30 मोर परमपिता अउर मइँ दुइनउँ एक अही।
पितृपितामहप्रपितामहेभ्योऽपि चैव ह ।


फिर भई लदका सेहमत न होई
फिर वह घाटी पर से होकर (क्यों) नहीं गुज़रा

&nbspमइँ इ तउ नाहीं चाहित कि उहाँ स जात-जात ही बस तोहसे मिल लेउँ बल्कि मोका तउ आसा बा कि मइँ अगर पर्भू चाही तउ कछू समइ तोहरे साथे रहबइ।
क्योंकि मैं अब मार्ग में तुम से भेंट करना नहीं चाहता; परन्तु मुझे आशा है कि यदि प्रभु चाहे तो कुछ समय तक तुम्हारे साथ रहूँगा।

इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
सारे शहर में खुशियाँ ही खुशियाँ,

30 मोर परमपिता अउर मइँ दुइनउँ एक अही।
मातृपितामहीप्रपितामहीभ्योऽपि चैव ह ।

44 "फिन उ सबइ भी जवाबे मँ ओसे पुछिहइँ, 'पर्भू, हम तोहका भूखा या पिआसा या अनजान या बिना ओढ़ना क बेवस्तर या बेरमिया या गिरप्तार कब लखा अउर तोहार सेवा नाहीं कीन्ह?
44 "तब वे भी उत्तर देंगे, 'प्रभु, भला कब हमने आपको भूखा, प्यासा, परदेशी, वस्त्रों की ज़रूरत में या रोगी तथा बन्दीगृह में देखा और आपकी सुधि न ली?

15जइसेन कि तू जानत ह कि उ सभन जउन एसिया मँ रहत हीं, मोका छोड़ ग रहेन।
15 तुम्हें यह मालूम ही है कि आसिया प्रदेश के सभी विश्वासी मुझ से दूर हो गए हैं.

30 मोर परमपिता अउर मइँ दुइनउँ एक अही।
मातुलांश्चं पितृव्यांश्च श्वशुरानृत्विजो गुरुन ।

हम घबरान अही मुला निरास नाहीं अही 9 हमका यातना दीन्ह जात ह, पर हम खतम नाही अही हम झुकाइ दीन्ह जात अही, पर नस्ट नाहीं होइत।
सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।

30 मोर परमपिता अउर मइँ दुइनउँ एक अही।
पित्रा निर्वासितश्चाहं न च वेद्म्यथ किंचन ।

तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही।
परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है,

मोका बतावा कि तोहरे घरे मँ का अहइ?
मुझे बताओ, क्या आप अपने घर में क्या है?

इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
और उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ॥

इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
नगर के सभा लोग बहुत प्रसन्न हुए॥

जिय राजा, खुस कै दिहिल.
राजे जी, आपसे मिलकर प्रसन्नता हुई है.

साधु समाधि लगावत है तिन तिन का तुम्हीं तरती हो,
और तुम लोग तीन किस्म हो जाओगे

44 "फिन उ सबइ भी जवाबे मँ ओसे पुछिहइँ, 'पर्भू, हम तोहका भूखा या पिआसा या अनजान या बिना ओढ़ना क बेवस्तर या बेरमिया या गिरप्तार कब लखा अउर तोहार सेवा नाहीं कीन्ह?
44. "तब वे उत्तर देंगे, 'हे प्रभु, हमने तुझे कब भूखा, या प्यासा, या परदेशी, या नंगा, या बीमार, या बन्दीगृह में देखा, और तेरी सेवा टहल न की?

37. तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही।
३७ परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, विजेता से भी बढ़कर हैं।

इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
8 और उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ॥

29 काहेकि हमार परमेस्सर भस्म कइ डावइवाली एक आग अहइ।
क्योंकि हमारा परमेश्वर भस्म करने वाली आग है॥

18 दूसर दिन अलख भिन्सारे जब उ सहर लउटत रहा तउ ओका भूख लागि।
भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उसे भूख लगी।

साधु समाधि लगावत है तिन तिन का तुम्हीं तरती हो,
ख़ुदा महफूज़ रखें आपको तीनों बलाओं से ,

साधु समाधि लगावत है तिन तिन का तुम्हीं तरती हो,
और तुम लोग तीन प्रकार के हो जाओगे -

तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही।
पर सब से प्यारा यार मिला हमको,

साधु समाधि लगावत है तिन तिन का तुम्हीं तरती हो,
ख़ुदा महफूज़ रखें आपको तीनों बलाओं से,

इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
नगर - नगर वैभव खुशहाली,

9. इही बरे हमार ई अभिलास बा कि हम चाहे हियाँ अपने सरीर मँ रही अउर चाहे हुआँ पर्भू क साथ, ओका अच्छा लागत रहइ।
इस कारण हमारे मन की उमंग यह है कि चाहे साथ रहें चाहे अलग रहें, पर हम उसे भाते रहें।

37. तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही।
जो भी प्यार से मिला हम उसी के हो गए ।

वाले घलव लिखे रिहिन -
उस ने इस प्रकार की चिट्ठी भी लिखी;

जेतने का ट्रक का जरूरत होय,
जितना ट्रक को जरूरत है,

38 मुला जदि मइँ अपने परमपिता क कारज करत अहउँ, अउर तू मोर बिसवास नाहीं करत अहा, तउ मोरे कारण बिसवास करा जइसे कि तू इ जानि सका कि पिता मोरे अन्दर अहइ अउर मइँ अपने पिता मँ अहउँ।
38परन्तु यदि मैं करता हूँ, तो चाहे मेरा विश्वास न भी करो, परन्तु उन कामों पर विश्वास करो, ताकि तुम जानो, और समझो, कि पिता मुझ में है, और मैं पिता में हूँ।

57. फिन इलीसिबा क बचवा पइदा करइ क समइ आइ अउर ओकरे एक बेटवा पइदा भवा।
तब एलीशिबा के जनने का समय पूरा हुआ, और वह पुत्र जनी।

15. होइ सकत ह कि ओका थोड़े समइ क बरे तोहसे दूर रहइ क कारण इहइ होइ तू ओका फिन हमेसा बरे पाइ ल्या।
क्योंकि मुम्किन है कि वो तुझ से इसलिए थोड़ी देर के वास्ते जुदा हुआ हो कि हमेशा तेरे पास रहे (aiōnios g166)

17. बल्कि उ तउ जब रोम आवा रहा, जब तलक मोसे मिल नाहीं लिहेस, जतन स मोका निरन्तर ढूँढ़त रहा।
ठुमक ठुमक कर इसने मेरा रोम रोम हरषाया है,

14 मुला किसानन जब ओकरे बेटवा का लखेन तउ आपुस मँ सोच बिचारि करत भए बोलेन, 'इ तउ बारिस अहइ, आवा ऍका मारि डाइ जेहसे बारिस हमार होइ जाइ!
जब किसानों ने उसे देखा तो आपस में विचार करने लगे, 'यह तो वारिस है; आओ, हम उसे मार डालें, कि विरासत हमारी हो जाए।

काहेकि सच मँ जदि उ अपने उ भाई स पिरेम नाहीं करत जेका कि उ देखे अहइ, तउ उ परमेस्सर स कइसे पिरेम कइ सकत ह, जेका उ देखे नाहीं अहइ।
क्योंकि जो अपने भाई से, जिस उस ने देखा है, प्रेम नहीं रखता, तो वह परमेश्वर से भी जिसे उस ने नहीं देखा, प्रेम नहीं रख सकता।

तू अहा दयालु अउर करुणापूर्ण,
ऐ खुदा , तेरी रहमत बड़ी की तू बड़ा है

"कहीं बाहर जा रही है, अंजू?
"कहीं बाहर जा रही है अंजू ?

साधु समाधि लगावत है तिन तिन का तुम्हीं तरती हो,
और जब तक तुम तीसरे का रुख करोगे

27. तू सबन मँ का कउनो अइसा अहइ कि फिकिर कइके आपन जिन्नगी मँ एक घड़ी भी अउ बढ़ाइ सकत ह
तुम में ऐसा कोन है जो फ़िक्र करके अपनी उम्र में एक घड़ी बढ़ा सके?

अह्यन अल्लाह का रहमत
अर रहमान - अल्लाह दयालु है

अह्यन अल्लाह का रहमत
जो बड़ा मेहरबान है

साधु समाधि लगावत है तिन तिन का तुम्हीं तरती हो,
हारे के सहारे तुम हो तुम तीन बाण के धारी,

(i) क्या सीमा एक घंटे से भोजन पका रही होगी?
(ii) कल वह एक घंटे से भोजन पका रही होगी।

8 हमार एक छोटकी बहिन अहइ,
8 हमारी एक छोटी बहन है,

30 मोर परमपिता अउर मइँ दुइनउँ एक अही।
ईसा ने कहाः "मैं और पिता एक ही हैं।

अह्यन अल्लाह का रहमत
(बहुत रहम वाला)

7 तउ का परमेस्सर आपन चुना भए मनइयन प धियान न देइ कि ओनका, जउन ओका राति दिन टेरत हीं, निआव मिलइ?
"तो क्या परमेश्वर अपने चुने हुओं का न्याय न करेगा जो रात दिन उसे पुकारते रहते हैं?

होई नाही कुशल जब तोहरा के पाखे-
कि तुम्हें देख सकूँ उठते-बैठते आते-जाते

27 अउ तोहमाँ जउन कउनो पहिला बनब चाही, ओका तोहार गुलाम जरूर बनइ क होई।
लेकिन जो कोई भी आप के बीच अधिक से अधिक होना चाहता हूँ जाएगा, उसे अपने सेवक बने.