग आबि कऽ कहलथिन, "मरियम, आनन्द मनाउ, परमेश्वर अहाँ पर कृपा कयलनि अछि।
45 मनइँ क पूत हु सेवा करावइ नाहीं आइ अहइ मुला उ सेवा करइ आइ अहइ अउर आपन जीउ क बहोतन क छुटकारा बरे आइ अहइ।
[45] किएक तँ मनुष्य-पुत्र सेहो एहि लेल नहि आयल अछि जे अपन सेवा कराबय बल्कि एहि लेल जे ओ सेवा करय और बहुतो लोकक छुटकाराक मूल्य मे अपन प्राण देअय।
54 जब ओकर चेलन याकूब अउर यूहन्ना इ देखेन तउ उ पचे बोलेन, "पर्भू का तू चाहत ह कि हम हुकुम देई कि अकासे स आगी बरिसइ अउर ओनका भसम कइ देइ?
ई बात जखन हुनकर शिष्य याकूब और यूहन्ना देखलनि तँ बाजि उठलाह, "की प्रभु, हम सभ आज्ञा दऽ कऽ एकरा सभ केँ नष्ट करबाक लेल आकाश सँ आगि बरिसाउ?
45 मुला मइँ सच्ची बात कहत अहउँ, तू सबेन्ह इ बरे मोहमाँ बिसवास नाहीं करत अहा।
जँ हम सत्य बजैत छी तँ हमर विश्वास किएक नहि करैत छी?
16. काहेकि अगर मरा भवा नाहीं जियाइ जात ह तउ मसीह क भी नाहीं जियावा गवा।
13 जँ मरल सभ जिआओल नहि जायत तँ मसीहो नहि जिआओल गेल छथि।
29 काहेकि हमार परमेस्सर भस्म कइ डावइवाली एक आग अहइ।
29 कारण, "अपना सभक परमेश्वर भस्म करऽ वला आगि छथि।
"सुरआत मँ इ सब बात मइँ तोहका नाहीं बताए रहेउँ, काहेकि मइँ तोहरे साथ रहेउँ।
"ई बात सभ हम शुरू सँ नहि कहलहुँ, कारण हम अहाँ सभक संग छलहुँ।
9 ईसू ओसे कहेस, "इ घरे प आज उद्धार आइ गवा ह, काहेकि इ मनई भी इब्राहीम क ही संतान अहइ।
" 9 यीशु कहलथिन, "आइ एहि घर मे उद्धार आयल अछि, किएक तँ इहो मनुष्य अब्राहमक सन्तान अछि।
पर मइँ अपने आपके तोहरे "बड़ेन प्रेरितन" से बिलकुस छोट नाहीं मानत अहउँ।
5. हम अपना केँ ओहि "महा मसीह-दूत सभ" सँ कनेको कम नहि बुझैत छी।
30 इ उहइ अहइ जेकरे बावत मइँ बताए रहेउँ, 'एक मनई मोरे बाद आवइवाला अहइ, जउन मोसे भी महान अहइ, उ मोसे भी आगे अहइ, उ मोसे पहले स मौजूद रहा।
30ई वैह छथि जिनका विषय मे हम कहलहुँ जे, हमरा बाद मे एक व्यक्ति अबैत छथि जे हमरा सँ श्रेष्ठ छथि किएक तँ हमर जन्मो सँ पहिनहि ओ छलाह।
 अउर का तू नाहीं जानत अहा कि तोहार सरीर ओह पवित्तर आतिमा क मंदिर अहइ जेका तू परमेस्सर स पाए अहा अउर जेका तू आपन बनाइ क न रख सक्या।
19 की अहाँ सभ नहि जनैत छी जे अहाँ सभक शरीर परमेश्वरक पवित्र आत्माक मन्दिर अछि, जे आत्मा अहाँ सभ मे वास करैत छथि आ जे अहाँ सभ केँ परमेश्वर सँ प्राप्त भेल छथि?
17. बल्कि उ तउ जब रोम आवा रहा, जब तलक मोसे मिल नाहीं लिहेस, जतन स मोका निरन्तर ढूँढ़त रहा।
बल्कि रोम पहुँचि कऽ हमर पता लगयबाक लेल बहुतो कष्ट उठौलनि आ हमरा सँ भेँट कयलनि।